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फूट पड़ा अभिमन्यु ईश्वरन के पिता का गुस्सा, इग्नोर करने का आरोप लगा गंभीर पर भड़के


ENG vs IND: अभिमन्यु ईश्वरन को भारत के लिए डेब्यू का बेसब्री से इंतजार करते हुए 961 दिन बीत चुके हैं. उनके पिता ने कहा कि इंग्लैंड दौरा उनके लिए सबसे अच्छा मौका लग रहा था, खासकर भारत ए के दो दौरे के मैचों में प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद, लेकिन लगातार इग्नोर किए जाने ने उन्हें निराश कर दिया. उन्होंने मुख्य कोच गौतम गंभीर पर निशाना साधते हुए अपने बेटे की बजाय करुण नायर को तरजीह देने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया. 2021 में, ईश्वरन को बीसीसीआई चयनकर्ताओं ने दो बार टीम में शामिल किया, स्टैंडबाय के तौर पर पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए और फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए. Abhimanyu Easwaran father burst out in anger got angry at Gambhir for ignoring him

घरेलू क्रिकेट में ईश्वरन का शानदार प्रदर्शन

भारतीय टीम में उनका पहला आधिकारिक चयन 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए हुआ. तब से, वह नियमित रूप से बैकअप टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज के रूप में टेस्ट टीम का हिस्सा रहे हैं, लेकिन अभी तक डेब्यू नहीं कर पाए हैं. मौजूदा इंग्लैंड दौरे के दौरान, भारत ने अपनी अंतिम एकादश में कई बदलाव किए, जिसमें ओवल में अंतिम टेस्ट के लिए चार बदलाव भी शामिल हैं, लेकिन ईश्वरन का इंतजार जारी रहा. टाइम्स ऑफ इंडिया डॉट कॉम से बात करते हुए, अभिमन्यु के पिता रंगनाथन ईश्वरन ने सवाल उठाया कि उनके बेटे की बजाय नायर को क्यों तरजीह दी गई. उन्होंने बताया कि 29 वर्षीय अभिमन्यु न केवल घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि उन्हें दलीप ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी और पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भी चुना गया था.

अभिमन्यु के पिता ने गिनाए आंकड़े

रंगनाथन ने कहा, ‘मैं अभिमन्यु के टेस्ट डेब्यू का इंतजार करने के दिनों की गिनती नहीं कर रहा हूं. मैं सालों की गिनती कर रहा हूं, अब तीन साल हो गए हैं. एक खिलाड़ी का काम क्या होता है? रन बनाना. उसने वो किया है. लोगों ने कहा कि उसने ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे में इंडिया-ए के दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और टीम में जगह नहीं बना पाया, जो कि सही भी है. जब अभिमन्यु ने डेब्यू से पहले अच्छा प्रदर्शन किया था, उस दौरान करुण नायर टीम में नहीं थे. करुण को दलीप ट्रॉफी या ईरानी ट्रॉफी के लिए नहीं चुना गया था. अगर आप पिछले साल से लेकर इस साल तक की अवधि पर गौर करें तो अभिमन्यु ने लगभग 864 रन बनाए हैं.’

करुण नायर से तुलना पर भड़के ईश्वरन के पिता

उन्होंने आगे कहा, ‘तो फिर तुलना कैसे करें? मुझे समझ नहीं आता. उन्होंने करुण नायर को मौका दिया. ठीक है, उन्होंने 800 से ज़्यादा रन बनाए. चयनकर्ताओं ने उन पर भरोसा जताया है.’ रंगनाथन ने कहा कि वह पूरी सीरीज के दौरान अपने बेटे के साथ लगातार संपर्क में रहे और उसे प्रेरित रखने की कोशिश करते रहे. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें यह समझने में दिक्कत हुई कि कैसे कुछ खिलाड़ी आईपीएल में अपने टी20 प्रदर्शन के आधार पर भारत की टेस्ट टीम में जगह बनाने में कामयाब हो जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘मेरा बेटा थोड़ा उदास लग रहा है, लेकिन ऐसा होना स्वाभाविक है. कुछ खिलाड़ी आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर टेस्ट टीम में जगह बनाने की जल्दबाजी में फैसला ले लेते हैं. टेस्ट क्रिकेट के लिए टीम चुनते समय आईपीएल के प्रदर्शन को नहीं गिना जाना चाहिए. टेस्ट टीम में चयन के लिए रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी को आधार बनाया जाना चाहिए.’

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