Alcohol: दुनिया भर में शराब की खपत को लेकर एक दिलचस्प आंकड़ा सामने आया है. ग्लोबल स्तर पर जिन देशों में प्रति व्यक्ति शराब की खपत सबसे ज्यादा है, उनमें से अधिकांश यूरोप के हैं. टॉप 10 में से 8 देश यूरोप से आते हैं. वहीं, जिन देशों में शराब की खपत सबसे कम है, उनमें से अधिकतर इस्लामी देश हैं, जहां धार्मिक और कानूनी कारणों से शराब पर प्रतिबंध या सीमित उपयोग होता है.
सबसे ज्यादा शराब पीने वाले देशों में मोल्दोवा पहले स्थान पर है. यह पूर्वी यूरोप का एक छोटा देश है जिसकी आबादी लगभग 24.6 लाख है. यहां हर व्यक्ति औसतन साल में 15.2 लीटर प्योर अल्कोहल (शुद्ध शराब) का सेवन करता है. मोल्दोवा की प्रति व्यक्ति जीडीपी 6,729.41 डॉलर है और यह पहले सोवियत संघ का हिस्सा था.

इस सूची में दूसरे नंबर पर लिथुआनिया है, जहां प्रति व्यक्ति सालाना 15 लीटर शराब की खपत होती है. इसके बाद चेक गणराज्य (14.4 लीटर), सेशेल्स (13.8 लीटर), जर्मनी और नाइजीरिया (दोनों 13.4 लीटर), आयरलैंड (13 लीटर), लात्विया (12.9 लीटर), बुल्गारिया (12.7 लीटर) और फ्रांस (12.6 लीटर) शामिल हैं. इनके अलावा पुर्तगाल, बेल्जियम, रूस, ऑस्ट्रिया, एस्तोनिया, पोलैंड और स्विट्जरलैंड भी उच्च खपत वाले देशों में आते हैं.

भारत इस सूची में अपेक्षाकृत नीचे है, जहां औसतन एक व्यक्ति साल में 5.7 लीटर प्योर अल्कोहल का सेवन करता है. वहीं दूसरी ओर, दुनिया में कुछ ऐसे देश भी हैं जहां शराब की खपत नाममात्र है या बिल्कुल नहीं है. कुवैत एकमात्र ऐसा देश है जहां शराब की खपत शून्य है. इसके अलावा सऊदी अरब (0.2 लीटर), पाकिस्तान (0.3 लीटर), मिस्र (0.4 लीटर), नाइजर (0.5 लीटर), इंडोनेशिया (0.8 लीटर), ईरान (1 लीटर), तुर्की (2 लीटर), सिंगापुर और यूएई (दोनों क्रमशः 2.5 और 3.8 लीटर) जैसे देशों में भी खपत बहुत कम है.
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि शराब की खपत में सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक और कानूनी कारक बड़ी भूमिका निभाते हैं. यूरोप जैसे क्षेत्रों में जहां शराब सामाजिक रूप से स्वीकार्य है, वहां खपत अधिक है, जबकि इस्लामी देशों में यह बेहद सीमित है या पूरी तरह प्रतिबंधित है.
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