Happy Birthday Arun lal: भारतीय क्रिकेट जगत में कई ऐसी जोड़ियां बनी हैं जो आज भी चर्चा में रहती हैं, लेकिन इनमें से कुछ जोड़ियां अपने फैसलों और परिस्थितियों की वजह से खास बन जाती हैं. भारत के पूर्व क्रिकेटर और मशहूर कमेंटेटर अरुण लाल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. अरुण लाल ने न सिर्फ क्रिकेट के मैदान में अपनी पहचान बनाई, बल्कि निजी जिंदगी में लिए गए उनके कुछ साहसिक फैसले आज भी लोगों को हैरान करते हैं. उन्होंने अपने से 28 साल छोटी महिला से शादी की, वो भी तब जब वो पहले से शादीशुदा थे. इस शादी के पीछे की लव स्टोरी, संघर्ष और उनकी जिंदगी के अन्य अनसुने पहलू बेहद दिलचस्प हैं. आइए जानते हैं अरुण लाल की अनोखी लव लाइफ और उनके करियर से जुड़ी पूरी कहानी.
पहली पत्नी से तलाक के बाद की दूसरी शादी

अरुण लाल और बुलबुल साहा की लव स्टोरी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. बुलबुल, अरुण की पुरानी जान पहचान की दोस्त थीं. जब अरुण अपनी पहली पत्नी से तलाक ले चुके थे और अकेलेपन से जूझ रहे थे, तब उन्होंने बुलबुल को शादी के लिए प्रपोज किया. दिलचस्प बात यह है कि उनकी पहली पत्नी ने भी उन्हें दूसरी शादी की इजाजत दी थी. बुलबुल ने भी अरुण के प्रस्ताव को खुशी-खुशी स्वीकार किया और दोनों की शादी हो गई.
जब ये शादी हुई तब अरुण लाल 67 साल के थे और बुलबुल उनसे 28 साल छोटी थीं. समाज में उम्र के इतने बड़े अंतर को लेकर चर्चाएं जरूर हुईं, लेकिन दोनों ने इन बातों की परवाह नहीं की. शादी के बाद अरुण ने कोचिंग की जिम्मेदारियों से भी विराम लिया. उन्होंने बंगाल टीम के कोच पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि यह एक 24 घंटे की नौकरी है और अब वो इसे निभा नहीं सकते. शादी के बाद अरुण और बुलबुल का रिश्ता काफी मजबूत और प्रेरणादायक माना जाता है.
बुलबुल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि यह रिश्ता पहली नजर का प्यार नहीं था. वे कॉमन फ्रेंड्स के जरिए एक-दूसरे के करीब आए थे और वक्त के साथ रिश्ता मजबूत होता चला गया.
अरुण लाल का इंटरनेशनल करियर
अरुण लाल का जन्म 1 अगस्त 1955 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुआ था, लेकिन उन्होंने बंगाल के लिए क्रिकेट खेला. 1982 में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया था. इस मैच में उन्होंने महान बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर के साथ पारी की शुरुआत की थी. डेब्यू टेस्ट में उन्होंने 63 रनों की अहम पारी खेली और गावस्कर के साथ पहले विकेट के लिए 156 रनों की साझेदारी की.

हालांकि इंटरनेशनल स्तर पर उनका करियर ज्यादा लंबा नहीं चला. उन्होंने भारत के लिए कुल 16 टेस्ट और 13 वनडे मैच खेले. टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 26 की औसत से 729 रन दर्ज हैं जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 93 रन रहा, जो उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया था. वहीं वनडे में उनके बल्ले से सिर्फ 122 रन ही निकले.
हालांकि फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड शानदार रहा. उन्होंने 46.94 की औसत से 10,421 रन बनाए, जिसमें कई शतक और अर्धशतक शामिल हैं. घरेलू क्रिकेट में उनकी भूमिका बेहद अहम रही और उन्होंने बंगाल टीम को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
कैंसर को हराकर दोबारा की शुरुआत
अरुण लाल की जिंदगी सिर्फ क्रिकेट और लव स्टोरी तक ही सीमित नहीं रही. उन्होंने एक और बड़ी जंग लड़ी कैंसर के खिलाफ. साल 2016 में उन्हें कैंसर हो गया था, जिसके चलते उन्होंने कमेंट्री से दूरी बना ली थी. लेकिन उन्होंने इस बीमारी को मात दी और फिर से क्रिकेट से जुड़ गए. कैंसर से उबरने के बाद उन्होंने बंगाल क्रिकेट टीम की कोचिंग की जिम्मेदारी संभाली और टीम को कई मुकाबलों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया.
अरुण लाल कोचिंग में बेहद मेहनती माने जाते हैं. वे खिलाड़ियों के फिटनेस और मानसिक मजबूती पर विशेष ध्यान देते थे. उन्होंने खुद एक बार कहा था कि कोचिंग एक 24 घंटे की जॉब है और इसे सिर्फ वही निभा सकता है जो पूरी तरह समर्पित हो.
इसके अलावा अरुण लाल ने एक समय भारत के प्रतिष्ठित एकता गीत “मिले सुर मेरा तुम्हारा” में बंगाल का प्रतिनिधित्व भी किया था, जिससे यह साबित होता है कि वे सिर्फ क्रिकेटर ही नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक भी हैं.
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