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भारत के एथलेटिक्स सितारों का सुनहरा सफर, मिल्खा सिंह से नीरज चोपड़ा तक शामिल


Best Indian Olympic Players: भारत के ट्रैक एंड फील्ड खेलों का इतिहास उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. कभी यह सफर संघर्ष से शुरू हुआ, तो आज यह ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप के मेडल तक पहुंच चुका है. अगर 60-70 के दशक में मिल्खा सिंह जैसे दिग्गजों ने देश में एथलेटिक्स का बीज बोया, तो आज नीरज चोपड़ा जैसे स्टार्स ने उसे विश्व स्तर पर खिलने का मौका दिया है.

नीरज चोपड़ा की बदौलत भारत अब लगातार ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप में सफलताएं हासिल कर रहा है. लेकिन इस सफलता की नींव बहुत पहले रखी जा चुकी थी मिल्खा सिंह की ट्रैक पर बिजली जैसी दौड़, पीटी उषा का एशिया में दबदबा, और अंजू बॉबी जॉर्ज का वर्ल्ड चैंपियनशिप में ऐतिहासिक पदक इन सबने आने वाली पीढ़ी के लिए रास्ता तैयार किया.

शॉट पुट में तजिंदरपाल सिंह तूर, जो एशिया के चैंपियन रहे हैं, भी आज भारतीय एथलेटिक्स के बड़े नाम हैं. आइए जानते हैं उन भारतीय एथलीट्स के बारे में, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन किया.

Neeraj To Milkha
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मिल्खा सिंह

“फ्लाइंग सिख” के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह आजाद भारत के पहले बड़े खेल नायक माने जाते हैं. 1960 रोम ओलंपिक में 400 मीटर में वह चौथे स्थान पर रहे, मेडल से मात्र 0.13 सेकंड पीछे. उनका टाइमिंग 45.73 सेकंड का राष्ट्रीय रिकॉर्ड 40 साल तक अटूट रहा.

1958 कॉमनवेल्थ गेम्स में 440 यार्ड में गोल्ड जीतकर उन्होंने इतिहास रचा और इस जीत पर देशभर में जश्न मनाया गया. इसके अगले ही दिन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया था.

1958 एशियन गेम्स में 200 मीटर और 400 मीटर दोनों में गोल्ड जीता, और 1962 एशियन गेम्स में 200 मीटर और 4×400 मीटर रिले में फिर से गोल्ड पर कब्जा किया. उनकी जिंदगी पर बनी फिल्म भाग मिल्खा भाग 2013 की बड़ी हिट रही.

पीटी उषा

मिल्खा सिंह के बाद, पीटी उषा ने 1984 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में 400 मीटर हर्डल्स में चौथे स्थान पर रहकर भारत को मेडल के बेहद करीब पहुँचा दिया – अंतर सिर्फ 0.01 सेकंड का था.

“पय्योली एक्सप्रेस” के नाम से मशहूर उषा ने अपने करियर में 100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते. 1984 ओलंपिक में 55.42 सेकंड का उनका राष्ट्रीय रिकॉर्ड 2023 में विथ्या रामराज ने बराबर किया, लेकिन तोड़ा नहीं. यह रिकॉर्ड भारतीय महिला एथलेटिक्स में सबसे लंबे समय तक कायम रहने वाला है.

सिर्फ 16 साल की उम्र में 1980 मॉस्को ओलंपिक में हिस्सा लेकर वह भारत की सबसे कम उम्र की ओलंपिक स्प्रिंटर बनीं. 1982 से 1996 तक चार एशियन गेम्स में 11 मेडल जीते, जिनमें चार गोल्ड शामिल थे. एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने 23 मेडल (14 गोल्ड) जीते. 2022 में वह भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की पहली महिला अध्यक्ष बनीं.

