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अग्नि-पृथ्वी VS शाहीन-गौरी में खतरनाक मिसाइल कौन? जंग हुई थी कौन जीतेगा? 



Missile: पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं. दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच हालात तेजी से बिगड़ते नजर आ रहे हैं. भारत ने जहां सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है, वहीं पाकिस्तान ने भी प्रतिक्रिया में शिमला समझौते को सस्पेंड करने की घोषणा कर दी है. इस स्थिति के बाद नियंत्रण रेखा (LoC) पर भी हालात गंभीर हो गए हैं. गुरुवार रात पाकिस्तानी सेना ने कई इलाकों में बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया. ऐसे में स्थिति और अधिक गंभीर होने की आशंका है, क्योंकि दोनों देशों के पास अत्याधुनिक परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइलें मौजूद हैं.

मिसाइल क्षमताओं में भारत और पाकिस्तान की तुलना

भारत और पाकिस्तान दोनों के पास ऐसी मिसाइलें हैं जो एक-दूसरे के अहम और रणनीतिक ठिकानों को निशाना बना सकती हैं. जहां पाकिस्तान ने अपनी मिसाइल रेंज में सुधार कर भारत के अधिकतर हिस्सों को टारगेट करने लायक बना लिया है, वहीं भारत पहले से ही पूरे पाकिस्तान को निशाना बनाने में सक्षम है. अब भारत की मिसाइल क्षमताएं चीन के बड़े शहरों जैसे बीजिंग और शंघाई तक पहुंचने लगी हैं.

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भारत की मिसाइल प्रणाली

भारत ने अपनी मिसाइल प्रणाली का विकास स्वदेशी तकनीक के माध्यम से किया है. भारत की पहली बैलिस्टिक मिसाइल ‘पृथ्वी’ थी, जिसका परीक्षण 1988 में हुआ था. इसके बाद भारत ने ‘अग्नि’ श्रृंखला की मिसाइलों का निर्माण किया, जिनकी मारक क्षमता और तकनीक में निरंतर सुधार होता रहा.

पृथ्वी-1: 150 किलोमीटर रेंज, थलसेना के लिए.

पृथ्वी-2: 250-350 किलोमीटर रेंज, वायुसेना के लिए.

पृथ्वी-3: 350+ किलोमीटर रेंज.

अग्नि-1: 700 किलोमीटर रेंज.

अग्नि-2: 2,000 किलोमीटर रेंज.

अग्नि-3: 3,000 किलोमीटर से अधिक रेंज.

अग्नि-4: 4,000 किलोमीटर रेंज.

अग्नि-5: 5,000 किलोमीटर से अधिक रेंज, इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM).

अग्नि प्राइम और अग्नि-6: उन्नत बैलिस्टिक मिसाइलें, जो निर्माणाधीन हैं.

अग्नि मिसाइलों को विशेष रूप से परमाणु हथियार ले जाने और दूरदराज के लक्ष्यों को सटीकता से भेदने के लिए डिजाइन किया गया है. भारत वर्तमान में MIRV तकनीक पर भी काम कर रहा है, जो एक ही मिसाइल से कई लक्ष्यों पर अलग-अलग वार करने की क्षमता देती है.

पाकिस्तान की मिसाइल प्रणाली

पाकिस्तान की मिसाइल क्षमताएं काफी हद तक चीन और उत्तर कोरिया की तकनीक पर आधारित रही हैं. उसकी गौरी और शाहीन श्रृंखला की मिसाइलें उन्हीं देशों की मिसाइलों से प्रेरित हैं.

गौरी-1: लगभग 1,100 किलोमीटर रेंज.

गौरी-2: 1,800–2,000 किलोमीटर रेंज.

शाहीन-1: 750 किलोमीटर रेंज.

शाहीन-2: 1,500–2,000 किलोमीटर रेंज.

शाहीन-3: 2,750 किलोमीटर रेंज.

हालांकि पाकिस्तान की इन मिसाइलों की मारक क्षमता बढ़ी है, लेकिन उनकी तकनीकी विश्वसनीयता और सटीकता भारतीय मिसाइलों के मुकाबले कम मानी जाती है.

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पेलोड क्षमता और परमाणु हथियार

भारत और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइलें हैं. दोनों देशों की मिसाइलें 500 से 1,500 किलोग्राम तक पेलोड ले जा सकती हैं. भारत की मिसाइल प्रणाली न केवल अधिक विश्वसनीय मानी जाती है बल्कि इसमें आधुनिक तकनीकी सुधार भी शामिल हैं, जैसे कि MIRV प्रणाली. यह प्रणाली भारत को एक ही मिसाइल से कई स्थानों पर परमाणु हमले करने की क्षमता प्रदान करेगी.

भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालात बेहद संवेदनशील हैं. दोनों देशों की मिसाइल ताकतें एक-दूसरे के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं, अगर स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती है. हालांकि भारत की मिसाइल तकनीक और रणनीतिक योजना अधिक परिपक्व और उन्नत मानी जाती है, लेकिन किसी भी स्थिति में तनाव बढ़ना क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए खतरा बन सकता है. ऐसे में कूटनीतिक प्रयासों से ही हालात को संभालना समय की सबसे बड़ी जरूरत है.

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