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12 महीनों में डोनाल्ड ट्रंप की संपत्ति दोगुनी, जानिए क्या था उनका मास्टरस्ट्रोक



Donald Trump Wealth: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने आलोचकों को गलत साबित कर दिखाया है. फोर्ब्स की 2025 की अरबपतियों की सूची में उन्होंने 5.1 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति के साथ 700वें स्थान पर जगह बनाई है. यह उपलब्धि तब और भी खास हो जाती है जब हम पिछले साल की स्थिति को देखें—2024 में ट्रंप का आर्थिक भविष्य गहरे संकट में नजर आ रहा था. वे कई कानूनी मामलों में उलझे हुए थे और उनकी कई संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू होने वाली थी.

ट्रंप की वित्तीय परेशानी तब शुरू हुई जब न्यूयॉर्क की एक अदालत ने यह निर्णय सुनाया कि उन्होंने अनुकूल ऋण शर्तें हासिल करने के लिए अपनी संपत्तियों की कीमत बढ़ा-चढ़ाकर पेश की थी. अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स ने ट्रंप की कई प्रमुख संपत्तियों, विशेष रूप से प्रतिष्ठित 40 वॉल स्ट्रीट बिल्डिंग को जब्त करने का संकेत दिया. उस समय ट्रंप के पास नकदी के रूप में केवल 413 मिलियन डॉलर बचे थे और उनके भविष्य पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग गया था.

हालांकि, इसके बाद ट्रंप ने एक जबरदस्त पलटवार किया. उनकी कानूनी टीम ने अदालती आदेश को चुनौती दी और अदालत को यह मानने के लिए मना लिया कि वह जब्ती से बचने के लिए 454 मिलियन डॉलर की जगह सिर्फ 175 मिलियन डॉलर की बांड राशि जमा करें. इसने ट्रंप को आर्थिक हालात सुधारने और नई रणनीति पर काम करने का बहुमूल्य समय दिया.

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ट्रंप की सबसे बड़ी चाल तब सामने आई जब उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ की पेरेंट कंपनी को शेयर बाजार में लिस्ट करवा दिया. इस कंपनी का राजस्व भले ही मामूली था और घाटा भी हो रहा था, लेकिन ट्रंप के समर्थकों ने शेयर खरीदने में कोई कसर नहीं छोड़ी. शुरुआती समय में शेयर की कीमतें आसमान छू गईं, हालांकि बाद में इसमें 72% की गिरावट दर्ज हुई. इसके बावजूद मार्च 2025 तक ट्रंप के पास कंपनी में 2.6 बिलियन डॉलर की हिस्सेदारी थी, जो उनकी संपत्ति में बड़ी बढ़ोतरी का प्रमुख कारण बनी.

लेकिन ट्रंप की असली आर्थिक क्रांति तब आई जब उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में कदम रखा. अक्टूबर 2024 में उन्होंने ‘वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल’ नामक एक क्रिप्टो प्रोजेक्ट लॉन्च किया. शुरुआत में यह प्रोजेक्ट ज्यादा चर्चा में नहीं रहा, लेकिन जब ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया और क्रिप्टो उद्यमी जस्टिन सन ने इसका प्रचार किया, तब इस प्रोजेक्ट की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया. इस निवेश से ट्रंप को कर-पश्चात लगभग 245 मिलियन डॉलर की आय हुई.

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इतना ही नहीं, ट्रंप ने इसके बाद अपना खुद का डिजिटल टोकन ‘$TRUMP’ भी लॉन्च किया, जिसे ट्रेडर्स के बीच भारी लोकप्रियता मिली. इस टोकन की बिक्री और उससे प्राप्त फीस के जरिए उन्हें अनुमानित 350 मिलियन डॉलर की आमदनी हुई, जिसमें से टैक्स के बाद 110 मिलियन डॉलर से अधिक सीधे ट्रंप के खाते में गए.

इन सभी प्रयासों के चलते ट्रंप के क्रिप्टो वेंचर्स ने उन्हें लगभग 800 मिलियन डॉलर की तरल संपत्ति (liquidity) प्रदान की, जिससे वे एक तरह से ‘क्रिप्टो किंग’ के रूप में उभरकर सामने आए.

इस तरह कानूनी संकट और वित्तीय परेशानियों के बीच से निकलकर ट्रंप ने एक बार फिर साबित किया कि वे मौके को भुनाने में माहिर हैं. उनकी रणनीति, निवेश कौशल और अनुयायियों की निष्ठा ने मिलकर उन्हें न सिर्फ फिर से अरबपति बनाया, बल्कि उन्हें दुनिया के सबसे चतुर व्यवसायियों में से एक के रूप में स्थापित भी किया.

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