आइपीएल और घरेलू क्रिकेट में खेलने से बेहतर हुआ प्रदर्शन- गेंदबाज शार्दुल ठाकुर
इंदौर, प्रेट्र। अपने कौशल पर लगातार काम कर रहे तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर का मानना है कि दो साल पहले की तुलना में वह बेहतर टी-20 गेंदबाज बन गए हैं। शार्दुल ने अपना पहला टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबला 22 महीने पहले खेला था। श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय में उन्होंने 23 रन देकर तीन विकेट चटकाए, जो दर्शाता है कि 2018 में श्रीलंका में निदहास ट्रॉफी की तुलना में उनकी डेथ ओवरों की गेंदबाजी में काफी सुधार हुआ है। निदहास ट्रॉफी में बल्लेबाजों को शार्दुल का सामना करने में अधिक परेशानी नहीं हुई थी।
श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम की सात विकेट की जीत के बाद शार्दुल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि टी-20 क्रिकेट इतना छोटा प्रारूप है कि इसमें हमेशा उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। आप जितना अधिक खेलेंगे, उतना अनुभव हासिल करेंगे और टेस्ट क्रिकेट ऐसा प्रारूप है जिसमें आपके पास अपने खेल के बारे में सोचने का समय होता है, लेकिन टी20 में आपके पास इतना समय नहीं होता।’ शार्दुल का मानना है कि पिछले कुछ सत्र में नियमित तौर पर आइपीएल खेलना उनकी सफलता के कारणों में से एक है। शार्दुल ने कहा, ‘जब भी आप अभ्यास करते हो तो आपको अपने मजबूत पक्षों को और मजबूत करना होता है और अपने कौशल में सुधार करना होता है। मैं अभ्यास के दौरान अपने कौशल में सुधार कर रहा हूं और इसे निखार रहा हूं। पिछले दो-तीन साल में आइपीएल और घरेलू क्रिकेट में खेलने से मैं बेहतर हुआ हूं।’
युवा तेज गेंदबाजों की तरह शार्दुल ने भी अपने प्रदर्शन में सुधार में भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण के योगदान को स्वीकार किया। शार्दुल ने कहा, ‘इस समय किसी विशेष कोच के साथ काम करना काफी मुश्किल है क्योंकि मैं भारतीय टीम में अंदर-बाहर होता रहा हूं। कभी मैं मुंबई के लिए खेलता हूं, फिर चेन्नई सुपर्रंकग्स के लिए। अब मैं फिर भारतीय टीम के साथ हूं। लेकिन, हाल में हमारे गेंदबाजी कोच (भारतीय राष्ट्रीय गेंदबाजी कोच) भरत अरुण ने काफी मदद की।’ शार्दुल ने साथी तेज गेंदबाज नवदीप सैनी की भी तारीफ की, जिन्होंने प्रभावी गेंदबाजी की। उन्होंने कहा, ‘इस मैच में उन्होंने काफी अच्छी गेंदबाजी की। उन्होंने जिस तरह बाउंसर और यॉर्कर का इस्तेमाल किया वह सराहनीय है। वह जज्बे के साथ गेंदबाजी कर रहे थे।’