Seema Haider: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए देश में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर उन्हें पाकिस्तान वापस भेजने का आदेश जारी किया है. इस फैसले के तहत उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों पाकिस्तानी नागरिकों को उनके वतन भेजा जा चुका है. हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया के बीच सीमा हैदर का मामला अभी भी उलझा हुआ है और उस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट की पुलिस ने सीमा हैदर के मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. पुलिस का कहना है कि सीमा के दस्तावेजों की जांच विदेशी पंजीकरण कार्यालय (एफआरओ) से करवाई जा रही है, लेकिन अभी तक वहां से रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है. दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी न होने की वजह से न तो कोई चार्जशीट दाखिल की जा सकी है और न ही कोई कानूनी निर्णय लिया जा सका है.
सीमा हैदर ने भारत में नागरिकता के लिए आवेदन दिया हुआ है और वह लगातार यह कहती रही हैं कि अब उनकी पूरी जिंदगी भारत में ही बस चुकी है. उन्होंने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है और भारतीय नागरिक सचिन मीणा से विवाह कर लिया है. सीमा के वकील एपी सिंह का कहना है कि उन्होंने सभी जरूरी दस्तावेज जमा कर दिए हैं और वह कानूनी रूप से भारत में रहने का अधिकार चाहती हैं.
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पुलिस अधिकारियों का मानना है कि सीमा हैदर का मामला बाकी पाकिस्तानी नागरिकों से अलग है क्योंकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और इसमें धार्मिक, सामाजिक और कानूनी पहलुओं का समावेश है. जब तक एफआरओ से आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिल जाती और अदालत से निर्देश प्राप्त नहीं होता, तब तक कोई कठोर कार्रवाई संभव नहीं है.
जहां एक ओर भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी को लेकर तेजी दिखाई है, वहीं सीमा हैदर का मामला राजनीतिक और सामाजिक बहस का केंद्र बना हुआ है. उसकी भारत में स्थायी रूप से रहने की इच्छा और हिंदू धर्म अपनाने के फैसले ने इस मामले को और अधिक संवेदनशील बना दिया है.
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