IND vs ENG: टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे की घोषणा के समय जिन दो खिलाड़ियों पर सबसे ज्यादा नजरें थीं, वे थे केएल राहुल और रवींद्र जडेजा. इन दोनों ही खिलाड़ियों को इंग्लैंड की कठिन परिस्थितियों में खेलने का अच्छा अनुभव था, और ऐसे में इन पर टीम के प्रदर्शन को संभालने की बड़ी जिम्मेदारी भी थी. राहुल ने बतौर ओपनिंग बल्लेबाज न केवल अपनी भूमिका को बखूबी निभाया, बल्कि अपने टेस्ट करियर में पहली बार कुछ ऐसे कीर्तिमान भी स्थापित किए जो उनके लिए ऐतिहासिक साबित हुए. राहुल का यह दौरा उनके करियर का सबसे यादगार और सफल दौरा बन गया है.
ओवल टेस्ट की पहली पारी में राहुल 40 गेंदों पर 14 रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कुछ अहम उपलब्धियों को हासिल कर लिया. राहुल ने इस सीरीज में दो शानदार शतक लगाए हैं, 500 से अधिक रन बनाए हैं और कुल मिलाकर 1038 गेंदों का सामना किया है. यह पहली बार है जब उन्होंने किसी एक टेस्ट सीरीज में ये तीनों उपलब्धियां एक साथ हासिल की हैं, जिससे यह दौरा उनके करियर का मील का पत्थर बन गया है.
IND vs ENG: एक टेस्ट सीरीज में तीन बड़े कीर्तिमान
केएल राहुल इस इंग्लैंड दौरे पर अपने करियर के सर्वोत्तम फॉर्म में नजर आए. उन्होंने पहली बार किसी एक टेस्ट सीरीज में दो शतक जड़े, 500+ रन बनाए और 1000 से अधिक गेंदों का सामना किया. इंग्लैंड जैसे तेज और स्विंग करती पिचों पर यह प्रदर्शन किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं होता, लेकिन राहुल ने अपने धैर्य, तकनीक और लय से यह साबित कर दिया कि वह विदेशी जमीन पर भी एक भरोसेमंद ओपनर हैं.

उनकी यह निरंतरता न सिर्फ टीम को एक मजबूत शुरुआत देने में मददगार रही, बल्कि उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों के खिलाफ मानसिक बढ़त भी हासिल की. खास बात यह रही कि राहुल ने इन सभी रिकॉर्ड्स को विदेशी जमीन पर, एक बेहद चुनौतीपूर्ण सीरीज में हासिल किया, जो उनके क्रिकेटिंग कौशल को और भी निखारता है.
गावस्कर के रिकॉर्ड से 31 रन दूर
राहुल के पास अब एक और बड़ा मौका है सुनील गावस्कर के ऐतिहासिक रिकॉर्ड को तोड़ने का. इंग्लैंड में बतौर ओपनर सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने का रिकॉर्ड गावस्कर के नाम है, जिन्होंने 15 टेस्ट में 1152 रन बनाए थे. वहीं राहुल अब तक 13 टेस्ट में 1122 रन बना चुके हैं. इसका मतलब है कि ओवल टेस्ट की दूसरी पारी में अगर राहुल 31 या उससे अधिक रन बनाते हैं, तो वह गावस्कर का यह रिकॉर्ड तोड़ देंगे.
इस रिकॉर्ड को तोड़ना राहुल के लिए न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि होगी, बल्कि यह यह भी दर्शाएगा कि भारतीय क्रिकेट अब सिर्फ घरेलू पिचों पर ही नहीं, बल्कि विदेशी सरजमीं पर भी दमखम से खेल सकता है. यदि वह यह मुकाम हासिल करते हैं, तो वह आधुनिक दौर के सबसे सफल विदेशी ओपनिंग बल्लेबाजों में शुमार हो जाएंगे.
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