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जब सुनील गावस्कर से पड़ी डांट, तब पंत ने अपनाई ये तरकीब, व्हाट्सऐप डिलीट, फोन स्विच ऑफ कर…


Rishabh Pant after Sunil Gavaskar’s Stupid Remark: भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान ऋषभ पंत लंबे समय बाद फॉर्म में लौटे. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पहले मैच की दोनों पारी में शतक जड़ा. उन्होंने रिकॉर्ड पारियों की मदद से बड़े कीर्तिमान स्थापित किए. उनकी पारी की बावजूद भारत मैच जीत नहीं सका और इंग्लैंड ने पांच विकेट से मुकाबले को अपने नाम किया. हालांकि ऋषभ ने सर्वस्व दिया था, उनकी ओर से कोई कमी नहीं दिखी. हालांकि उन्होंने इस प्रदर्शन में सुधार लाया, जिसके पीछे सुनील गावस्कर की डांट का बड़ा असर रहा था. 

ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ऋषभ पंत से बड़ी उम्मीदें थीं. लेकिन हर पारी में उन्होंने गैरजिम्मेदाराना शॉट्स खेले. पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में ऋषभ पंत का प्रदर्शन फीका रहा. उन्होंने कुल 255 रन बनाए और उनका औसत सिर्फ 28.33 रहा. आक्रामक खेल के लिए मशहूर इस बाएं हाथ के बल्लेबाज के बल्ले से पूरे टूर्नामेंट में केवल 24 चौके और 6 छक्के निकले. भारत ने यह सीरीज 1-3 से गंवा दी. मेलबर्न में ऐसी ही एक पारी के बाद सुनील गावस्कर ने उन्हें स्टुपिड-स्टुपिड-स्टुपिड तक कह डाला था. 

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इंग्लैंड में दूसरी पारी में शतक जड़ने के बाद ऋषभ पंत. इमेज- hardcricketpix /x

व्हाट्सएप डिलीट फोन स्विच ऑफ और जिम में पसीना बहाया

हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में यह सामने आया कि मेलबर्न टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद ऋषभ पंत ने खुद को पूरी तरह ट्रेनिंग के लिए समर्पित कर दिया था. उन्होंने मार्च 2025 में अपना व्हाट्सएप डिलीट कर दिया और मोबाइल फोन बंद कर अभ्यास पर ध्यान केंद्रित किया. भारत के पूर्व स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच सोहम देसाई के अनुसार, पंत ने हर खाली वक्त में जिम में जमकर पसीना बहाया और मेहनत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

ऋषभ पंत के लिए यह दौर बड़ा निराशा में बीता. उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी की इंडियन टीम में जगह दी गई, लेकिन उन्होंने बेंच पर ही सारा समय बिता दिया. पंत ने इसके बाद सारा समय प्रैक्टिस में लगाया और वे तभी अपना फोन ऑन करते थे, जब उन्हें किसी से संपर्क करना होता था. पंत के अभ्यास और मेहनत का ही नतीजा है कि वे हमेश मैदान पर तरोताजा नजर आते हैं. सोहम ने बताया कि फाइनल के दिन पंत एक अपराधबोध के साथ उनके पास आए और पूछा कि क्या वे एक दिन की छुट्टी ले सकते हैं. उन्होंने अनुमति दी और कहा कि पंत के पास इतनी काबिलियत है कि वे एक साल तक बिना कोई खास मेहनत किए भी टिक सकते हैं. यही वजह है कि वह हेडिंग्ले टेस्ट में दो शतक लगाने और लंबी विकेटकीपिंग के बावजूद वे घूम फिर रहे थे.

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