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ENG vs IND Shubman Gill and company passed first test young team great performance in England


ENG vs IND: शुभमन गिल की अगुवाई में भारतीय टीम जब लगभग दो महीने पहले इंग्लैंड पहुंची थी तो कुछ प्रमुख सीनियर खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में उससे ज्यादा उम्मीद नहीं की जा रही थी, लेकिन इस टीम ने पांचों टेस्ट मैच में न सिर्फ उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन किया, बल्कि भविष्य के लिए एक बेहतरीन खाका भी पेश किया. विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन के संन्यास लेने और मुख्य तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के केवल तीन मैच के लिए उपलब्ध रहने के कारण भारतीय टीम से बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं लगाई जा रही थी, लेकिन वह परिवर्तन के इस दौर की पहली परीक्षा में सफल रही. दोनों कप्तानों गिल और उनके प्रतिद्वंदी बेन स्टोक्स के शब्दों में 45 दिनों की कड़ी टक्कर के बाद 2-2 की बराबरी शायद एक उचित परिणाम है. Shubman Gill and company passed first test young team great performance in England

जिसमें हारे, उसमें में दिखाया पूरा दम

भारत ने दो मैच गंवाए, लीड्स में पहला मैच और लॉर्ड्स में तीसरा टेस्ट. इन मैच में भी भारत जीत सकता था लेकिन यही वह सबक है जो युवा खिलाड़ियों को मिला है. भारतीय टीम की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि उसने किसी भी मैच में आखिर तक हार नहीं मानी और दो मैच में शानदार वापसी की. इससे टीम के जज्बे का पता चलता है. इस सीरीज में यह भी साबित हो गया कि भारतीय टीम का भविष्य सुरक्षित हाथों में है. गिल ने सीरीज में चार शतक की मदद से सर्वाधिक 754 रन बनाकर आगे बढ़कर नेतृत्व किया जिससे अन्य खिलाड़ियों को भी अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिली.

गिल ने कोहली की जगह खुद को किया सेट

अपने करियर की शुरुआत सलामी बल्लेबाज के रूप में करने वाले गिल ने बल्लेबाजी क्रम में महत्वपूर्ण चौथे नंबर पर खुद को स्थापित करके भारत की कई चिंताओं को भी दूर कर दिया. तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज सीरीज के नायक बनकर उभरे. वह दोनों टीमों की ओर से सभी पांच टेस्ट मैचों में खेलने वाले एकमात्र तेज गेंदबाज थे. उन्होंने ओवल में सीरीज का अंतिम विकेट लिया और 23 विकेट लेकर सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने. कार्यभार प्रबंधन के कारण दो टेस्ट मैचों में जसप्रीत बुमराह के नहीं खेलने का सिराज ने पूरा फायदा उठाया. विपक्षी कप्तान बेन स्टोक्स की तरह उन्होंने दबाव बनाए रखने के लिए कुछ अतिरिक्त ओवर भी किए.

बुमराह के बिना भी टीम रही शानदार

बुमराह की फिटनेस पर सवाल बने रहेंगे और लंबे प्रारूप में उनका भविष्य भी अनिश्चित है, लेकिन भरोसा है कि सिराज नये तेज गेंदबाजों को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. प्रसिद्ध कृष्णा और आकाशदीप ने उनका अच्छा साथ दिया. रवींद्र जडेजा ने अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल करके इस सीरीज को अपने लिए यादगार बना दिया. इस 36 वर्ष के खिलाड़ी ने सीरीज में 516 रन बनाए जिसमें एक शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं. केएल राहुल दोनों टीमों में सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज रहे. उन्होंने इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में अपने कौशल और प्रतिभा का शानदार नमूना पेश किया. गिल और जडेजा के अलावा वह सीरीज में दो शतकों सहित 500 से अधिक रन बनाने वाले अन्य भारतीय बल्लेबाज थे.

पैर में फ्रैक्चर के बावजूद पंत ने की बल्लेबाजी

निचले क्रम में वॉशिंगटन सुंदर का संयमित प्रदर्शन सराहनीय रहा और उन्होंने मैनचेस्टर में अपनी ऑफ स्पिन से भी महत्वपूर्ण योगदान दिया. भारत आठवें नंबर तक बल्लेबाजी करने पर अड़ा रहा और वाशिंगटन ने सुनिश्चित किया कि टीम को अपने चुने हुए रास्ते से नहीं हटना पड़े. ऋषभ पंत और क्रिस वोक्स के साहसिक प्रदर्शन ने भी सीरीज को और अधिक रोचक बना दिया. पंत जहां मैनचेस्टर में पहली पारी में महत्वपूर्ण रन जोड़ने के लिए पैर में फ्रैक्चर के बावजूद बल्लेबाजी करने उतरे, वहीं वोक्स कंधे की चोट के बावजूद अंतिम टेस्ट के पांचवें दिन बल्लेबाजी करने उतरे.

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