पाकिस्तानियों ने इमरान खान पर फोड़ा महंगाई का ठीकरा, सर्वे में 50% ने बताया ‘अयोग्य’ सरकार
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई और कम होती आय का ठीकरा जनता ने प्रधानमंत्री इमरान खान के सर पर फोड़ा है. हाल ही में आए एक सर्वे में शामिल आधे से ज्यादा पाकिस्तानियों का मानना है कि सरकार ‘अयोग्य’ है. सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान में पिछली तीन सरकारों की तुलना में इमरान सरकार में महंगाई और चीजों की कीमतें सबसे ज्यादा बढ़ी हैं. इसके अलावा लोगों का मानना है कि देश में पुलिस और न्यायपालिकासबसे ज्यादा भ्रष्ट हैं.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल पाकिस्तान की तरफ से कराए गए एक सर्वे में सामने आया है कि 90 फीसदी पाकिस्तानियों को लगता है मौजूदा सरकार में उनकी आय कम हुई है. वहीं, 92.9 प्रतिशत मानते हैं कि इमरान सरकार में महंगाई और चीजों की कीमतों में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है. सर्वे के मुताबिक, कई लोगों ने इसे ‘अयोग्य’ सरकार बताया है. नेशनल करप्शन पर्सेप्शन सर्वे 2021 के अनुसार, ‘तीन सरकारों की तुलना में सबसे ज्यादा (92.9 फीसदी) पाकिस्तानियों का मानना है कि मौजूदा पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) सरकार के कार्यकाल (2018-2021) में सबसे ज्यादा महंगाई हुई है और कीमतें बढ़ी हैं.’
सर्वे में शामिल हुए अधिकांश लोगों ने सरकार की ‘अयोग्यता’ को बढ़ती महंगाई और घटती आय का जिम्मेदार बताया है. कम से कम 50.6 फीसदी का कहना है कि सरकार ‘अक्षम’ है. 23.3 फीसदी ने भ्रष्ट होने का आरोप लगाया और 16.6 फीसदी ने महंगाई का जिम्मेदार नीति कार्यान्वयन की कमी को बताया. वहीं, 9.6 प्रतिशत लोगों ने इसका कारण सरकारी मामलों में राजनेताओं के दखल को बताया.
कम से कम 51.9 फीसदी पाकिस्तानियों ने कमजोर जवाबदेही को बढ़ते भ्रष्टाचार की वजह बताया. जबकि, 29.3 फीसदी लोगों ने इसके तार अमीर लोगों की लालच से जोड़े औऱ 18.8 फीसदी ने कम तनख्वाह को इसका जिम्मेदार बताया. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल पाकिस्तान ने कहा है कि बीते 20 सालों में पांच बार- NCPS 2002, NCPS 2006, NCPS 2009, NCPS 2010 और 11 में करप्शन परसेप्शन सर्वे किए गए हैं.