वो लम्हा जब पाकिस्तान को हराकर भारत ने रचा इतिहास, धोनी की टीम बनी टी20 क्रिकेट की पहली वर्ल्ड चैंपियन
IND vs PAK T20 World Cup 2007 Final: 24 सितंबर भारतीय क्रिकेट इतिहास का वह दिन है, जिसे हमेशा याद किया जाएगा. साल 2007 में साउथ अफ्रीका में खेले गए पहले टी20 वर्ल्ड कप में महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में युवा भारतीय टीम ने सभी अंदेशों को गलत साबित करते हुए फाइनल में पाकिस्तान को हराकर खिताब अपने नाम किया था. इस जीत ने भारतीय क्रिकेट में नई क्रांति ला दी और टी20 फॉर्मेट को देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता दिलाई. आज इस ऐतिहासिक पल को पूरे 18 साल पूरे हो चुके हैं.
धोनी की कप्तानी
टीम इंडिया के कई दिग्गज खिलाड़ी जैसे सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली इस टूर्नामेंट में नहीं खेले. तेज गेंदबाज जहीर खान को भी आराम दिया गया. ऐसे में धोनी की युवा टीम से किसी को भी ज्यादा उम्मीदें नहीं थीं. लेकिन धोनी ने अपनी शांत कप्तानी और सकारात्मक सोच से टीम में आत्मविश्वास जगाया. खिलाड़ियों पर बाहरी दबाव कम था, जिसका फायदा उन्हें मैदान पर मिला.
इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया पर यादगार जीत
टूर्नामेंट के दौरान भारत ने इंग्लैंड, मेजबान साउथ अफ्रीका और सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर सबको चौंका दिया. युवराज सिंह की इंग्लैंड के खिलाफ छह छक्कों वाली पारी आज भी इतिहास का हिस्सा है. टीम ने हर मुकाबले में आक्रामक अंदाज दिखाया और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत बनी.
फाइनल में गंभीर की पारी
जोहान्सबर्ग में खेले गए फाइनल में भारत पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट खोकर 157 रन का स्कोर बनाया. सहवाग चोटिल होकर बाहर थे और युवराज जल्द आउट हो गए, लेकिन गौतम गंभीर ने 75 रनों की जुझारू पारी खेलकर भारत को संभाला. आखिरी ओवरों में युवा रोहित शर्मा ने नाबाद 30 रन बनाकर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.
मिसबह का संघर्ष
पाकिस्तान की शुरुआत खराब रही और उनके विकेट लगातार गिरते रहे. इमरान नजीर ने 33 रन की तेज पारी खेली, लेकिन टीम दबाव में रही. भारत के लिए आरपी सिंह और इरफान पठान ने घातक गेंदबाजी की. इसके बावजूद मिसबह-उल-हक ने हार मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने हरभजन सिंह की गेंदों पर लगातार तीन छक्के लगाकर मैच को रोमांचक बना दिया. आखिरी ओवर में पाकिस्तान को 13 रन चाहिए थे और स्ट्राइक पर मिसबह थे.
जोगिंदर शर्मा का ऐतिहासिक ओवर
पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में धोनी ने आखिरी ओवर के लिए जोगिंदर शर्मा पर भरोसा जताया. पहली गेंद वाइड और दूसरी गेंद पर छक्का खाने के बाद मैच पाकिस्तान के पक्ष में जाता दिख रहा था. लेकिन तीसरी गेंद पर मिसबह ने स्कूप शॉट खेलने की कोशिश की और गेंद सीधा श्रीसंत के हाथों में जाकर थम गई. भारत ने पांच रनों से यह ऐतिहासिक फाइनल जीत लिया और क्रिकेट इतिहास का पहला टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया. इस युवा टीम टीम के प्रदर्शन ने दुनियाभर में सभी को चौंका दिया.
ऐतिहासिक दिन पर दिग्गजों के मैसेज
2007 वर्ल्डकप फाइनल टीम का हिस्सा रहे कई खिलाड़ियों ने आज उस युवा टीम की जीत के 18 साल पूरे होने पर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी-अपनी यादें शेयर की हैं.
इसमें पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान ने एक्स पर लिखा 2007 का वह दिन कितना शानदार था. उस दिन हमारा वर्ल्ड कप जीतने का सपना पूरा हुआ था. टी20 क्रिकेट में पाकिस्तान को नियमित रूप से हराने की शुरुआत भी वहीं से हुई थी.
वहीं पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने लिखा 2007 का वह दिन, मेरे हाथ में टॉफी पकड़ने का वह एहसास शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, हम विश्व चैंपियन थे.
इसके अलाव रॉबिन उथप्पा ने लिखा 24 सितंबर, 2007- यह दिन मेरी यादों में हमेशा के लिए रहेगा. टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा होना सच में अद्भुत था. हमारे बीच जो विश्वास, एकता और जोश था, वह आज भी वैसा ही है. भारत का प्रतिनिधित्व करने और अपने साथियों के साथ उन अविस्मरणीय पलों को जीने के लिए मैं हमेशा आभारी रहूंगा.
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