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IPL: क्रिकेट नहीं शराब के लिए खरीदी थी RCB, MI पर भी थी नजर, विजय माल्या ने एक साथ किए कई धमाकेदार खुलासे


Vijay Mallya on RCB, MI, IPL and His Business: आईपीएल 2025 के फाइनल में पंजाब किंग्स को 6 रन से हराकर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने पहली बार खिताब जीतने का अपना सपना पूरा किया. आरसीबी को यह सफलता 2008 से इंतजार के बाद 3 जून को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में मिली. टीम की ऐतिहासिक जीत पर पूर्व मालिक विजय माल्या ने खुशी जताई और एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्होंने यह टीम क्रिकेट से प्यार नहीं बल्कि शुद्ध रूप से बिजनेस के लिए की थी. राज शमानी के इंटरव्यू में विजय माल्या ने लीग के शुरुआत और फिर टीमों के जन्म के बारे में विस्तार से बात की. 

विजय माल्या ने इंटरव्यू में कहा, “2008 में मैं उस समय अपने मार्केटिंग दृष्टिकोण को खेल आयोजनों, म्यूजिक इवेंट्स और ऐसे अन्य माध्यमों के जरिए युवाओं तक पहुँचाने की कोशिश कर रहा था, जो उन्हें आकर्षित कर सकें. उस समय मैंने शॉ वॉलेस कंपनी का अधिग्रहण किया था और इस अधिग्रहण के तहत रॉयल चैलेंज व्हिस्की एक प्रमुख ब्रांड था. मैं रॉयल चैलेंज ब्रांड को अगले स्तर पर ले जाने के तरीकों और रणनीतियों पर काम कर रहा था, जिसके लिए काफी मार्केटिंग इनोवेशन और क्रिएटिव सोच की जरूरत थी. जब आईपीएल की परिकल्पना की जा रही थी, तब मैं वास्तव में बीसीसीआई की समिति में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के प्रतिनिधि के तौर पर था.”

ललित मोदी ने टीम खरीदने के लिए किया आग्रह

माल्या ने आगे कहा, “मैं एसोसिएशन में था और बीसीसीआई की समिति के सामने ललित मोदी द्वारा दिए गए आईपीएल के प्रेजेंटेशन से मैं काफी प्रभावित हुआ. वह उस समय कई तरह की प्रक्रियाओं और बाधाओं से गुजर रहे थे, क्योंकि बीसीसीआई उस समय काफी नौकरशाही तरीके से काम करता था. फिर एक दिन उन्होंने मुझे फोन किया और कहा, “ठीक है, हम शुरू करने के लिए तैयार हैं. टीमों की नीलामी होने वाली है. क्या आप खरीदने वाले हैं?”

तीन टीमें खरीदना चाहता था

आरसीबी के पूर्व मालिक ने कहा, “मैंने सोचा, “वाह! एक ऐसे देश में जहाँ क्रिकेट एक धर्म की तरह है, अपने ब्रांड्स को प्रमोट करने के लिए इससे बेहतर प्लेटफॉर्म क्या हो सकता है? एक आईपीएल फ्रेंचाइजी! और मैं थोड़ा लालची हो गया. मैं तीन टीमों के लिए बोली लगाने वाला था, एक टीम किंगफिशर के लिए चाहता था और एक टीम अपने व्हिस्की ब्रांड रॉयल चैलेंज के लिए.” लेकिन ललित ने कहा, “नहीं, तुम दो टीमें नहीं ले सकते. सिर्फ एक ही ले सकते हो.” खैर, जब बोली लगाने का समय आया तो मैं काफी उत्साहित था कि अपने किसी ब्रांड को प्रमोट करने के लिए मेरी एक आईपीएल टीम हो. इसलिए मैंने तीन फ्रेंचाइजी के लिए बोली लगाई.”

मुंबई इंडियंस से चूका, फिर आरसीबी का जन्म हुआ

माल्या ने आगे कहा, “मैं मुंबई की बोली थोड़े से पैसे से हार गया. लेकिन यह कोई हैरानी की बात नहीं थी कि अंबानी ने वह टीम ले ली. फिर भी, अंततः मैं तीन टीमों के लिए सबसे ऊंची बोली लगाने वाला निकला. मुझे एक ही टीम चुननी थी, इसलिए मैंने बेंगलुरु को चुना और यह स्वाभाविक था कि वह टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु होगी क्योंकि मेरी व्हिस्की का नाम रॉयल चैलेंज था. इसी तरह आरसीबी का जन्म हुआ.”

