IND vs ENG: 31 जुलाई यानी गुरूवार से शुरू हो रहे एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के निर्णायक और पांचवें टेस्ट से पहले इंग्लैंड को तगड़ा झटका लगा है. टीम के कप्तान और ऑलराउंडर बेन स्टोक्स मांसपेशियों में खिंचाव के कारण इस अहम मुकाबले से बाहर हो गए हैं. स्टोक्स की गैरमौजूदगी में अब इंग्लैंड की कमान बल्लेबाज ओली पोप को सौंपी गई है. यह टेस्ट भारत के लिए सीरीज बराबर करने का अंतिम अवसर होगा, जबकि इंग्लैंड इस मैच को जीतकर घरेलू मैदान पर सीरीज पर कब्जा करना चाहेगा.
बेन स्टोक्स की चोट और बड़ा फैसला
बेन स्टोक्स ने इस सीरीज में इंग्लैंड के लिए हरफनमौला प्रदर्शन किया है. उन्होंने अब तक 7 पारियों में 304 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक भी शामिल है और उनका बल्लेबाजी औसत 43.42 का रहा है. वहीं गेंदबाजी में भी उन्होंने 17 विकेट अपने नाम किए हैं, जिनमें एक पांच विकेट और एक चार विकेट हॉल शामिल है. दो बार वह ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ भी चुने गए हैं. ऐसे में उनका बाहर होना इंग्लैंड के लिए काफी बड़ा झटका है.

स्टोक्स ने स्काई स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा “मैं साफ तौर पर निराश हूं. मुझे एक ऐसी मांसपेशी में खिंचाव है जिसका नाम तक मैं ठीक से नहीं ले सकता. हमने फैसला लेने के लिए जितना संभव हो सका, इंतजार किया. सुबह यहां आकर मैंने सिर्फ बल्लेबाज के तौर पर खेलने की कोशिश की, लेकिन चोट ने मौका नहीं दिया.”
उन्होंने आगे कहा कि यह फैसला मेडिकल टीम, कोच ब्रेंडन मैकुलम और खुद उनके बीच हुई चर्चा के बाद लिया गया. सभी ने यह निष्कर्ष निकाला कि चोट के साथ खेलना ज्यादा जोखिमभरा हो सकता है, और इसलिए टीम के हित में उन्हें बाहर होना पड़ा. स्टोक्स ने यह भी बताया कि वे अब रिहैब की प्रक्रिया शुरू करेंगे और विंटर सीजन की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे. उनके मुताबिक “जब सीरीज खत्म होती तो मैं वैसे भी कुछ हफ्तों के लिए रेस्ट लेता, तो इस फैसले से बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है.”
भारत की वापसी की उम्मीदें जिंदा
चौथे टेस्ट में मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर ड्रॉ होने से इंग्लैंड ने सीरीज में 2-1 की बढ़त बनाए रखी है. अब आखिरी टेस्ट लंदन के ओवल मैदान पर खेला जाएगा, जहां भारत के पास सीरीज को 2-2 से बराबर करने का मौका है. हालांकि भारत ने 2007 के बाद से इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है, लेकिन मौजूदा हालात में टीम एक सम्मानजनक विदाई की उम्मीद के साथ मैदान में उतरेगी.
बेन स्टोक्स की गैरमौजूदगी भारत के लिए राहत की बात हो सकती है, क्योंकि वे गेंद और बल्ले दोनों से मैच का रुख पलटने में सक्षम हैं. इंग्लैंड को अब ओली पोप की अगुवाई में बिना अपने सबसे अनुभवी खिलाड़ी के मैदान में उतरना होगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इंग्लैंड दबाव को संभालकर सीरीज जीतता है या भारत इतिहास रचकर एक यादगार वापसी करता है.
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