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‘2 साल बाद 100 साल हो जाएंगे’, वेस्टइंडीज को चाहिए ICC से ज्यादा हिस्सेदारी, क्लाइव लॉयड का बड़ा आरोप


Sir Clive Lloyd: वेस्टइंडीज (WI) के पूर्व कप्तान क्लाइव लॉयड ने आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के लिए दो-स्तरीय सिस्टम को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. उनका कहना है कि टीम बस दो साल दूर है उस समूह में 100 साल पूरे करने से. अगर भविष्य में दो-स्तरीय WTC सिस्टम लागू होता है, तो यह वह संभावना है जिससे वेस्टइंडीज क्रिकेट प्रशासक सतर्क हैं और इस पर अपनी राय रखना चाहते हैं, जैसा कि क्रिकेट वेस्टइंडीज (CWI) के मुख्य कार्यकारी क्रिस डेहरिंग ने कहा. डेहरिंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘इस सब में हमारी भूमिका है, हमारे पास ICC की मेज पर एक सीट है.’ यह प्रेस कॉन्फ्रेंस CWI की आपात बैठक के बाद बुलाई गई थी, जिसमें टीम के वर्षों से जुड़े दिग्गज खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया.

27 रन पर टीम के सिमटने के बाद हुई बैठक

यह बैठक उस तीसरे टेस्ट के बाद हुई जिसमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ WI टीम सिर्फ 27 रन पर सिमट गई थी, जो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का दूसरा सबसे कम स्कोर है. डेहरिंग ने आगे कहा, ‘हमें जितना संभव हो सभी बदलावों से अवगत रहना होगा, खुद को पोजिशन करना होगा, यूं कहें कि अपनी बाजी संभालनी होगी, ताकि चाहे हालात जैसे भी बदलें, वेस्टइंडीज क्रिकेट उसमें मौजूद रहे और उसका फायदा उठा सके.’ पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने पूर्व न्यूजीलैंड क्रिकेटर रोजर ट्वोज की अगुवाई में एक कार्य समूह का गठन किया था, जो 2025-27 चक्र से पहले WTC में सुधार के तरीकों पर विचार करेगा.

दो-स्तरीय WTC को लेकर छिड़ी है बहस

जुलाई में हुई वार्षिक बैठक में इस दौरान दो-स्तरीय सिस्टम पर काफी चर्चा हुई. ट्वोज, जो ICC बोर्ड में न्यूजीलैंड क्रिकेट (NZC) के प्रतिनिधि हैं, बोर्ड को अपनी सिफारिशें पेश करने वाले हैं. दो-स्तरीय WTC को लेकर बहस तब से चली आ रही है जब WTC एक नियमित लीग आधारित टूर्नामेंट भी नहीं था. यह मुद्दा ICC के पूर्ण सदस्य देशों के बीच एक विभाजनकारी विषय रहा है, जो टेस्ट क्रिकेट खेलने का विशेषाधिकार रखते हैं. अब तक के सभी WTC अभियानों में वेस्टइंडीज नौ टीमों में से आठवें स्थान पर रहा है, जिसने तीन संस्करणों में 39 टेस्ट में सिर्फ 10 जीत हासिल की हैं, 23 हारे हैं और छह ड्रॉ खेले हैं.

ब्रायन लारा और विव रिचर्ड्स भी बैठक में शामिल

ब्रायन लारा, विव रिचर्ड्स और अन्य दिग्गजों के साथ बैठक में आमंत्रित किए गए लॉयड ने सदस्य बोर्डों को मिलने वाले ICC धन के हिस्से पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि वेस्टइंडीज को वित्तीय दृष्टि से विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, भले ही पिछले कुछ वर्षों में उनका प्रदर्शन गिरा हो, क्योंकि 1970 और 1980 के दशक में वे शीर्ष टीम थे और 1990 व 2000 के दशक में भी बेहद प्रतिस्पर्धी रहे. लॉयड ने कहा, ‘हमें देखना होगा कि ICC में पैसे का बंटवारा कैसे हो रहा है. भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को 180 मिलियन मिलते हैं, जबकि वेस्टइंडीज को 80 मिलियन मिलते हैं. बांग्लादेश और अफगानिस्तान जितना ही. हम बस दो साल दूर हैं उस समूह में 100 साल पूरे करने से, मेरे लिए यह सही नहीं है. हमें खड़ा होना होगा. हमें ICC के पास जाकर विशेष रियायत की मांग करनी होगी, क्योंकि जब हम शीर्ष पर थे और शानदार खेल रहे थे, तो हर कोई हमारे साथ खेलना चाहता था.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हम अक्सर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ खेलते थे और जब हम पाकिस्तान या भारत जाते थे, तो लाखों लोग स्टेडियम में आते थे. हमें बेहतर हिस्सेदारी की जरूरत है, क्योंकि लंबे समय तक हम ‘कैश काउ’ रहे हैं और हमें उसका कुछ हिस्सा वापस मिलना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि बोर्ड इस सिफारिश पर आगे काम करेगा, ताकि हमें जरूरी धनराशि मिल सके.’

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