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क्रिकेट नहीं RCB बनाने का कारण शुद्ध बिजनेस था

हालांकि माल्या ने क्रिकेट से प्रेम के लिए इसे नहीं खरीदा था, बल्कि शुद्ध रूप से यह बिजनेस था. माल्या ने कहा, “ यह कोई बिजनेस नहीं था, न ही सिर्फ क्रिकेट के प्रति प्यार था. यह सबसे ज्यादा एक व्यावसायिक निर्णय था कि इससे मेरे ब्रांड्स को फायदा होगा. मीडिया में तो कहानी कुछ और ही बनी कि यह एक दिखावा था, विजय माला को क्रिकेट से प्यार था. इसलिए उसने अपनी टीम खरीद ली. यह सब उस वक्त की आम धारणा थी. लेकिन मेरा एक ही मकसद था रॉयल चैलेंज व्हिस्की ब्रांड का प्रचार. इसलिए यह पूरी तरह से व्यवसाय प्रेरित था और इसी कारण इसे रॉयल चैलेंजर्स कहा गया.”

क्या इससे कोई फायदा हुआ?

लेकिन क्या इससे फायदा हुआ? माल्या ने कहा, “व्हिस्की की बिक्री बहुत बढ़ गई. और जाहिर है, व्हिस्की ब्रांड के प्रचार के अलावा, IPL फ्रेंचाइजी मॉडल, जैसा कि ललित ने विस्तार से समझाया है और जो अब सत्य भी है, वह यह है कि मीडिया राजस्व इतनी ज्यादा होती है कि फ्रेंचाइजी फीस का भुगतान दस सालों में फ्रेंचाइजी फीस का भुगतान हो चुका है, इसलिए अब हर फ्रेंचाइजी के लिए एक महत्वपूर्ण शुद्ध लाभ होता है. यह एक बहुत ही लाभकारी, स्वतंत्र रूप से चलने वाला व्यवसाय बन गया है.”

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कितने में खरीदी थी RCB

जब माल्या से पूछा गया कि आपने इसे कितने में खरीदा था? इस पर उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मैंने $112 मिलियन की बोली लगाई थी. उस समय यह लगभग 6-7 सौ करोड़ रुपए या उससे भी अधिक था. लेकिन ललित चालाक थे. सब कुछ डॉलर में निर्धारित था. बोली की कीमत $112 मिलियन थी, जिसे उस समय लोग चौंक गए थे, लेकिन पीछे देखें तो यह एक बेहतरीन निवेश साबित हुआ. आज टीमों की कीमत ही देख लीजिए, ये अब अरबों डॉलर की हो गई हैं.”

अब माल्या का RCB पर कोई अधिकार नहीं

विजय माल्या 2008 में यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड (USL) के मालिक थे, इसलिए टीम का नाम USL के लोकप्रिय ब्रांड ‘रॉयल चैलेंज’ से प्रेरित होकर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु रखा गया. हालांकि 2016 में कानूनी विवादों के चलते जब माल्या ने USL से नाता तोड़ा, तब से RCB का पूरा नियंत्रण यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड के पास चला गया, जिसकी कमान अब डियाजियो के हाथ में है. माल्या का अब टीम से कोई औपचारिक संबंध नहीं है, लेकिन जब RCB ने पहली बार खिताब जीता तो उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की.

RCB की जीत पर दी बधाई

18 साल बाद खिताब जीतने पर विजय माल्या ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर टीम को बधाई दी. उन्होंने लिखा कि RCB से जुड़ते समय उनका सपना था कि IPL ट्रॉफी बेंगलुरु पहुंचे. उन्होंने विराट कोहली को युवा खिलाड़ी के तौर पर चुनने, क्रिस गेल और एबी डिविलियर्स जैसे सितारों को टीम में शामिल करने को अपने लिए सम्मान बताया. माल्या ने आगे कहा कि आखिरकार वह सपना पूरा हुआ और RCB ने ट्रॉफी जीत ली. उन्होंने टीम, फैंस और सभी सहयोगियों का धन्यवाद किया और कहा कि RCB के समर्थक इस जीत के असली हकदार हैं.

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