नीरज चोपड़ा

नीरज चोपड़ा आज भारत के सबसे बड़े ट्रैक एंड फील्ड स्टार हैं. उन्होंने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स और डायमंड लीग सभी बड़े टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता है.

टोक्यो 2020 ओलंपिक में नीरज ने इतिहास रचते हुए भारत के पहले ट्रैक एंड फील्ड ओलंपिक मेडल और देश का दूसरा व्यक्तिगत ओलंपिक गोल्ड जीता. ओरेगन 2022 वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने सिल्वर जीता, और अगले साल बुडापेस्ट 2023 में चोट से उबरकर गोल्ड पर कब्जा किया. वह वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाले अकेले भारतीय हैं. 2016 में वर्ल्ड U20 चैंपियनशिप में 86.48 मीटर के थ्रो से उन्होंने जूनियर विश्व रिकॉर्ड बनाया, जो आज भी कायम है.

2025 दोहा डायमंड लीग में उन्होंने 90.23 मीटर का थ्रो कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और 90 मीटर पार करने वाले पहले भारतीय बने. पेरिस 2024 ओलंपिक में उन्होंने सिल्वर जीता और दो बार के ओलंपिक मेडलिस्ट बने.

अंजू बॉबी जॉर्ज

अंजू बॉबी जॉर्ज का नाम भारत की सबसे सफल महिला लंबी कूद एथलीट के रूप में लिया जाता है. 2004 एथेंस ओलंपिक में उन्होंने 6.83 मीटर की लंबी कूद लगाकर पांचवां स्थान हासिल किया, यह दूरी आज भी राष्ट्रीय रिकॉर्ड है.

2003 पेरिस वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता, यह वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का पहला मेडल था. 2021 में वर्ल्ड एथलेटिक्स ने उन्हें “वुमन ऑफ द ईयर” अवॉर्ड दिया, खेलों में लड़कियों को प्रोत्साहित करने के लिए.

2016 में उन्होंने अंजू बॉबी जॉर्ज स्पोर्ट्स फाउंडेशन शुरू की, जहां से शैली सिंह जैसी युवा लंबी कूद स्टार निकलीं. वह आज भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) की सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट हैं.

तजिंदरपाल सिंह तूर

पंजाब के शॉट पुट स्टार तजिंदरपाल सिंह तूर दो बार के एशियन गेम्स और एशियन चैंपियनशिप गोल्ड मेडलिस्ट हैं. 2018 जकार्ता एशियन गेम्स में उन्होंने 20.75 मीटर का थ्रो कर गोल्ड जीता और एशियन गेम्स रिकॉर्ड बनाया. 2023 हांगझोउ एशियन गेम्स में भी उन्होंने अपना खिताब बरकरार रखा.

2021 में 21.49 मीटर का थ्रो कर उन्होंने एशियन और राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा और टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया, लेकिन चोट के कारण फाइनल में नहीं पहुंच सके. 2023 राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उन्होंने अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर 21.77 मीटर किया. वह दो बार एशियन इंडोर चैंपियन भी रह चुके हैं और पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया.

इनके अलावा, भारतीय एथलेटिक्स में कई और सितारे रहे हैं:

  • प्रवीन कुमार सोबती – 60-70 के दशक के सफल एथलीट.
  • अविनाश साबले – भारत के बेहतरीन लंबी दूरी के धावक.
  • मुरली श्रीशंकर – लंबी कूद में उभरता सितारा.
  • तेजस्विन शंकर – डेकाथलॉन और हाई जंप में विशेषज्ञ.
  • विकास गौड़ा – डिस्कस थ्रो में भारत के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक.
  • ज्योति यार्राजी – तेज़तर्रार हर्डलर.
  • हिमा दास – “ढींग एक्सप्रेस” के नाम से मशहूर स्प्रिंटर.
  • पारुल चौधरी – लंबी दूरी की धाविका.
  • अन्नू रानी – जेवलिन थ्रो में बेहतरीन प्रदर्शन.

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