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अब ज्यादा महत्वाकांक्षी हो गए हैं प्रज्ञानानंदा, जल्द से जल्द हासिल करना चाहते हैं ये उपलब्धि


R Praggnanandhaa on his Career and Ambitions: ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा ने पिछले खराब सत्र के बाद इस साल तीन बड़े खिताब अपने नाम किए हैं. प्रज्ञानानंदा में सर्वश्रेष्ठ को हराने की काबिलियत थी लेकिन निरंतरता की कमी थी. पर उन्होंने आखिरकार साल की शुरुआत में विश्व चैंपियन डी गुकेश को हराकर टाटा स्टील मास्टर्स जीतने के दौरान निरंतरता हासिल की. बुखारेस्ट में सुपरबेट क्लासिक और हाल में उजचेस कप मास्टर्स के रूप में उन्होंने दो और क्लासिकल खिताब अपने नाम किए. रविवार को उन्होंने बढ़ते आत्मविश्वास और महत्वाकांक्षा को इसका श्रेय देते हुए कहा कि उनका लक्ष्य जल्द से जल्द कैंडिडेट्स स्थान पक्का करना है.

19 वर्षीय जीएम ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं पिछले वर्ष जितने मैच जीतना चाहता था, उतने नहीं जीत पाया. लेकिन अब मैं पहले की तुलना में आत्मविश्वास से भरा हूं और अधिक महत्वाकांक्षी हूं. उम्मीद है कि मैं कैंडिडेट्स में जगह बना लूंगा.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या यह परिपक्वता की वजह से है तो उन्होंने कहा कि वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘नहीं पता कि इसका जवाब कैसे दूं. मैं हर टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता हूं और इस साल अब तक मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा है.’’

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Tata steel chess tournament winner r praggnanandhaa. Image: x

‘कैंडिडेट्स स्थान के लिए दौड़ में सबसे आगे’

ऐसा लगता है कि इस युवा खिलाड़ी ने कैंडिडेट्स में जगह बनाने का रास्ता बना लिया है और उन्हें इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अपनी जगह सुरक्षित रखने का पूरा भरोसा है. प्रज्ञानानंदा ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से मैं अभी मौजूदा समय में कैंडिडेट्स स्थान के लिए दौड़ में सबसे आगे हूं. लेकिन दिसंबर तक काफी चुनौती रहेगी. मुझे लगता है कि मैं ग्रैंड स्विस और विश्व कप भी खेलूंगा. इसलिए अगर मैं उनमें से किसी एक में जगह बना पाता हूं तो यह बेहतर होगा क्योंकि मुझे दिसंबर तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा.’’

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विश्व चैंपियन गुकेश और अर्जुन एरिगेसी को पछाड़कर फिडे रेटिंग में चौथे नंबर पर सर्वोच्च रैंकिंग वाले भारतीय बनने वाले प्रज्ञानानंदा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैं गुकेश से शायद एक अंक आगे हूं. मुझे नहीं लगता कि इससे कोई बड़ा अंतर पड़ता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘व्यक्तिगत रूप से मैं टूर्नामेंट जीतने के बारे में सोचता हूं क्योंकि यह ज्यादा विशेष होता है. मैं एक बार में एक टूर्नामेंट के बारे में ही सोचता हूं और जब मैं अच्छा करता हूं तो मैं बस इसके बारे में खुश होता हूं. इसलिए मेरे लिए यही सब मायने रखता है.’’

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Uzchess cup winner r praggnanandhaa. Image: x

हम भारतीय अच्छा कर रहे- प्रज्ञानानंदा

प्रज्ञानानंदा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कुल मिलाकर हम (भारतीय) अच्छा कर रहे हैं. गुकेश ने विश्व चैंपियनशिप जीती, पिछले साल उनका प्रदर्शन शानदार रहा, उन्होंने ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीता, उन्होंने कैंडिडेट्स जीता और अर्जुन ने पिछले साल असाधारण प्रदर्शन करते हुए 2800 अंक पार किए. हम एक-दूसरे को प्रेरित भी कर रहे हैं. ’’

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