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1 करोड़ के पार पहुंची इजरायल की आबादी, अकेले कई दुश्मन देशों से जूझ रहा यहूदी राष्ट्र



Israel Population: इजरायल की कुल जनसंख्या पहली बार 1 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है. 1948 में देश की स्थापना के बाद यह पहली बार हुआ है जब यहूदी राष्ट्र की आबादी 10.1 मिलियन यानी एक करोड़ दस लाख के पार पहुंची है. पिछले 75 वर्षों में यहूदी देश की जनसंख्या में लगभग 12 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इजरायल के जनसांख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बीते वर्ष की तुलना में देश की जनसंख्या में करीब 1.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो कि 1 लाख 35 हजार के आसपास है.

हालांकि इजरायल की कुल आबादी 1 करोड़ से पार हो चुकी है, लेकिन यहूदी समुदाय की संख्या अब भी 80 लाख के आंकड़े तक नहीं पहुंची है. फिलहाल यहूदी इजरायल की कुल जनसंख्या का करीब 77.6 प्रतिशत हिस्सा हैं. बाकी आबादी में लगभग 2.1 मिलियन यानी करीब 20 फीसदी लोग मुस्लिम, ईसाई और अरब समुदाय से हैं. इसके अलावा करीब 2.5 प्रतिशत (करीब ढाई लाख) लोग ऐसे भी हैं जो किसी भी धार्मिक या जातीय वर्ग में नहीं आते. इनमें विदेशी छात्र, प्रवासी मजदूर और वे लोग शामिल हैं जो अवैध रूप से देश में रह रहे हैं.

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पिछले एक साल में इजरायल में 1 लाख 74 हजार बच्चों का जन्म हुआ, वहीं 50 हजार लोगों की मृत्यु हुई. साथ ही 28 हजार लोग अन्य देशों से इजरायल आकर वहां बस गए हैं. ये आंकड़े इजरायल की जनसंख्या में स्थिर लेकिन सकारात्मक वृद्धि को दर्शाते हैं.

देश की जनसंख्या संरचना में युवा वर्ग की भागीदारी भी उल्लेखनीय है. इजरायल की आबादी में 18 वर्ष से कम आयु के नागरिकों की संख्या 27 प्रतिशत है, जो भविष्य के लिए देश को जनसांख्यिकीय रूप से मजबूत बनाती है. इसके अलावा 13 फीसदी नागरिक 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं.

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इजरायल की आबादी चाहे बहुत बड़ी न हो, लेकिन उसमें हो रही स्थिर वृद्धि यहूदी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है. इसके साथ ही, देश से बाहर जाकर बसने वाले इजरायलियों की संख्या में भी गिरावट आई है. वर्तमान में केवल 56 हजार इजरायली ही विदेशों में रह रहे हैं. यह प्रवृत्ति दर्शाती है कि अब नागरिक देश में ही रहना और काम करना पसंद कर रहे हैं.

1948 में देश की स्थापना के बाद से अब तक करीब 35 लाख लोग विदेशों से आकर इजरायल में बस चुके हैं. इन प्रवासियों में से बड़ी संख्या उन लोगों की है जो 1990 के बाद आए, खासकर सोवियत संघ के विघटन के बाद. उस दौर में बड़ी संख्या में यहूदियों को इजरायल में बसने की अनुमति दी गई थी. यह सब मिलकर इजरायल को एक स्थिर और बढ़ती हुई जनसंख्या वाला राष्ट्र बना रहे हैं.

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