Awami League: बांग्लादेश में संचालित राजनीतिक पार्टी अवामी लीग का पंजीकरण चुनाव आयोग द्वारा रद्द कर दिया गया है. यह फैसला गृह मंत्रालय की ओर से एक गजट अधिसूचना जारी कर लिया गया. सोमवार की रात 9 बजे के करीब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग के वरिष्ठ सचिव अख्तर अहमद ने इस बात की जानकारी दी. उनका कहना है कि यह फैसला कानून के अनुसार और वर्तमान की स्थिति को देखते हुए लिया गया है.
किस आधार पर रद्द किया गया पंजीकरण
गृह मंत्रालय द्वारा अवामी लीग का पंजीकरण आतंकवाद विरोधी (संशोधन) अध्यादेश और आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धारा 18(1) के तहत रद्द किया गया है. जारी आदेश पर वरिष्ठ सचिव अख्तर अहमद द्वारा हस्ताक्षर कर इस बांग्लादेश के सरकारी प्रेस के उप निदेशक को भेजा गया है, ताकि यह आधिकारिक गजट में प्रकाशित हो सके.
प्रतिबंध कब तक जारी रहेगा?
सरकार द्वारा जारी इस आदेश के अनुसार अवामी लीग और इससे जुड़े सभी संगठनों पर रोक लगा दी गई है. अब पार्टी किसी भी तरह की सार्वजनिक गतिविधियां नहीं कर सकेगी. यह प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा जब तक इन संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में चल रही कानूनी कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती है.
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अवामी लीग के खिलाफ किया प्रर्दशन
इससे पहले मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के अवामी लीग के खिलाफ तीन दिनों तक लगातार प्रदर्शन किया था. जिसके बाद पार्टी द्वारा शनिवार को अवामी लीग की गतिविधियों पर रोक लगाने की घोषणा भी की गई थी. जिसके बाद सोमवार को गजट अधिसूचना जारी कर आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा कर दी गई. इस अधिसूचना के अनुसार अब पार्टी कोई भी सार्वजनिक गतिविधि जैसे मीडिया में बयान देना, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर प्रचार करना, रैलियां, सभाएं, बैठकें या सम्मेलन नहीं कर सकेगी.
अवामी लीग के बारे में जानें
अवामी लीग बांग्लादेश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टियों में से एक है, इसका गठन 1949 में हुआ था. जिसका नेतृत्व बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा देश छोड़ने से पहले तक किया जाता था. शेख हसीना द्वारा 16 सालों तक इस पार्टी का नेतृत्व किया गया था. लेकिन 2024 में छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद स्थितियां बदल गईं. जिसके बाद से ही यूनुस की अंतरिम सरकार देश का कार्यभार संभाल रही है.
यह भी पढ़े : West Singhbhum News : ”मरीजों की नि:स्वार्थ भाव से सेवा करती हैं नर्सें”