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गिल के इस ‘अपराध’ से दुखी हैं युवराज सिंह, पिता योगराज ने किया बड़ा खुलासा


IND vs ENG: टीम इंडिया के युवा कप्तान शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में दोहरा शतक तो जड़ा, लेकिन वह तीहरे शतक से चूक गए. युवराज सिंह के पिता योगराज का मानना ​​है कि इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में शुभमन गिल के तिहरा शतक बनाने में विफल रहने से पूर्व भारतीय क्रिकेटर ‘दुखी’ थे. गिल शानदार फॉर्म में दिख रहे थे और उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों पर दबदबा बनाया लेकिन आखिरकार उनकी पारी 269 रन पर समाप्त हो गई. जोश टंग ने गिल को आउट किया और योगराज ने कहा कि बल्लेबाज के जमने के बाद विकेट खोना ‘अपराध’ था. उन्होंने यहां तक ​​कहा कि युवराज को भी ऐसा ही लगता है और गिल को अपना विकेट बचाना चाहिए था. Yuvraj Singh is saddened by this crime of Gill father Yograj made big revelation

गिल के आउट होने से योगराज सिंह भी हैं दुखी

योगराज ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘मुझे खुशी है कि युवराज ने अपने जीवन में जो कुछ भी हासिल किया है, वह उसे खिलाड़ियों को कोचिंग देकर वापस दे रहे हैं. गिल, अभिषेक और अर्शदीप उनके चेले रहे हैं. जब शुभमन गिल 200 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तो मैं चाहता था कि वह 250 रन पर नाबाद रहें, लेकिन जब बल्लेबाज आउट हो जाता है, तो मुझे दुख होता है. युवराज भी ऐसा ही महसूस कर रहे हैं. उन्हें एहसास हो गया है कि इतने बड़े स्कोर के बाद आउट होना अपराध है.’

युवराज ने कई प्रतिभाओं को निखारा

योगराज ने आगे कहा, ‘जब आप 200, 250, 300 रन पर नाबाद होते हैं और जब आप अपने नाम के अनुरूप नॉट आउट होते हैं तो आपकी सभी गलतियां सुधर जाती हैं. दूसरी बात, शुभमन गिल के बारे में बहुत कुछ कहा जा रहा था. उनसे मैं बस इतना कहना चाहता हूं. कृपया, अगर आपने क्रिकेट नहीं खेला है, तो इसके बारे में बात न करें. गिल ने अपने टॉप हैंड पर काम किया है.’ योगराज ने कहा कि युवराज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद नई प्रतिभाओं को निखारने के लिए समय समर्पित किया है और यहां तक ​​कि गिल और अभिषेक शर्मा जैसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षित भी किया है.

ब्रायन लारा 500 रन बना सकते हैं तो भारतीय क्यों नहीं

योगराज ने कहा, ‘युवराज जानते हैं कि खिलाड़ियों को कैसे तैयार किया जाता है. खिलाड़ियों को युवराज और गौतम गंभीर से सीखना चाहिए. वे खिलाड़ियों को डांटते भी हैं, चाहे आपने कितने भी रन बनाए हों या कितने भी विकेट लिए हों. सचिन तेंदुलकर खुद को डांटते थे. सुनील गावस्कर अगर आउट हो जाते तो नेट छोड़कर चले जाते थे. लोग महान इसलिए बनते हैं क्योंकि जब वे बड़ी पारी खेलते हैं तो वे पीछे जाकर इस पर विचार करते हैं कि उन्होंने क्या गलत किया. गिल बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं. वे 300, 400 रन बना सकते हैं… अगर ब्रायन लारा नाबाद 500 रन बना सकते हैं, तो हम भी बना सकते हैं.’

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