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Yorker: यॉर्कर को यॉर्कर ही क्यों कहते हैं? जिसके आगे बड़े-बड़े धुरंधर भी हो जाते हैं धराशाई



Why Yorker is called Yorker: क्रिकेट में अगर सबसे रोमांचक गेंद की बात की जाए, तो लोगों की राय अलग-अलग हो सकती है. कोई कहेगा गुगली, जो बल्लेबाज़ को धोखा देती है. कोई कहेगा बाउंसर, जो डर पैदा करती है और कोई दूसरा की बात करेगा, जो स्पिन में छुपा रहस्य है. लेकिन इन सबके बीच एक गेंद ऐसी है जो मैदान में सिर्फ तकनीकी कौशल ही नहीं, बल्कि रोमांच और सनसनी भी भर देती है और वह है- यॉर्कर. यॉर्कर को सभी गेंदों का राजा कहा जा सकता है. 

यॉर्कर वह गेंद होती है जो बल्लेबाज के बिलकुल पैरों के पास, लगभग टखनों पर या क्रीज के पास पिच होती है. इस गेंद को खेलना बेहद मुश्किल होता है क्योंकि यह इतनी तेजी और सटीकता से आती है कि बल्लेबाज के पास प्रतिक्रिया देने का वक्त ही नहीं होता. यही वजह है कि यॉर्कर को क्रिकेट की सबसे घातक गेंदों में से एक माना जाता है, खासकर डेथ ओवर्स में. हाल ही में यह चर्चा में आई जब दिल्ली कैपिटल्स के मिचेल स्टार्क ने आईपीएल 2025 में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 16 अप्रैल को खेले गए मुकाबले में जबरदस्त यॉर्कर डालकर पहले मैच को सुपर ओवर तक पहुंचाया, उसके बाद उस रोमांचक ओवर में केवल 11 रन दिए, जिसकी वजह से दिल्ली ने वह मैच जीता. 

जितने भी क्रिकेट प्रशंसक हैं, उन्हें यॉर्कर और उसकी खूबी तो बखूबी पता है, लेकिन इसे यह नाम कैसे मिला, आइए इसके बार में जानते हैं. 

1. यॉर्क शहर से जुड़ा इतिहास

“यॉर्कर” शब्द की सबसे लोकप्रिय व्याख्या यह है कि इसकी उत्पत्ति इंग्लैंड के यॉर्क शहर से हुई है. ऐसा माना जाता है कि इस शहर के गेंदबाज़ यॉर्कर डालने में माहिर थे और अक्सर इस तकनीक का इस्तेमाल करते थे. उनके इसी विशेष कौशल के कारण इस तरह की गेंद को ‘यॉर्कर’ कहा जाने लगा. क्रिकेट के शुरुआती दौर में यह शब्द धीरे-धीरे लोकप्रिय होता गया और फिर पूरी दुनिया में इस विशेष गेंदबाज़ी तकनीक के लिए यही नाम प्रचलित हो गया. अब भी यॉर्कशायर नाम का क्रिकेट काउंटी क्लब इंग्लैंड में स्थापित है और वह काफी प्रसिद्ध  भी है. 

2. ‘धोखे’ के अर्थ से जुड़ी थ्योरी

एक और दिलचस्प और कम जानी-पहचानी थ्योरी यह है कि “यॉर्कर” शब्द का संबंध ‘चीटर’ यानी ‘धोखेबाज’ से है. 20वीं सदी की शुरुआत में इंग्लिश स्लैंग में “किसी को यार्क करना” का मतलब होता था किसी को चकमा देना या चालाकी से मात देना. अगर कोई व्यक्ति किसी की चाल में फँस जाता, तो वह कहता – “मैं यॉर्क कर दिया गया हूं” यानी “मैं धोखा खा गया हूँ.” इस संदर्भ में देखा जाए, तो यॉर्कर गेंद भी बल्लेबाज़ को उसी तरह चकमा देती है. यह गेंद इतनी सटीक और चालाकी से डाली जाती है कि बल्लेबाज़ को समझने का समय नहीं मिलता और वह अक्सर बोल्ड हो जाता है. 

