ट्राइबल शेफ नम्बी मारक के खाने के दीवाने हुए सचिन तेंदुलकर, मेघालय में चखी ‘डू गोमिन्दा’; इस डिश को जानते हैं आप?
Sachin Tendulkar: मेघालय की शेफ नम्बी मारक (Nambie Jessica Marak) शिलांग में अपनी दीवारों पर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के पोस्टर के साथ बड़ी हुई हैं. इस शनिवार, मास्टरशेफ की उपविजेता को अपने क्रिकेट हीरो के लिए गारो स्पेशल भोजन बनाने का बेहतरीन अवसर मिला, जब वह मेघालय के दौरे पर आए थे. नम्बी ने हबन्यूज को बताया कि मेज पर चिकन-कद्दू की करी, ‘डू गोमिन्दा’ रखी थी, जिसे तेंदुलकर ने दूसरी बार भी खाने को मंगाया. नम्बी ने हबन्यूज को बताया, जब उन्हें कोर्टयार्ड मैरियट शिलांग द्वारा उनके गारो फूड फेस्टिवल में मेघालय के समृद्ध, मिट्टी के स्वादों को प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया गया था. तब सचिन के लिए खाना पकाने का मौका मिला. Sachin Tendulkar became a fan of tribal chef Nambie Marak food tasted Do Gominda in Meghalaya Do you know this dish
सचिन से मिलकर काफी खुश हुईं नाम्बी
नम्बी ने कहा, ‘मुझे सचिन तेंदुलकर के लिए खाना पकाने का अविश्वसनीय सम्मान मिला. हां, वही सचिन तेंदुलकर, वह व्यक्ति जिसका नाम हर भारतीय के बचपन में रचा-बसा है, जिसमें मेरा भी नाम शामिल है.’ ‘मैं गारो परंपराओं में पली-बढ़ी हूं, इसलिए मैं अपने भोजन को साझा करने के लिए इससे बेहतर मंच की उम्मीद नहीं कर सकती थी. मैंने एक विशेष थाली तैयार करने में अपना दिल लगा दिया. जीवंत शाकाहारी व्यंजनों और बोल्ड मांसाहारी व्यंजनों का मिश्रण, जिनमें से प्रत्येक घर की कहानी कहता है.’
प्लेट में वेटेपा (केले के पत्तों में उबली हुई नरम मछली) था, नम्बी ने कुछ ऐसा कहा जिससे ‘सचिन सर’ मुस्कुरा उठे. हबन्यूज पर उन्होंने कहा, ‘उन्होंने स्थानीय जड़ी-बूटियों से सुगंधित कापा नामक व्यंजन और डो’ओ गोमिंडा भी खाया, जो गारो रसोई में मुख्य रूप से इस्तेमाल की जाने वाली चिकन और कद्दू की करी है. अंत में, मैंने पिठा, हमारा चिपचिपा चावल परोसा. सरल, आरामदायक और एकदम सही अंत हुआ. गारो व्यंजन मेरे लिए सिर्फ भोजन नहीं है. वे मेरे बचपन के टुकड़े हैं, एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक फुसफुसाए जाने वाले व्यंजन, आग पर पकाए गए और प्यार से मसालेदार. सचिन तेंदुलकर को उनका स्वाद लेते देखना? यह एक सपने जैसा लगा.’
नाम्बी के लिए किसी ट्रॉफी जीतने से कम नहीं थी ये मुलाकात
नम्बी ने आगे कहा, ‘मुझे उनके सारे विचार सुनने को नहीं मिले (समझ में आता है कि वह हमेशा घिरे रहते हैं), लेकिन मैंने एक बात सुनी. उन्होंने चिकन-कद्दू की करी के लिए दोबारा पूछा. वह छोटी सी बात? इसका मतलब दुनिया से था. उन्होंने मुझे बताया कि मेरे घर के जायके ने उनके दिल में जगह बना ली है, भले ही सिर्फ खाने के लिए ही क्यों न हो. खाने के बाद सचिन ने उन्हें तस्वीरों के लिए सही एंगल के बारे में भी सुझाव दिए. नम्बी ने कहा, ‘उन कुछ सेकंड के लिए, वहां सिर्फ मैं और वह आदमी था जिसके पोस्टर कभी मेरी दीवारों पर लगे थे, हम पुराने दोस्तों की तरह हंस रहे थे. हमारा खाना, हमारी कहानियां, उनकी प्लेट तक पहुंच गई. और सच में, ऐसा लगता है जैसे किसी ट्रॉफी से कहीं ज्यादा बड़ी चीज जीत ली हो.’
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