‘द हंड्रेड लीग’ में IPL टीमों की एंट्री, रणनीतिक साझेदारी के लिए चार तय, ये होगी पांचवीं, ECB ने की घोषणा
IPL Franchise Investment in The Hundred League: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की टीमों का वैश्विक टी-20 लीगों में प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है. आईपीएल की फ्रेंचाइजियां अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे सिस्टर फ्रेंचाइजी मॉडल के तहत दुनिया की अन्य टी-20 लीगों में भी सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं. इस विस्तार का नवीनतम उदाहरण इंग्लैंड की मशहूर टी-20 प्रतियोगिता द हंड्रेड में देखने को मिला है. इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने बुधवार को घोषणा की कि उसने आईपीएल की चार टीमों के मालिकों को द हंड्रेड की टीमों के लिए रणनीतिक साझेदार के रूप में चुना है.
ईसीबी ने अपने बयान में बताया कि इन साझेदारों को इस वर्ष एक अक्टूबर तक अपनी-अपनी टीमों का संचालन अधिकार मिल जाएगा. इन रणनीतिक साझेदारों में भारत के चार बड़े कारोबारी समूह जीएमआर समूह, सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड, आरपीएसजी समूह और रिलायंस समूह शामिल हैं. ईसीबी ने बताया कि इन साझेदारियों से इंग्लैंड के क्रिकेट ढांचे में भारी निवेश होगा, जिससे खेल को आर्थिक मजबूती मिलेगी. खासतौर पर जमीनी स्तर के क्रिकेट के लिए 50 मिलियन पाउंड का एक विशेष फंड निर्धारित किया गया है.
अब तक हुए सौदे
ईसीबी ने कहा कि कुल आठ टीमों में से छह के साथ सौदे पूरी तरह से हो चुके हैं, जबकि दो अन्य सौदों को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है. इन छह पक्के सौदों में आरपीएसजी समूह को मैनचेस्टर ओरिजिनल्स में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी दी गई है, जो लखनऊ सुपर जायंट्स के मालिक भी हैं. नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी सन टीवी नेटवर्क को सौंपी गई है, जो सनराइजर्स हैदराबाद फ्रेंचाइजी चलाते हैं. जीएमआर समूह, जो दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक हैं, उन्हें सदर्न ब्रेव में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राप्त हुई है. लंदन स्पिरिट में टेक टाइटन्स को 49 प्रतिशत हिस्सेदारी दी गई है, यह अमेरिका मे स्थित भारतीय टेक जाएंट्स का जॉइंट वेंचर है. जबकि बर्मिंघम फीनिक्स में नाइटहेड कैपिटल को समान हिस्सेदारी (49 प्रतिशत) प्राप्त हुई है. वहीं वेल्श फायर में वॉशिंगटन फ्रीडम को भी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी सौंपी गई है.
छह टीमों के साथ रणनीतिक साझेदारी के सौदे पूरे
लंदन स्पिरिट- टेक टाइटन्स (49%)
बर्मिंघम फीनिक्स- नाइटहेड कैपिटल मैनेजमेंट एलएलसी (49%)
मैनचेस्टर ओरिजिनल्स- आरपीएसजी ग्रुप (70%)
नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स- सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड (100%)
सदर्न ब्रेव- जीएमआर ग्रुप (49%)
वेल्श फायर- वाशिंगटन फ्रीडम (49%)
दो टीमों के लिए साझेदारी बाकी
बचे हुए दो सौदे ओवल इनविंसिबल्स और ट्रेंट रॉकेट्स से जुड़े हैं. ओवल इनविंसिबल्स को एक संयुक्त उद्यम के तौर पर चलाया जाएगा, जिसमें सरे काउंटी क्लब इक्यावन प्रतिशत और रिलायंस समूह 49 प्रतिशत हिस्सेदारी रखेगा. हालांकि इस सौदे की औपचारिक घोषणा अभी बाकी है, लेकिन माना जा रहा है कि अक्टूबर की शुरुआत तक इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इस सौदे में एकमात्र शेष मुद्दा फ्रेंचाइजी के नाम को लेकर है, जिसे रिलायंस की अंतरराष्ट्रीय टीमों की तर्ज पर ‘एमआई लंदन’ या ‘एमआई ओवल’ जैसे नाम दिए जाने की संभावना है, हालांकि ब्रांडिंग को लेकर कोई बड़ा विवाद नहीं है.
ट्रेंट रॉकेट्स में दो निवेशकों कैन इंटरनेशनल और एरेस मैनेजमेंट ने रुचि दिखाई है. कैन इंटरनेशनल के सह-संस्थापक टॉड बोहेली और जोनाथन गोल्डस्टीन चेल्सी फुटबॉल क्लब के मालिकाना समूह का हिस्सा हैं. यह फ्रेंचाइजी एक अल्पसंख्यक भागीदारी के मॉडल पर चलाई जाएगी, जबकि नॉटिंघमशायर काउंटी क्लब इक्यावन प्रतिशत हिस्सेदारी बनाए रखेगा.
द हंड्रेड बनेगा इंग्लैंड क्रिकेट के लिए मील का पत्थर
इन आठ टीमों की कुल वैल्यूएशन करीब £1 बिलियन (1 अरब पाउंड) आंकी गई है. ईसीबी के अनुसार, इन आठ साझेदारियों के बाद द हंड्रेड की टीमों की कुल मूल्यांकन राशि नौ सौ पचहत्तर मिलियन पाउंड से अधिक हो गई है और इंग्लैंड व वेल्स क्रिकेट व्यवस्था में कुल मिलाकर 500 मिलियन पाउंड (50 करोड़ पाउंड) से अधिक का प्रत्यक्ष निवेश होगा. इसमें से 50 मिलियन पाउंड जमीनी स्तर के क्रिकेट के विकास में लगाए जाएंगे और शेष राशि पेशेवर काउंटी टीमों में वितरित की जाएगी. ईसीबी ने इस पहल को द हंड्रेड के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया है और कहा है कि यह कदम इंग्लैंड क्रिकेट के दीर्घकालिक विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.
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