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“आपके कर्म का फल…”, IND vs ENG सीरीज के बाद बेन स्टोक्स पर भड़के अश्विन


IND vs ENG, Ashwin Slammed Stokes: भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई रोमांचक 5 मैचों की टेस्ट सीरीज 2-2 की बराबरी पर समाप्त हुई. लंदन के केनिंग्टन ओवल मैदान पर खेले गए अंतिम और निर्णायक मुकाबले में टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को 6 रनों से मात दी. इस जीत के साथ भारत ने सीरीज को बराबरी पर खत्म किया. हालांकि मैदान पर खेल से ज्यादा चर्चा खिलाड़ियों की चोट और उनके विकल्प को लेकर उठे सवालों की रही. इस मुद्दे पर इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और भारत के पूर्व स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली.

चोटिल खिलाड़ियों को बदलने की मांग 

मैनचेस्टर में खेले गए चौथे टेस्ट मैच के दौरान भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को बैटिंग के दौरान गंभीर चोट लगी थी. स्कैन में उनके पैर में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई, इसके बावजूद वह मैदान पर बल्लेबाजी करने उतरे थे. इस घटना ने क्रिकेट में चोटिल खिलाड़ियों को प्लेइंग 11 से बदलने की मांग को जन्म दिया. भारतीय टीम के हेड कोच ने सुझाव दिया कि जैसे सीमित ओवरों के फॉर्मेट में ‘कन्कशन सब्स्टीट्यूट’ की व्यवस्था है, वैसे ही टेस्ट क्रिकेट में भी एक विकल्प होना चाहिए जिससे इंजर्ड खिलाड़ी की जगह कोई और मैदान पर उतर सके.

इस मुद्दे पर जब इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स से सवाल किया गया तो उन्होंने इस विचार को मजाकिया अंदाज में टाल दिया और इसे गंभीरता से नहीं लिया. उनके इस बयान को लेकर क्रिकेट जगत में कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की, लेकिन सबसे तीखा जवाब भारत के सीनियर ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने दिया.

IND vs ENG: अश्विन का करारा जवाब 

रविचंद्रन अश्विन ने इस विवाद पर अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से बेन स्टोक्स को करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि स्टोक्स जैसे अनुभवी खिलाड़ी को कोई भी बयान देने से पहले थोड़ा सोच-विचार जरूर करना चाहिए. अश्विन ने कहा, “मैं स्टोक्स के खेल का बड़ा प्रशंसक हूं लेकिन इस तरह के मुद्दों को हल्के में लेकर टालना सही नहीं है. तमिल में एक कहावत है जिसका मतलब है – आपको आपके कर्म का फल तुरंत मिलता है.”

उन्होंने आगे कहा कि खिलाड़ियों की चोटें गंभीर मुद्दा हैं और अगर कोई कोच या कप्तान इस पर सुधार की बात कर रहा है तो उसे मजाक नहीं समझा जाना चाहिए. अश्विन ने इस मुद्दे को क्रिकेट की सुरक्षा और खेल भावना से जोड़ते हुए कहा कि भविष्य में यह नियम बन सकता है और खिलाड़ियों की भलाई के लिए यह जरूरी भी है.

इस बयानबाजी से एक बात स्पष्ट हो गई है कि आधुनिक क्रिकेट में खिलाड़ियों की फिटनेस और उनकी सुरक्षा को लेकर अब गंभीर बहस शुरू हो चुकी है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को इस मुद्दे पर विचार करने की आवश्यकता है ताकि खेल के दौरान चोटिल खिलाड़ियों को लेकर कोई स्पष्ट और व्यावहारिक नियम बन सके.

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