इस थ्योरी के अनुसार, “यॉर्कर” शब्द गेंदबाज की बुद्धिमत्ता और बल्लेबाज को भ्रमित करने की क्षमता को दर्शाता है. हालांकि, यह थ्योरी थोड़ी विवादास्पद भी मानी जाती है, क्योंकि इससे York शहर के लोगों को ‘धोखेबाज़’ या ‘चालाक ठग’ समझा जाने लगा, जो कई लोगों को आपत्तिजनक लगा. क्योंकि यह थ्योरी इंग्लिश स्लैंग में “यॉर्क” शब्द के एक पुराने अर्थ पर आधारित है, जहां यह शब्द चतुर या चालाक और प्रत्युत्पन्न मस्तिष्क (तेज बुद्धि वाला) के लिए इस्तेमाल होता था और फिर धीरे-धीरे इसका अर्थ चीटर या धोखेबाज की ओर मुड़ गया.

अन्य सोर्स क्या कहते हैं?

ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में यॉर्कर शब्द के तीन अर्थ दर्ज हैं- एक क्रिकेट की गेंदबाजी शैली, दूसरा यॉर्क शहर का निवासी और तीसरा एक विचित्र अर्थ है; ऐसी वस्तु जो पैंट को घुटनों के नीचे बांधने के लिए इस्तेमाल होती है. क्रिकेटिंग यॉर्कर का सबसे पहला उल्लेख अगस्त 1861 में हुआ था, जब “Bell’s Life in London & Sporting Chronicle” में यह लिखा गया कि एक बल्लेबाज ‘यॉर्कर’ गेंद को भी नहीं खेल रहा था. यह दर्शाता है कि तब तक यह शब्द आम क्रिकेट दर्शकों के लिए जाना-पहचाना था. 1870 तक आते-आते इस शब्द से उद्धरण चिन्ह भी हट गए थे और यह एक पूर्णरूप से स्वीकृत तकनीकी शब्द बन चुका था.

हालांकि क्रिकेट के शुरुआती शब्दकोशों में से एक स्टील और लिटिलटन (1888) द्वारा तैयार यॉर्कर को परिभाषित करते हुए बताता है कि इसे पुराने समय में “टाइस” कहा जाता था, जो “एनटाइस” (entice- लुभाना या फांसना) शब्द का संक्षिप्त रूप था. इस व्याख्या से यह साफ है कि यॉर्कर और धोखे का संबंध स्थापित करना एक स्वाभाविक सोच बन जाती है और कई लोगों ने ऐसा किया भी है. ईएसपीएन क्रिकइंफो ने भी इस शब्द के पीछे एक लंबा चौड़ा लेख छापा, लेकिन अंत में वह भी अनमने ढंग से इसी बात पर सहमत होता हुआ दिखता है कि यह संभवतः यार्क शहर में ही ईजाद हुआ था और इसका अर्थ धोखा देने के लिए ही इस्तेमाल किया जाता था. 

आधुनिक क्रिकेट में यॉर्कर का महत्व

आज के दौर में जसप्रीत बुमराह, मिचेल स्टार्क जैसे गेंदबाज इसका बखूबी इस्तेमाल करते हैं. जबकि लसिथ मलिंगा, वसीम अकरम, और शॉन टेट जैसे गेंदबाज यॉर्कर के विशेषज्ञ माने जाते हैं. डेथ ओवर्स में जब बल्लेबाज तेजी से रन बटोरना चाहता है, तब एक सही यॉर्कर उसकी सारी योजना विफल कर सकता है. यही कारण है कि यॉर्कर न केवल तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण है, बल्कि रणनीतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है. इसके नाम के पीछे जो भी कारक रहा हो, इसके बिना किसी भी रोमांचक मैच के अंतिम क्षणों का सोचना भी बेमानी सा लगता है.  

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