Weird News: केन्या में एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस ने बेल्जियम के दो युवाओं को चीटियों की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया है. यह घटना 5 अप्रैल को घटित हुई, जब 19 वर्षीय लोनॉर्य डेविड और सेप्पे लोडेविज्क्स को एक गेस्ट हाउस से 5,000 चीटियों के साथ गिरफ्तार किया गया. इन चीटियों की कीमत करीब 9,200 डॉलर (लगभग 7 लाख रुपये) बताई जा रही है. पुलिस का मानना है कि ये चीटियां यूरोपीय और एशियाई बाजारों में तस्करी के लिए भेजी जानी थीं.
जांच में सामने आया कि दोनों बेल्जियम के नागरिक थे और वे केन्या में पर्यटक वीजा पर आए थे. नेवाशा नामक पश्चिमी शहर में स्थित एक गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे, जो अपने पशु पार्क और झीलों के लिए प्रसिद्ध है. इन दोनों युवाओं ने कोर्ट में अपना बचाव पेश करते हुए कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि चीटियों की तस्करी अवैध है. उनका कहना था कि वे सिर्फ मनोरंजन के लिए यह काम कर रहे थे.
इसे भी पढ़ें: ‘मुस्लिम धर्म’ छोड़ हिंदू बनेंगे इरफान खान, जानिए क्या होगा सरनेम?
केन्या वन्यजीव सेवा समिति के अनुसार, यह घटना वन्यजीव तस्करी के रुझानों में बदलाव को दर्शाती है. पहले बड़ी प्रजातियों जैसे हाथी और शेरों की तस्करी होती थी, लेकिन अब छोटे, पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण प्रजातियां जैसे कि चीटियां भी तस्करी का शिकार बन रही हैं. इन चीटियों की प्रजाति “मेसेर सेफेलोट्स” है, जो पूर्वी अफ्रीका में पाई जाती है और बड़ी लाल रंग की हार्वेस्टर चीटी के रूप में जानी जाती है.
इस मामले को लेकर केन्या की अदालत ने इस मामले में जल्दबाजी करने से इंकार किया है और जज नजेरी थुकू ने 7 मई को इस मामले की सुनवाई के दौरान इसके पर्यावरणीय प्रभाव और युवाओं की मानसिक स्थिति पर रिपोर्ट मांगने की बात की है. इस समय चींटियों की तस्करी की घटनाएं बढ़ रही हैं, और इससे जुड़े मामले सामने आते रहते हैं. एक अन्य तस्करी मामले में, एक कैन्याई और एक वियतनामी शख्स के पास से 400 चीटियां मिली थीं.
इसे भी पढ़ें: अग्नि-पृथ्वी VS शाहीन-गौरी में खतरनाक मिसाइल कौन? जंग हुई थी कौन जीतेगा?
इन चीटियों को विशेष रूप से उन लोगों द्वारा खरीदा जाता है, जो उन्हें पालतू के रूप में रखना चाहते हैं या अपनी कॉलोनियों में पालते हैं. यूरोप की कई वेबसाइटों पर इन चीटियों की बिक्री के लिए अलग-अलग कीमतें रखी गई हैं. केन्या में चीटियों की तस्करी के इस बढ़ते रुझान ने वन्यजीव संरक्षण की चुनौती को और बढ़ा दिया है, और इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है.