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बुमराह के पक्ष में आए सचिन तेंदुलकर, IND vs ENG सीरीज को लेकर कही ये बड़ी बात


IND vs ENG, Sachin Tendulkar Support Jaspreet Bumrah: महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज पर अपने विचार साझा किए हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने जो दो टेस्ट मैच जीते, वे जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में महज संयोग से हुए और इसका अर्थ यह नहीं है कि टीम को उनकी जरूरत नहीं थी. तेंदुलकर ने बुमराह की गेंदबाजी की जमकर तारीफ की और उन्हें अब भी विश्व का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज माना. साथ ही, उन्होंने ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र  जडेजा के योगदान को भी सराहा. मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स द्वारा ड्रॉ की पेशकश पर भी तेंदुलकर ने दो टूक जवाब दिया.

बुमराह की गैरमौजूदगी में जीत पर बोले तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर ने हाल ही में ‘रेडिट’ पर अपने वीडियो विश्लेषण में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की 2-2 से ड्रॉ रही टेस्ट सीरीज पर बात की. उन्होंने कहा कि जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में बर्मिंघम और द ओवल में मिली जीत को ज्यादा तवज्जो देना एक संयोग भर है.

तेंदुलकर ने बताया कि बुमराह ने पहले, तीसरे और चौथे टेस्ट मैच खेले और इन तीनों में कुल 14 विकेट लिए. पहले टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने पांच विकेट लिए थे, वहीं एक और टेस्ट में भी उन्होंने पारी में पांच विकेट चटकाए.

India Vs England: Jasprit Bumrah
India vs england: jasprit bumrah

उन्होंने कहा, “बुमराह जब भी मैदान पर होते हैं, तो कुछ खास कर जाते हैं. उन्होंने जिन तीन टेस्ट में हिस्सा लिया, उनमें से दो में उन्होंने पारी में पांच विकेट झटके. यह दिखाता है कि वह कितने खास गेंदबाज हैं. मैं मानता हूं कि जिन टेस्ट मैचों में वह नहीं खेले और भारत जीता, वह महज संयोग था.”

बुमराह के अब तक के टेस्ट आंकड़ों को देखते हुए उनका कद और बढ़ जाता है. उन्होंने 48 टेस्ट में 219 विकेट लिए हैं, जबकि सिराज ने 41 टेस्ट में 123 विकेट झटके हैं. हालांकि सिराज ने पूरी सीरीज में 23 विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन बुमराह की मौजूदगी का कोई विकल्प नहीं है.

IND vs ENG: स्टोक्स की टिप्पणी को नकारा

मैनचेस्टर टेस्ट में जब इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने ड्रॉ की पेशकश की और भारतीय टीम ने उसे ठुकरा दिया, तो इस पर भी तेंदुलकर ने बेबाकी से अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र  जडेजा को अपने शतक पूरे करने का पूरा अधिकार था और मैच को ड्रॉ की ओर ले जाने के लिए बल्लेबाजी करना बिल्कुल खेल भावना के दायरे में था.

तेंदुलकर ने कहा, “लोग पूछते हैं कि क्या जडेजा और वाशिंगटन ने सही भावना से शतक बनाए? मेरा जवाब है- बिल्कुल. वह टेस्ट मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था और भारत ने सिर्फ बल्लेबाजी ही तो की. इंग्लैंड को अगर गेंदबाज़ी करनी थी तो किसी को भी कराते, भारत की जिम्मेदारी नहीं है कि वह उनके खिलाड़ियों को आराम दे.”

उन्होंने स्टोक्स के उस बयान को भी सिरे से नकारा जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने गेंदबाजों को आराम देने के लिए मैच जल्दी खत्म करना चाहा था. इस पर तेंदुलकर ने कटाक्ष करते हुए पूछा, “आखिरी टेस्ट में इंग्लैंड के गेंदबाजों को तरोताजा क्यों होना चाहिए? इसका कोई जवाब नहीं है.”

इसके अलावा तेंदुलकर ने वाशिंगटन सुंदर की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने हर बार मौके का पूरा फायदा उठाया है. दूसरे टेस्ट की चौथी पारी में बेन स्टोक्स का विकेट लेना और आखिरी टेस्ट में 53 रन की तेजतर्रार पारी खेलना उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दिखाता है.

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