Was Joe Root wicket on Akash Deep delivery No ball: इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने पूरा दबदबा बनाकर रखा है. पहली पारी के 587 रन के बाद दूसरी इनिंग में भी टीम इंडिया ने 427 रन जड़ दिए. इसकी बदौलत भारत ने इंग्लिश टीम को 608 रन का टारगेट दिया, क्योंकि इंग्लिश टीम पहली पारी में 427 रन ही बना सकी थी. जबकि चौथे दिन दूसरी पारी में भी उसने 72 रन बनाने में 3 विकेट गंवा दिए. अब भारत को अंतिम दिन जीत के लिए 7 विकेट की दरकार है. इंग्लैंड ने जो तीन विकेट खोए, उसमें जैक क्रॉली, बेन डकेट और जो रूट शामिल रहे. हालंकि रूट के विकेट पर कमेंट्री बॉक्स में खलबली मच गई.
एजबेस्टन टेस्ट के चौथे दिन भारत बनाम इंग्लैंड मुकाबले में एक विवादास्पद क्षण सामने आया, जब भारतीय तेज गेंदबाज आकाश दीप ने जो रूट को क्लीन बोल्ड कर पवेलियन भेजा. लेकिन अब इसी गेंद को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या वह बैक-फुट नो-बॉल थी और क्या रूट को नॉटआउट करार दिया जाना चाहिए था? बीबीसी की कमेंटेटर एलिसन मिशेल ने कमेंट्री के दौरान यह मुद्दा उठाया. उनका कहना है कि गेंदबाजी करते समय आकाश दीप का पिछला पैर रिटर्न क्रीज की लाइन से बाहर चला गया था, जो कि नियमों के अनुसार बैक-फुट नो-बॉल माना जाता है. एलिसन के मुताबिक, “आकाश दीप की गेंदबाजी के समय उनका पिछला पैर लगभग दो इंच तक क्रीज के बाहर था, लेकिन यह गलती किसी ने नोटिस नहीं की.”
बैक-फुट नो-बॉल क्या होती है?
क्रिकेट में दो प्रकार की क्रीज का जिक्र होता है. पहली पॉपिंग क्रीज, जो पिच की लंबाई की दिशा में खींची गई सफेद रेखा होती है, दूसरी रिटर्न क्रीज, स्टंप्स के बराबर दोनों ओर खिंची छोटी लाइनें होती हैं. अधिकतर नो-बॉल्स फ्रंट-फुट की गलती से होती हैं, जब गेंदबाज का आगे का पैर पॉपिंग क्रीज से आगे चला जाता है. लेकिन बैक-फुट नो-बॉल कम ध्यान में आती है, जबकि यह भी उतनी ही अहम है.

क्या कहता है MCC का नियम 21.5
MCC के नियम 21.5 के अनुसार, गेंद डालते समय गेंदबाज का पिछला पैर रिटर्न क्रीज की रेखा के अंदर रहना चाहिए और उसे छूना भी नहीं चाहिए. अगर पिछला पैर रेखा को छूता है या उससे बाहर जाता है, तो गेंद बैक-फुट नो-बॉल घोषित की जानी चाहिए.
रवि शास्त्री ने बताया कैसे नहीं थी नो बॉल
यह घटना 11वें ओवर की है, जब रूट मात्र 6 रन (16 गेंद) पर खेल रहे थे और इंग्लैंड का स्कोर 50/3 था. इसे लेकर रवि शास्त्री और स्टुअर्ट ब्रॉड के बीच भी चर्चा चली और सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस पर आवाज उठाई. लेकिन इस मामले पर हालांकि रवि शास्त्री के अनुसार यह गेंद नो बॉल नहीं दी जा सकती. शासत्री ने कहा कि गेंद फेंकते समय आकाश दीप का पैर रिटर्न क्रीज के ऊपर हवा में था और वह पिच को टच नहीं कर रहा था. इस वजह से यह गेंद पूरी तरह से नियमों के अनुसार वैलिड डिलिवरी थी. अगर एलिसन मिशेल की बात सही साबित होती है, तो तकनीकी रूप से जो रूट आउट नहीं माने जाते. चूंकि यह गलती ऑन-फील्ड अंपायर्स और थर्ड अंपायर दोनों से छूट गई, इसलिए फैसला वैध माना गया.
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