IND vs ENG: इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट की पहली पारी में टीम इंडिया के उपकप्तान ऋषभ पंत ने शतक जड़ने के बाद शानदार अंदाज में जश्न मनाया. उन्होंने गुलाटी मारी और स्टेडियम में मौजूद फैंस ने चिल्लाकर उनका स्वागत किया. यहां तक कि पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने भी उनके जश्न की तारीफ की. इतना ही नहीं जब पंत ने दूसरी पारी में फिर से शतक जड़ा तो स्टैंड में मौजूद गावस्कर ने उन्हें फिर से गुलाटी मारने के इशारे किए, हालांकि पंत ने उसे नहीं दुहराया. अब पंत के सर्जन डॉ दिनशॉ पारदीवाला ने कलाबाजी वाले जश्न को ‘अनावश्यक’ बताया. पारदीवाला ने ही 2022 में पंत की जानलेवा कार दुर्घटना के बाद उनका इलाज किया था. Pant should not have done acrobatics surgeon gave strict instructions
पंत का शरीर है काफी लचीला
पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ अपने शतक के बाद, पंत ने एक शानदार कलाबाजी की, जिसने प्रशंसकों और विशेषज्ञों दोनों को हैरान कर दिया. हालांकि, द टेलीग्राफ के साथ एक साक्षात्कार के दौरान, डॉ पारदीवाला ने कहा कि हालांकि पंत ने एक जिमनास्ट के रूप में प्रशिक्षण लिया है और उनके पास इसे करने के लिए प्रशिक्षण और चपलता है, लेकिन कलाबाजी का जश्न जरूरी नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘ऋषभ ने जिमनास्ट के रूप में प्रशिक्षण लिया है. हालांकि वह बड़ा दिखता है, वह काफी चुस्त है और उसके पास बहुत लचीलापन है और, यही कारण है कि वह हाल ही में कलाबाजी कर रहा है.’
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Ending Day 2 with a 𝙋𝙖𝙣𝙩-𝙖𝙨𝙩𝙞𝙘 celebration 🥳
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— BCCI (@BCCI) June 21, 2025
उन्होंने कहा, ‘यह एक अच्छी तरह से अभ्यास किया गया और सिद्ध कदम है – हालांकि यह अनावश्यक है!’ दिसंबर 2022 में एक कार दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद जब भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत को मुंबई के एक अस्पताल में लाया गया, तो उन्होंने उपस्थित डॉक्टर से पहला सवाल पूछा था, ‘क्या मैं फिर से खेल पाऊंगा?’ प्रसिद्ध आर्थोपेडिक सर्जन डॉ दिनशॉ पारदीवाला ने याद किया, जिन्होंने इस भयावह घटना के बाद सुपरस्टार क्रिकेटर का इलाज किया था.
30 दिसंबर 2022 को हुआ था पंत का एक्सीडेंट
30 दिसंबर, 2022 को दिल्ली से अपने गृहनगर रुड़की जाते समय पंत ने अपनी कार पर नियंत्रण खो दिया, जिससे कार डिवाइडर से टकरा गई और उन्हें गंभीर चोटें आईं. उन्हें क्षत-विक्षत अवस्था से बाहर निकाला गया और पारदीवाला ने कहा, ‘ऋषभ पंत बहुत भाग्यशाली थे कि वे जीवित बचे – बहुत भाग्यशाली. जब वे पहली बार आए थे, तो उनका दाहिना घुटना उखड़ गया था. उनके दाहिने टखने में भी चोट थी और शरीर के कई अन्य हिस्सों में छोटी-मोटी चोटें थीं. उनकी त्वचा का बहुत ज्यादा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था, इसलिए गर्दन के पिछले हिस्से से लेकर घुटनों तक की पूरी त्वचा उस दुर्घटना की प्रक्रिया में पूरी तरह से उखड़ गई थी.’ पारदीवाला ने पंत के शरीर पर दुर्घटना के क्रूर प्रभाव को याद करते हुए द टेलीग्राफ को बताया.
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