EBM News Hindi
Leading News Portal in Hindi

इंग्लैंड का अभेद किला है एजबेस्टन ग्राउंड, 57 साल बाद भारत के पास इतिहास रचने का मौका


IND vs ENG: टीम इंडिया 2 जून से एजबेस्टन में शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट मैच के लिए पूरी तरह तैयार है. पहले टेस्ट में पांच विकेट से हार के बाद भारत के लिए यह टेस्ट बेहद खास है. भारतीय फैंस की नजरें इस टेस्ट पर टिकी हैं, जिसमें स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का खेलना संदिग्ध है. वैसे भी भारत अपने स्टार बल्लेबाज विराट कोहली और रोहित शर्मा के बिना इस सीरीज में उतरा है. एजबेस्टन के मैदान पर टीम इंडिया का रिकॉर्ड बेहद ही खराब है. पिछले 57 साल में भारत को इस मैदान पर एक बार भी जीत नहीं मिली है. यह मैदान इंग्लैंड का एक ऐसा अभेद किला है, जिसे अब तक कोई भी एशियाई देश भेद नहीं पाया है. अब यह देखना दिलचस्प है कि दूसरे टेस्ट में भारत किस प्रकार इंग्लैंड का सामना करता है.

एजबेस्टन: भारत का टेस्ट कब्रिस्तान

एजबेस्टन ने भारत की आठ टेस्ट मैचों की मेजबानी की है और उनमें से टीम इंडिया ने एक भी नहीं जीता है. एजबेस्टन ने भारत की कुछ सबसे बड़ी हार भी हुई है.
भारत के खराब रिकॉर्ड पर एक नजर
1967 – 132 रन से हार
1974 – पारी और 78 रन से हार
1979 – पारी और 83 रन से हार
1986 – मैच ड्रा (केवल एक बिना हार के)
1996 – 8 विकेट से हार
2011 – एक पारी और 242 रन से हार (इस मैदान पर भारत की सबसे बड़ी हार)
2018 – 31 रन से हार (करीबी मुकाबला, विराट कोहली ने पहली पारी में 149 रन बनाए)
2022 – 7 विकेट से हार (रिशेड्यूल टेस्ट; इंग्लैंड ने आराम से 378 रन बनाए)
सात हार और एक ड्रा – एक ऐसा रिकार्ड जिसे भारत उलटना चाहेगा.

यह टेस्ट भारत के लिए अधिक महत्वपूर्ण क्यों?

हेडिंग्ले में निराशाजनक हार के बाद भारत न केवल सीरीज में 1-0 से पीछे है, बल्कि अब सीरीज को जिंदा रखने का दबाव भी है. इंग्लैंड के घरेलू मैदान पर खेलने की सहजता और एजबेस्टन के घरेलू टीम की मेजबानी के इतिहास को देखते हुए, यह टेस्ट माहौल बनाने की क्षमता रखता है. शुभमन गिल के नेतृत्व में, भारत के अनुभवहीन गेंदबाजी लाइनअप और अस्थिर मध्यक्रम को देखते हुए, एजबेस्टन में जीत ऐतिहासिक और आत्मविश्वास बढ़ाने वाली होगी.

एजबेस्टन की परिस्थितियां और आगे की चुनौतियां

एजबेस्टन की सतह ऐतिहासिक रूप से बादलों वाली परिस्थितियों में शुरुआती सीम मूवमेंट और स्विंग प्रदान करती है. जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ता है, बल्लेबाजी आसान होती जाती है, लेकिन केवल तभी जब शीर्ष क्रम शुरुआती हमले के दौरान दृढ़ रहे. भारत के तेज गेंदबाजों को जल्दी से जल्दी अनुकूलन करना सीखना होगा. इस बीच, बल्लेबाजों को इतिहास और एंडरसन से प्रेरित दबाव से उबरना होगा. यह एक ऐसी सतह है जो साहस को मदद पहुंचाती है. अगर भारत इस सप्ताह एजबेस्टन में जीत जाता है, तो यह न केवल श्रृंखला 1-1 से बराबर कर देगा, बल्कि इस स्थल पर 57 साल का रिकॉर्ड भी बदल जाएगा. यह बर्मिंघम में भारत की पहली टेस्ट जीत होगी और अगले तीन टेस्ट के लिए गति को भी बढ़ावा देगी.

ये भी पढ़ें…

इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में भारत की दुविधा, प्लेइंग XI में इस पर फंस रहा पेंच

CAT ने बेंगलुरु हादसे के लिए RCB को ठहराया जिम्मेदार, जश्न के दौरान हुई थी 11 लोगों की मौत