BCCI announce Apollo Tyres as new Lead Sponsor: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने मंगलवार को भारतीय क्रिकेट टीम के लिए नए जर्सी प्रायोजक की घोषणा की. ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म ड्रीम 11 के बाहर होने के बाद अब अपोलो टायर्स ने ढाई साल की अवधि के लिए यह बड़ी जिम्मेदारी संभाली है. सरकार द्वारा लागू किए गए ‘ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम 2025’ के चलते ड्रीम 11 को अपने वास्तविक धन वाले गेम बंद करने पड़े थे, जिसके कारण बीसीसीआई को नया प्रायोजक ढूंढना पड़ा. इस सौदे की कीमत 579 करोड़ रुपये है, जो ड्रीम 11 के पिछले करार से कहीं बड़ा है. अब मार्च 2028 तक भारतीय पुरुष और महिला क्रिकेट टीम की जर्सी पर अपोलो टायर्स का लोगो नजर आएगा. यह करार न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि भारतीय क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता का भी प्रतीक है.
ड्रीम 11 का बाहर होना
भारतीय क्रिकेट टीम के पिछले जर्सी प्रायोजक ड्रीम 11 को हाल ही में सरकार के नए कानून के चलते पीछे हटना पड़ा. ‘ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम 2025’ में किसी भी प्रकार की वास्तविक धन वाली ऑनलाइन गेमिंग को प्रतिबंधित कर दिया गया. ऐसे में ड्रीम 11 ने अपने सारे कैश गेम्स बंद कर दिए और BCCI के पास जर्सी प्रायोजक नहीं रहा. एशिया कप 2025 में भारतीय टीम बिना किसी प्रमुख प्रायोजक के उतरी. इसके बाद बीसीसीआई ने नई बोली प्रक्रिया शुरू की और साफ कर दिया कि मनी गेमिंग, क्रिप्टो, सट्टेबाजी, तंबाकू और शराब जैसी कंपनियों को इसमें भाग लेने की अनुमति नहीं होगी.
अपोलो टायर्स ने जीता भरोसा
कड़ी बोली प्रक्रिया के बाद अंततः अपोलो टायर्स ने भारतीय क्रिकेट टीम का जर्सी प्रायोजक बनने का अधिकार हासिल किया. यह अपोलो टायर्स का भारतीय क्रिकेट से जुड़ा पहला बड़ा करार है. कंपनी ने इसे एक रणनीतिक कदम बताते हुए कहा कि क्रिकेट भारत का सबसे लोकप्रिय खेल है और इससे जुड़ना उनके लिए सम्मान की बात है. BCCI ने भी इसे ऐतिहासिक साझेदारी बताते हुए कहा कि यह सिर्फ व्यावसायिक समझौता नहीं बल्कि दो बड़े संस्थानों का मिलन है, जिन पर करोड़ों लोग भरोसा करते हैं.
करार की शर्तें और आर्थिक पहलू
इस सौदे की अवधि ढाई साल तय की गई है, जो मार्च 2028 तक चलेगी. करार के तहत अपोलो टायर्स का लोगो भारतीय पुरुष और महिला टीम की जर्सी पर सभी प्रारूपों में दिखाई देगा. इसमें 121 द्विपक्षीय मैच और 21 ICC मैच शामिल हैं. आर्थिक दृष्टि से भी यह करार बड़ा है क्योंकि ड्रीम 11 ने इसी अवधि के लिए 358 करोड़ रुपये का करार किया था, जबकि अपोलो टायर्स का सौदा 579 करोड़ रुपये का है. इसी आकड़े से देखा जाए तो एक मैच के लिए BCCI को लगभग 5 करोड़ रुपए मिलेंगे. यह न केवल प्रायोजन मूल्य में वृद्धि दिखाता है बल्कि यह भी बताता है कि भारतीय क्रिकेट का ब्रांड वैल्यू लगातार बढ़ रहा है.
वैश्विक उपस्थिति वाली भारतीय कंपनी
अपोलो टायर्स का मुख्यालय हरियाणा के गुरुग्राम में है और यह कंपनी भारत समेत यूरोप में भी बड़ी निर्माण इकाइयों का संचालन करती है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह टायर उद्योग में अग्रणी कंपनियों में गिनी जाती है. भारतीय क्रिकेट टीम से जुड़ना कंपनी के लिए अपने ब्रांड को और मजबूत करने का मौका होगा. खास बात यह है कि अपोलो टायर्स ने इससे पहले भारतीय क्रिकेट से कोई बड़ा करार नहीं किया था, इसलिए यह साझेदारी उनके लिए भी एक नया अध्याय होगी.
BCCI की रणनीति और आगे की दिशा
BCCI के सचिव देवजीत सैकिया ने इस साझेदारी को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह महज प्रायोजन नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट और अपोलो टायर्स के बीच विश्वास का रिश्ता है. उन्होंने इसे लाखों प्रशंसकों का सम्मान अर्जित करने वाला कदम बताया. यह घोषणा BCCI की वार्षिक आम बैठक (AGM) से पहले हुई है, जिसमें नए अध्यक्ष के लिए चुनाव होंगे. ऐसे में यह साझेदारी बीसीसीआई की व्यावसायिक रणनीति को और मजबूती प्रदान करेगी. आने वाले वर्षों में यह करार न केवल भारतीय क्रिकेट को आर्थिक रूप से लाभ देगा बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इसकी साख को भी और ऊंचा करेगा.
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