Donald Trump Imposes Tariff On China: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए उस पर 125% का भारी-भरकम आयात शुल्क (टैरिफ) लगा दिया है. इस फैसले से यह स्पष्ट संकेत गया है कि अब अमेरिका वैश्विक व्यापार में किसी भी तरह की अनुचित और असंतुलित नीति को बर्दाश्त नहीं करेगा. इस निर्णय से जहां चीन को बड़ा आर्थिक झटका लगा है, वहीं भारत सहित कई अन्य देशों को इससे राहत मिलती दिख रही है.
अमेरिका ने हालांकि दर्जनों देशों पर लगाए गए टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया है, लेकिन चीन को इस राहत से पूरी तरह बाहर रखा गया है. अमेरिका ने यह भी कहा है कि जो देश बातचीत के लिए आगे आ रहे हैं, उनके लिए टैरिफ को 10% की आधार रेखा (बेसलाइन) तक लाया जा सकता है. भारत को इसका फायदा हुआ है, क्योंकि अमेरिका ने भारत पर लगाए गए 26% आयात शुल्क में दवाइयों और सेमीकंडक्टर सेक्टर को छूट दी है. इसके अलावा, भारत को भी 90 दिनों की छूट दी गई है, जिससे भारत के व्यापारिक क्षेत्र में नई संभावनाएं उभरी हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से अब अमेरिकी और अन्य वैश्विक कंपनियां चीन की बजाय भारत जैसे देशों की ओर रुख कर सकती हैं. भारत को स्थिर व्यापारिक माहौल और अपेक्षाकृत कम टैरिफ दरों का लाभ मिल सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर सकारात्मक रुख दिखा चुके हैं और उम्मीद की जा रही है कि यह समझौता जल्द ही अंतिम रूप ले सकता है.
अमेरिकी प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह कदम ट्रेड वॉर (व्यापार युद्ध) का हिस्सा नहीं है, बल्कि उन देशों के खिलाफ कार्रवाई है जो वैश्विक व्यापार में असंतुलन पैदा कर रहे हैं. अमेरिका के वित्त सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने बिना चीन का नाम लिए यह स्पष्ट संकेत दिया कि अमेरिका की नजर किस पर है. उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका वर्तमान में जापान, साउथ कोरिया, वियतनाम और भारत जैसे देशों के साथ बातचीत कर रहा है.
इसे भी पढ़ें: हज के लिए कैसे लें सऊदी अरब का वीजा? उमराह के लिए मक्का-मदीना कैसे जाएं?
चीन ने इस अमेरिकी कार्रवाई का जवाब देते हुए 10 अप्रैल से अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर 84% कर दिया है, जो पहले 34% था. इसके जवाब में ट्रंप प्रशासन ने चीन पर और भी कठोर रुख अपनाते हुए 125% टैरिफ लगाने का एलान कर दिया. बेसेन्ट का कहना है कि यह रणनीति अब तक सफल रही है क्योंकि 75 से अधिक देश अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता के लिए आगे आ चुके हैं. इस तरह, अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव लगातार बढ़ रहा है, लेकिन भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह एक अवसर बनकर सामने आया है.
इसे भी पढ़ें: 14 महीने तक नहीं किया पेशाब, जानें क्यों?