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विश्व के 10 सबसे ताकतवर मुस्लिम देश कौन से हैं? देखें लिस्ट



Muslim: दुनिया के कई इस्लामिक देश आज भी युद्ध और संघर्ष से गुजर रहे हैं, वहीं कई इस्लामिक राष्ट्र वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुस्लिम जनसंख्या में बढ़ोतरी का रुझान क्या है? प्यू रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में अमेरिका में अनुमानित 34.5 लाख मुसलमान थे और 2050 तक यह संख्या दोगुनी से भी अधिक बढ़कर 81 लाख हो सकती है. इस वृद्धि के पीछे दो प्रमुख कारण हैं: मुस्लिम आप्रवासन की उच्च दर और समुदाय में अधिक जन्म दर. अध्ययन में यह भी कहा गया है कि 2040 तक इस्लाम अमेरिका में दूसरा सबसे बड़ा धर्म बन जाएगा. हालांकि, इसके बावजूद अमेरिका में मुस्लिमों की संख्या तुलनात्मक रूप से कम ही रहेगी. वर्ष 2020 में अमेरिका में ईसाइयों की आबादी लगभग 26 करोड़ थी.

सबसे दिलचस्प जानकारी यह है कि प्यू रिसर्च के अनुसार, 2050 तक भारत दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश बन सकता है. भारत में उस समय तक मुस्लिमों की संख्या 31 करोड़ से अधिक हो सकती है, जबकि पाकिस्तान की मुस्लिम आबादी 27.5 करोड़ होने का अनुमान है.

दूसरी ओर, अल्बानिया की 2023 की जनगणना से यह पता चला है कि इस देश में 200 वर्षों में पहली बार मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक नहीं रही. वहां मुस्लिमों की जनसंख्या घटकर 45.7% रह गई है, जबकि गैर-धार्मिक लोगों की संख्या 23.4% हो गई है और रूढ़िवादी ईसाई समुदाय की आबादी 20% हो गई है.

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इस्लामिक देशों की अर्थव्यवस्था

अल जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025-26 तक वैश्विक इस्लामी अर्थव्यवस्था 7.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. 2015 में यह 3.2 ट्रिलियन डॉलर थी, जिसका अर्थ है कि पिछले 10 वर्षों में इसमें दोगुने से अधिक वृद्धि हुई है. 2021 में इस्लामिक देशों की संयुक्त अर्थव्यवस्था 5.7 ट्रिलियन डॉलर थी. इस्लामिक फंड बाजार में भी भारी वृद्धि हुई है. पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में 300% से अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वैश्विक स्तर पर अब लगभग 200 बिलियन डॉलर का फंड प्रबंधित किया जा रहा है.

दुनिया के सबसे ताकतवर इस्लामिक देश

याहू फाइनेंस की रिपोर्ट के अनुसार, 30 ताकतवर मुस्लिम देशों पर विचार किया गया, जहां मुस्लिम आबादी कम से कम 50% हो. इस रैंकिंग के लिए वास्तविक GDP और सैन्य शक्ति को आधार बनाया गया. GDP डेटा 2023 के लिए वर्ल्ड बैंक से लिया गया, जबकि मिलिट्री पावर का डेटा 2024 के ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स से प्राप्त किया गया. आइए जानते हैं दुनिया के 14 सबसे शक्तिशाली मुस्लिम देश कौन-कौन से हैं:

तुर्की – तुर्की आधिकारिक रूप से इस्लामिक देश नहीं है, लेकिन वहां मुस्लिमों की संख्या सबसे अधिक है. यह NATO का सदस्य है और रक्षा उद्योग में तेजी से विकास कर रहा है.

सऊदी अरब – इसका रक्षा बजट दुनिया में छठा सबसे बड़ा है और इसकी सेना अत्याधुनिक है.

संयुक्त अरब अमीरात – UAE का टेक्नोलॉजी और स्पेस सेक्टर काफी मजबूत है. देश की साक्षरता दर 95% से अधिक है और इसका मंगल मिशन भी है.

ईरान – ईरान की सेना मध्य पूर्व में दूसरी सबसे बड़ी है. इसकी सैन्य शक्ति दुनिया के शीर्ष 10 मुस्लिम देशों में शामिल है.

पाकिस्तान – पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं और इसकी सेना दुनिया की छठी सबसे बड़ी है. हालांकि, इसकी अर्थव्यवस्था चुनौतियों का सामना कर रही है.

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इंडोनेशिया – यह दुनिया का सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश है और इसकी अर्थव्यवस्था 2024-26 तक 5.1% की दर से बढ़ने की संभावना है.

ओमान – ओमान की अर्थव्यवस्था का 60% हिस्सा तेल भंडार से आता है. इस देश ने ओमान विजन-2040 के तहत कई सुधार लागू किए हैं और शिक्षा तथा बुनियादी ढांचे में भारी निवेश किया है.

कुवैत – कुवैत अपने सैन्य बजट में तेजी से वृद्धि कर रहा है. 2028 तक इसका रक्षा बजट 8.1 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है.

अजरबैजान – अजरबैजान ने तुर्की सैन्य मॉडल को अपनाया है और 2020 के दूसरे करबाख युद्ध में आर्मेनिया से 300 से अधिक बस्तियां जीत ली थीं.

अल्जीरिया – अल्जीरिया की अर्थव्यवस्था तेल और गैस पर निर्भर है, जो इसके राजस्व का 95% और GDP का 30% हिस्सा बनाते हैं.

कतर – कतर दुनिया का सबसे बड़ा LNG निर्यातक है, जो वैश्विक आपूर्ति में लगभग 25% योगदान देता है. कतर मध्य पूर्व के संकटों को हल करने में एक मध्यस्थ की भूमिका निभाता है.

कजाखस्तान – यह देश मुस्लिम देशों में GDP के हिसाब से 10वें स्थान पर है.

इराक – इराक की सेना में 2024 तक 193,000 सक्रिय सैनिक शामिल हैं. 2023 में इसका सैन्य बजट 10.3 बिलियन डॉलर था.

मलेशिया – मलेशिया में विदेशी निवेश बहुत अधिक है. माइक्रोसॉफ्ट ने 2024 में वहां 2.2 बिलियन डॉलर का निवेश किया, जिससे 200,000 लोगों को प्रशिक्षण मिलेगा.

दुनिया में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है और कई इस्लामिक देश वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. भारत 2050 तक दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश बन सकता है. साथ ही, इस्लामिक देशों की अर्थव्यवस्था भी तेजी से बढ़ रही है और आने वाले वर्षों में वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर इनका प्रभाव और अधिक बढ़ सकता है.

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