गिल का शतक या आकाशदीप की इनिंग नहीं, सुनील गावस्कर ने इसको बताया इंडिया-इंग्लैंड सीरीज का सबसे यादगार लम्हा
Sunil Gavaskar reveals IND vs ENG Test Series enduring memory : भारत और इंग्लैंड के बीच पहली एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2-2 की बराबरी पर खत्म हुई. इस दौरे पर भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया. बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों फील्ड में भारतीय खिलाड़ियों ने शीर्ष स्थान हासिल किया. कप्तान शुभमन गिल ने सबसे ज्यादा 754 रन बनाए, जबकि तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने सबसे ज्यादा 23 विकेट लिए, जिसमें द ओवल में अंतिम पारी में पांच विकेट शामिल थे. सिराज ने आखिरी दिन इंग्लैंड के गस एटकिंसन को एक शानदार यॉर्कर से बोल्ड कर भारत को छह रन की जीत दिलाई. इसे सुनील गावस्कर ने सीरीज की अपनी सबसे यादगार मोमेंट बताया.
गावस्कर ने स्पोर्ट्सस्टार के अपने कॉलम में लिखा, “इस सीरीज में कई पल याद रखने लायक रहेंगे: गिल की बल्लेबाजी- इतनी शुद्ध बल्लेबाजी बहुत कम देखने को मिलती है और उनकी कप्तानी, स्टोक्स का बल्ले और गेंद से अद्भुत प्रदर्शन, भारतीय तेज गेंदबाजों के मैराथन स्पेल, जो रूट की शानदार शतक, ऋषभ पंत की अद्वितीय बल्लेबाजी और हैरी ब्रूक का प्रदर्शन साथ में दोनों का मजेदार बातचीत करना. लेकिन सबसे यादगार पल हमेशा मोहम्मद सिराज का वह यॉर्कर रहेगा, जिसने गस एटकिंसन की ऑफ-स्टंप को उखाड़ फेंका और भारत को जीत दिलाकर सीरीज बराबर कराई. पिछले टेस्ट सीजन के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, यह निस्संदेह भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए हाल के समय का सबसे खुशी का पल होगा. धन्यवाद, शुभमन और तुम्हारी टीम.”

भारत और इंग्लैंड के बीच 2025 की टेस्ट सीरीज बेहद रोमांचक रही, जिसमें पांचों मैचों में उतार-चढ़ाव देखने को मिले. पहला टेस्ट लीड्स में खेला गया, जहां इंग्लैंड ने भारत को 5 विकेट से हराकर बढ़त बनाई. हालांकि, एजबेस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट में भारत ने शानदार वापसी करते हुए इंग्लैंड को 336 रन से मात दी. तीसरे टेस्ट में लॉर्ड्स पर इंग्लैंड ने 22 रन से जीत दर्ज कर फिर बढ़त हासिल कर ली. चौथा टेस्ट ओल्ड ट्रैफर्ड में खेला गया, जो ड्रॉ पर समाप्त हुआ. इसके बाद, द ओवल में हुए पांचवें और आखिरी टेस्ट में भारत ने रोमांचक अंदाज में 6 रन से जीत दर्ज की और सीरीज 2-2 से बराबर कराई.
इस सीरीज में मोहम्मद सिराज का प्रदर्शन सबसे खास रहा. उन्होंने कुल 185.3 ओवर गेंदबाजी की और 23 विकेट लेकर सबसे ज्यादा विकेट लेने का कारनामा किया. खासकर आखिरी टेस्ट की दूसरी पारी में उनके 5 विकेट भारत की जीत के निर्णायक कारण बने. अंतिम टेस्ट के अंतिम दिन उन्होंने अपनी गेंदबाजी के अलावा अपने आक्रामक सेलीब्रेशन से भी इंग्लैंड को दबाव में रखा. बुमराह की अनुपस्थिति में उनकी धारदार गेंदबाजी ने भारतीय पेस आक्रमण को मजबूती दी और जसप्रीत की कमी नहीं खलने दी.
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