उम्मीद करते है कि आपने इस सीरीज के अभी तक के साभी पार्ट पढ़ लिए होंगे. अब तक हमने भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट में हुए पांच विवादों को आपके बीच रखा है. अगर आपने नहीं पढ़ें हैं तो यहां पढ़ लें.
भारत और पाकिस्तान (IND vs PAK) के बीच क्रिकेट मुकाबले हमेशा से ही दिलचस्प और भावनाओं से भरे रहे हैं. मैदान पर खेले जाने वाले इन मैचों में खिलाड़ियों की हर गेंद, हर रन और हर पल का असर सिर्फ परिणाम तक सीमित नहीं रहता, बल्कि दोनों देशों के करोड़ों दर्शकों के दिलों पर भी पड़ता है. 2010 एशिया कप में खेला गया भारत-पाकिस्तान मुकाबला इसका शानदार उदाहरण था. इस मैच में जहां बल्लेबाजी और गेंदबाजी ने रोमांच पैदा किया, वहीं गौतम गंभीर और पाकिस्तानी विकेटकीपर कामरान अकमल के बीच हुई तीखी नोकझोंक ने इस मैच को आज भी चर्चा का विषय बना रखा है. (IND vs PAK Rivalry)
गंभीर बनाम अकमल विवाद
एशिया कप 2010 के दौरान भारत और पाकिस्तान आमने-सामने थे. मैच बेहद महत्वपूर्ण था और दोनों टीमें जीत के लिए जी-जान लगा रही थीं. इस बीच पाकिस्तानी विकेटकीपर कामरान अकमल बार-बार अपील कर रहे थे, जिससे बल्लेबाजी कर रहे गौतम गंभीर नाराज़ हो गए. शुरुआत में तो यह केवल शब्दों का आदान-प्रदान था, लेकिन धीरे-धीरे मामला बढ़ गया. दोनों खिलाड़ियों के बीच तीखी बहस होने लगी और ऐसा लगने लगा कि स्थिति हाथ से निकल जाएगी. हालात को संभालने के लिए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को बीच-बचाव करना पड़ा. अंपायर्स ने भी हस्तक्षेप कर विवाद को शांत कराया. यह घटना भले ही वहीं थम गई, लेकिन मैच का माहौल और ज्यादा गरमा गया.
The Attitude, Aggression 🔥🔥
Gambhir vs K Akmal #HappyBirthdayGautamGambhir #HappyBirthdayGG #gautamgambhir pic.twitter.com/7JumWm18Y4
— Michael Scofield (@ScofieldReddy) October 14, 2021
अकमल का बयान: गंभीर के साथ हुई गलतफहमी
इस घटना के सालों बाद कामरान अकमल ने एक इंटरव्यू में इस विवाद पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि गंभीर और उनके बीच यह सब गलतफहमी की वजह से हुआ था. अकमल के मुताबिक, गंभीर खुद से कुछ बड़बड़ा रहे थे, लेकिन उन्हें लगा कि वह उनके लिए कह रहे हैं. इस गलतफहमी ने बात को बढ़ा दिया. अकमल ने गंभीर की तारीफ करते हुए उन्हें “अच्छा इंसान” बताया और कहा कि भारत-पाक मैचों का माहौल इतना तनावपूर्ण होता है कि छोटी-सी बात भी बड़ा रूप ले सकती है. इस बयान से यह साफ हुआ कि दोनों खिलाड़ियों के बीच कोई निजी दुश्मनी नहीं थी. यह सिर्फ मैदान पर दबाव का नतीजा था, जो पलभर के लिए रिश्तों में खटास ले आया था.
आखिरी ओवर तक रोमांच
विवाद के बावजूद मैच अपने आप में बेहद रोमांचक रहा. पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.3 ओवर में 267 रन बनाए. टीम की शुरुआत अच्छी रही थी, लेकिन भारतीय गेंदबाजों आशीष नेहरा और प्रवीण कुमार ने बेहतरीन गेंदबाजी कर पाकिस्तानी बल्लेबाजों को बड़े स्कोर से रोक दिया. जवाब में भारत ने लक्ष्य का पीछा करना शुरू किया. गौतम गंभीर ने शानदार 83 रन की पारी खेली और भारतीय पारी को मजबूत नींव दी. कप्तान एमएस धोनी ने भी 65 रन बनाकर जिम्मेदारी निभाई. जैसे-जैसे मैच आखिरी ओवर में पहुंचा, स्टेडियम में रोमांच अपने चरम पर था. अंत में हरभजन सिंह ने विजयी छक्का जड़कर भारत को यादगार जीत दिलाई.
भारत-पाक मैचों का जुनून
भारत और पाकिस्तान के मैचों में सिर्फ खेल नहीं होता, बल्कि यह करोड़ों फैंस की भावनाओं से भी जुड़ा होता है. 2010 का यह मुकाबला इसका बेहतरीन उदाहरण था. मैदान पर गंभीर और अकमल की बहस ने यह दिखा दिया कि खिलाड़ियों पर कितना दबाव होता है. दोनों टीमों के खिलाड़ियों के चेहरे पर जीत की भूख साफ झलक रही थी. वहीं, दर्शकों की धड़कनें भी हर गेंद के साथ तेज़ होती जा रही थीं. इस तरह के मैच खिलाड़ियों और दर्शकों के बीच भावनात्मक जुड़ाव को और मजबूत कर देते हैं.
खेल भावना का सबक
गंभीर और अकमल के बीच हुआ विवाद चाहे जितना बड़ा क्यों न लग रहा हो, लेकिन खेल की असली खूबसूरती इस बात में है कि मैच के बाद खिलाड़ी एक-दूसरे के लिए सम्मान जताते हैं. अकमल ने गंभीर की तारीफ कर यह साबित कर दिया कि मैदान पर हुई टकराव को व्यक्तिगत जीवन में जगह नहीं दी जानी चाहिए. यही वजह है कि यह मैच सिर्फ रन और विकेट की वजह से नहीं, बल्कि खेल भावना और खिलाड़ियों की परिपक्वता की वजह से भी याद किया जाता है.
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