ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान पैट कमिंस (Pat Cummins) इन दिनों कमर की चोट से जूझ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने साफ किया है कि वह आगामी एशेज सीरीज(Ashes Series) में खेलने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. कमिंस की चोट जून में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल के दौरान बढ़े कार्यभार के कारण हुई थी. फिलहाल वह न्यूजीलैंड और भारत के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज से बाहर रहेंगे और न ही शेफील्ड शील्ड में खेलेंगे, लेकिन उन्हें विश्वास है कि 21 नवंबर से पर्थ में शुरू हो रहे पहले एशेज टेस्ट से पहले पूरी तरह फिट हो जाएंगे. (Pat Cummins Statement about Ashes Series)
चोट के बावजूद एशेज पर नजर
कमिंस ने स्पष्ट किया कि वह तभी मैदान पर उतरेंगे जब उन्हें यह भरोसा होगा कि वह पांच दिन का टेस्ट खेल सकते हैं. उन्होंने कहा कि अब उनका नजरिया पहले से अलग है. “जब आप 18–19 साल के होते हैं, तो सोचते हैं कि रिहैबिलिटेशन को पूरी तरह सही बनाना है, चाहे इसके लिए अतिरिक्त छह महीने ही क्यों न लगें. लेकिन अब यह एशेज सीरीज है और इसमें खेलने के लिए जो भी जरूरी होगा, मैं करूंगा.”

कमिंस ने इंग्लैंड के खिलाफ इस प्रतिष्ठित मुकाबले की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि अगर वह शत प्रतिशत फिट नहीं भी हो पाते, तो भी एशेज की चुनौती लेने को तैयार हैं. उनका मानना है कि आने वाले सालों में एक और एशेज जरूर होगी, लेकिन इस बार टीम के साथ मैदान पर रहना उनके लिए प्राथमिकता है.
मेडिकल स्कैन और रिकवरी की स्थिति
मेडिकल जांच में कमर की चोट की पुष्टि हुई है और वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज खत्म होने के हफ्तों बाद भी कमिंस इससे परेशान हैं. उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ उनकी चोट का पुन: आकलन अगले महीने करेंगे. कमिंस को विश्वास है कि एशेज से पहले भले ही वह शेफील्ड शील्ड जैसे घरेलू मुकाबले न खेल पाएं, लेकिन तैयारी के लिए उन्हें ज्यादा समय की आवश्यकता नहीं होगी. वह मानते हैं कि यह एक बड़ा जोखिम है, लेकिन एशेज की अहमियत को देखते हुए वह यह लेने को तैयार हैं.
कार्यभार ने बढ़ाई मुश्किलें
जून में लॉर्ड्स में हुए WTC फाइनल में कमिंस ने चार दिनों में 35.1 ओवर फेंके थे. यह उनके कार्यभार में अचानक आई बड़ी वृद्धि थी, खासकर इसलिए क्योंकि वह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से सीधे लंदन पहुंचे थे. आईपीएल में लगातार मैच खेलने के बाद टेस्ट क्रिकेट की मांग अलग होती है, और इसी दबाव ने उनकी कमर की समस्या को और गंभीर बना दिया. विशेषज्ञों का मानना है कि तेज गेंदबाजों के लिए कार्यभार का संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है, ताकि लंबे समय तक चोट से बचा जा सके.
एशेज की चुनौती
एशेज हमेशा से ही ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच सबसे रोमांचक और प्रतिष्ठित सीरीजओं में से एक रही है. इस बार भी कमिंस के सामने चुनौती केवल फिटनेस की नहीं, बल्कि कप्तान के तौर पर टीम को प्रेरित करने की भी होगी. उन्होंने खुद कहा कि अगर भविष्य में उन्हें आराम की जरूरत पड़े तो वह लेंगे, लेकिन इस बार मैदान पर उतरना उनकी प्राथमिकता है.
ऑस्ट्रेलिया के लिए उनकी मौजूदगी न सिर्फ गेंदबाजी बल्कि नेतृत्व के लिहाज से भी बेहद अहम है. आने वाले हफ्तों में उनकी रिकवरी कैसी रहती है, यह तय करेगा कि कमिंस पहले एशेज टेस्ट में पर्थ की पिच पर गेंदबाजी करते नजर आएंगे या नहीं.
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