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‘… नहीं कर सका’, IND vs ENG सीरीज को लेकर ये क्या बोल गए करुण नायर


IND vs ENG, Karun Nair On Oval Test: भारतीय बल्लेबाज करुण नायर ने इंग्लैंड के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज में अपने प्रदर्शन पर अफसोस जताया है. आठ साल बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी करने वाले नायर का मानना है कि उन्हें मिली अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में नाकामी ने उनके प्रदर्शन को प्रभावित किया. हालांकि, उन्होंने साफ कहा कि इन निराशाओं से सीखना और आगे बड़े स्कोर बनाना ही उनका अगला लक्ष्य है. कर्नाटक के इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने चार टेस्ट मैचों में 25 की औसत से कुल 205 रन बनाए, जिसमें सिर्फ एक अर्धशतक शामिल रहा.

शुरुआत को नहीं भुना पाए नायर

करुण नायर ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से बातचीत में बताया कि ओवल में बनाए गए 57 रन उनकी वापसी के लिए अहम हो सकते थे, लेकिन उसे शतक में नहीं बदल पाने का उन्हें मलाल है. उन्होंने कहा, “मैं ओवल में मिली शुरुआत को शतक में नहीं बदल पाने से निराश था. पहले दिन टीम मुश्किल में थी, इसलिए क्रीज पर टिके रहना जरूरी था. मैं थोड़ा घबराया हुआ था लेकिन अच्छा महसूस कर रहा था. उम्मीद थी कि इसे बड़े स्कोर में बदल पाऊंगा, जो मैं नहीं कर सका.”

नायर ने स्वीकार किया कि यह उनके लिए ‘उतार-चढ़ाव भरी सीरीज’ रही. घरेलू क्रिकेट में लगातार बड़े स्कोर बनाने के बाद राष्ट्रीय टीम में वापसी करना उनके लिए बड़ी उपलब्धि थी, लेकिन उम्मीदों के मुताबिक रन न बना पाना निराशाजनक रहा. उन्होंने कहा, “मैंने काफी सोचा लेकिन जो हो गया उस पर ज्यादा समय नहीं लगाना चाहिए. अब अगले कुछ महीनों में मुझे क्या करना है, उसी पर ध्यान देना जरूरी है. चाहे मैं किसी भी स्तर पर खेलूं, वहां बड़े स्कोर बनाना ही प्राथमिकता होगी.”

गिल की कप्तानी की तारीफ

करुण नायर ने पांच मैचों की कड़ी टक्कर वाली टेस्ट सीरीज में कप्तान शुभमन गिल और मुख्य कोच गौतम गंभीर की भूमिका की खुलकर सराहना की. उनके मुताबिक, गिल ने शुरुआत से ही सभी खिलाड़ियों को एकजुट रखा और टीम का माहौल सकारात्मक बनाए रखा. “शुभमन ने जिस तरह से सभी को जोड़े रखा और लगातार प्रोत्साहित किया, वह देखने लायक था. उनका संवाद बिल्कुल स्पष्ट था. एक बल्लेबाज के तौर पर उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया और साथ ही टीम की कप्तानी भी शानदार ढंग से निभाई.”

मुख्य कोच गौतम गंभीर के बारे में नायर ने बताया, “गौती भाई ने शुरुआत में ही स्पष्ट कर दिया था कि वह नहीं चाहते कि हम खुद को ‘ट्रांजिशन में जा रही टीम’ समझें. उनका पहला संदेश यही था कि यह कोई युवा टीम नहीं है, बल्कि एक बेहतरीन टीम है और हमें इसे दिल से महसूस करना चाहिए.”

नायर मैनचेस्टर टेस्ट में चोटिल ऋषभ पंत की बल्लेबाजी से बेहद प्रभावित हुए. पंत ने टूटी हुई पैर की अंगुली के बावजूद टीम के लिए महत्वपूर्ण पारी खेली. नायर ने कहा, “ऋषभ को टूटी अंगुली के साथ बल्लेबाजी करते देखना इस सीरीज के सबसे यादगार पलों में से एक था. यह सभी के लिए प्रेरणादायक था. इससे पता चलता है कि वह कितने महान खिलाड़ी हैं और उससे भी बढ़कर, किस तरह के इंसान हैं.”

करुण नायर के लिए यह वापसी भले ही सांख्यिकीय तौर पर यादगार न रही हो, लेकिन उनका जज्बा और आगे बेहतर करने का संकल्प बताता है कि वह अब भी भारतीय क्रिकेट में बड़ा योगदान देने की क्षमता रखते हैं. आने वाले घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सीजन में उनकी नजरें सिर्फ एक ही लक्ष्य पर होंगी, टीम के लिए लगातार बड़े और मैच जिताने वाले स्कोर बनाना.

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