Protest In America: अमेरिका की सड़कों पर हजारों की संख्या में लोग 5 अप्रैल को पोस्टर लेकर प्रदर्शन करने के लिए उतरे. पोस्टर में लिखा हुआ था ‘हैंड्स ऑफ’. लोगों द्वारा यह प्रदर्शन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की नई नीतियों के खिलाफ किया गया. इस विरोध प्रदर्शन के लिए अमेरिका में लगभग 1,200 से अधिक स्थानों पर जुलूस निकाला गया. प्रदर्शन को डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ हुआ. इसे उनके खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन कहा जा रहा है.
प्रदर्शनकारियों का आरोप
इस विरोध का मुख्य कारण डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा की गई कर्मचारियों की छंटनी है. प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप की सरकार और एलन मस्क मिलकर उन सभी संसाधनों को धीरे-धीरे हड़प रहे हैं जो कि उनकी हैं भी नहीं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप लगातार सरकारी एजेंसियों में कटौती कर रहे हैं, LGBTQ+ के अधिकारों को खत्म कर रहे हैं. इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने उन पर स्वास्थ्य व्यवस्था के बजट में कटौती करने का भी आरोप लगाया है. मानव अधिकार के अध्यक्ष कोली रॉबिन्सन ने LGBTQ+ समुदायों के हक के लिए आवाज उठाई. उनका कहना है कि “यह बस एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह किसी के पारिवारिक और व्यक्तिगत अधिकारों पर हमला है.”
HAPPENING NOW: An aerial view of the MASSIVE protest today in Boston, MA for the “Hands Off!” movement against Elon Musk and Donald Trump pic.twitter.com/0OZgQ2HfHW
— Marco Foster (@MarcoFoster_) April 5, 2025
प्रदर्शनकारियों ने एलन मस्क पर आरोप लगाया
प्रदर्शनकारियों ने टेस्ला के मालिक और ट्रंप के खास सलाहकार एलन मस्क पर भी आरोप लगाया है. उनका कहना है कि वह अपने व्यवसायिक फायदों के लिए जनता के हितों को नजरअंदाज कर रहे हैं. एलन मस्क को हाल ही में ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी नाम के एक नए विभाग का हेड बनाया गया है. जिसके बाद उन पर लगातार ऐसे आरोप लगते आ रहे हैं.
किन इलाकों में प्रदर्शन किया गया?
प्रदर्शन मुख्य रूप से सिएटल, वॉशिंगटन डीसी और न्यूयॉर्क के इलाकों में किया गया. लेकिन इसके अलावा भी प्रदर्शनकारियों ने पोस्टर और बैनर के जरिए जगह-जगह अपनी बातों को रखने की कोशिश की.
अमेरिका की मेयर मिशेल वू का बयान
बोस्टन में मेयर मिशेल वू द्वारा एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि ‘मैं नहीं चाहती कि मेरे बच्चे ऐसे देश में बड़े हों, जहां सरकार डराने और धमकाने की रणनीति चलती है और नफरत को बढ़ावा देती है.