Nuclear Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था. इस तनावपूर्ण माहौल में पाकिस्तान की ओर से बार-बार परमाणु हमले की धमकियां दी जा रही थीं. पाकिस्तान के कई मंत्रियों ने खुले मंचों से भारत पर परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की बात कही. इसके बावजूद भारत ने पीछे हटने की बजाय दृढ़ता दिखाई और पाकिस्तान के भीतर घुसकर आतंकियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया. इस सैन्य कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच हालात बेहद गंभीर हो गए थे.
भारत द्वारा की गई इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया. यह ऑपरेशन 7 मई की सुबह शुरू हुआ, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े लगभग 100 आतंकवादियों को मार गिराया गया और 9 बड़े आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया.
भारत के हमले के जवाब में पाकिस्तान ने भी ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने अधिकतर प्रयासों को विफल कर दिया. दोनों देशों के बीच मिसाइलों और ड्रोन के माध्यम से हुई इस झड़प को 1971 के बाद की सबसे बड़ी टकराव माना जा रहा है. इस दौरान पाकिस्तान ने भारत के हमले को ‘युद्ध’ करार दिया, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने एक नया बयान देकर सबको चौंका दिया.
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डार ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान ने कभी भी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार नहीं किया. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत पर परमाणु हमला करने की कोई योजना नहीं बनाई थी. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत के हमलों के जवाब में पाकिस्तान के पास आत्मरक्षा के अलावा कोई विकल्प नहीं था.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम पर सहमति बनी. हालांकि पाकिस्तान की ओर से सीमित उल्लंघन की कोशिशें अब भी देखी जा रही हैं. डार ने कहा कि दोनों देशों के बीच वार्ता अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है और आगे भी बातचीत की संभावनाएं हैं.
इस बीच भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने सिर्फ अपने सैन्य अभियान को रोका है, खत्म नहीं किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को एक नई दिशा दी है. पीएम मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत किसी भी तरह के ‘परमाणु ब्लैकमेल’ को सहन नहीं करेगा. उन्होंने यह भी बताया कि भारत के सख्त रुख के बाद पाकिस्तान दुनिया से बार-बार शांति की अपील करता नजर आया.
इस घटनाक्रम ने न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा को प्रभावित किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ाई. भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंक के खिलाफ किसी भी हद तक जाने को तैयार है और परमाणु धमकियों से डरकर पीछे नहीं हटेगा.
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