Bihar Election Express: अरवल. रविवार को अरवल विधानसभा क्षेत्र के प्रखंड परिसर अरवल में आयोजित चुनावी चौपाल में लोगों ने नेताओं से कई तीखे सवाल पूछे. करीब दो घंटे तक चले चौपाल के दौरान विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार आदि मुद्दों पर जोरदार बहस हुई. विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों ने लोगों के सवाल पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी. वहीं कई अहम मुद्दे भी उठाये गये. विधानसभा क्षेत्र में डिग्री कालेजों में पीजी की पढ़ाई का मुद्दा काफी अहम रहा. वहीं कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ नहीं होना जैसे मुद्दे भी छाये रहे. प्रभात खबर इलेक्शन एक्सप्रेस रविवार को अरवल पंहुचा जहां प्रखंड परिसर में चुनावी चौपाल का आयोजन किया गया. पहली बार किसी अख़बार के द्वारा चुनावी चौपाल लगाया गया था जिसमें लोग उत्सुकता से शामिल हो बढ़-चढ़कर भाग लिया. सभी दलों के नेताओं ने अपनी बात रखी.
ये नेता रहे मौजूद
इस अवसर पर चुनावी चौपाल में कांग्रेस के निसार अख्तर अंसारी, जदयू के प्रदेश सचिव जितेन्द्र पटेल, भाजपा के जिला महामंत्री संजीव कुमार, भाकपा-माले के रविंद्र यादव, हम पार्टी के जिलाध्यक्ष सुनील शर्मा, राजद के अभय यादव, लोजपा के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र रंजन और जन सुराज के रंजय यादव शामिल हुए और अपने विचार रखा. वहीं जनता के सवालों का जवाब देने में नेता भागते दिखाई दिए तो अरवल के विकास कार्यों का श्रेय लेने में सभी दलों के नेता अपनी उपलब्धि गिनाते रहे. चुनावी चौपाल में भाजपा और जदयू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विकास पुरुष बताते हुए कहा कि अरवल में जहां शिक्षा के क्षेत्र में बेलखरा डिग्री कॉलेज बना, वहीं मेडिकल कॉलेज की घोषणा, केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री की घोषणा और अरवल में जाम से निजात दिलाने के लिए बाईपास निर्माण की बात कही.
सरकार कर रही बेहतर कार्य
जदयू के प्रदेश सचिव जितेंद्र पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में बढ़-चढ़कर काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री रोजगार योजना अंतर्गत महिलाओं के खाते में दस-दस हजार रुपये रोजगार के लिए दिए. वहीं सभी लोगों को 125 यूनिट बिजली फ्री दिया जा रहा है. इससे जिला के हजारों विद्युत् उपभोक्ताओं को लाभ हुआ. शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास हुआ. पहले अस्पताल में इलाज नहीं होता था, आज इलाज के साथ-साथ दवा भी मिल रहा है.
150 ग्रामीण सड़कों का कराया गया है निर्माण
भाकपा-माले के रविंद्र यादव ने कहा कि अरवल के विकास के लिए विधायक महानन्द ने काफी काम किया है. उन्होंने लगातार विधानसभा में सवाल खडे किए, तभी सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड चालू हुआ. कोरोना काल के समय उन्होंने एम्बुलेंस दिया. उनके पहल पर ही ऑक्सीजन प्लांट चालू हुआ. ब्लड बैंक चालू हुआ. अस्पताल में चिकित्सकों की पोस्टिंग हुई. जिला के 150 ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा रहा है.
दूसरे के काम भुनाने में जुटे हैं माले विधायक
भाजपा नेता संजीव कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों को माले विधायक भुना रही है और इसका श्रेय लेना चाह रहे हैं. अरवल नगर परिषद में किसकी हुकूमत है, लेकिन विधायक जी जिस मुहल्ले में रहते हैं उन्हें बरसात में पानी उबीछना पड़ रहा है. नगर परिषद के मजदूरों से निजी कार्य करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिला के दो कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई जल्द चालू होगी. दरहेटा लारी कॉलेज और कलेर शिवदेनी साव महाविद्यालय में मगध विश्वविद्यालय के द्वारा पीजी की पढ़ाई शुरू होगी.
चरम पर है भ्रष्टाचार, लूट-खसोट में लगे हैं सभी दल
जन सुराज के रंजय यादव ने कहा कि अरवल में भ्रष्टाचार चरम पर है. लूट- खसोट करने में सभी दल आगे हैं. अरवल में सबसे बड़ी समस्या नशाखोरी का है. ब्राउन शुगर के जाल में यहां के युवा फंसते जा रहे हैं. सरकार कहती है शराबबंदी लागू है लेकिन शराब हर जगह उपलब्ध है और घर-घर पहुंच रही है. शिक्षण संस्थान के लिए लोग कह रहे जमीन नहीं मिल रही, जबकि पुलिस लाईन और जेल के लिए अरवल के नजदीक जमीन मिल गयी.
महागठबंधन के मुद्दों को चुराने में लगी है सरकार
कांग्रेस नेता निसार अख्तर अंसारी ने कहा कि जब चुनाव आया है तब नीतीश कुमार वृद्ध, दिव्यांग, विधवा पेंशन को बढ़ाये है. बीस वर्षों से कहा थे और क्यों नहीं बढ़ाये. आज जो भी मुद्दे महागठबंधन बनाना चाह रही है उसी को तुरंत लागू कर रहे हैं, यह सब जनता को झांसा दे रहे हैं.
एनडीए शासन में अरवल का हुआ है विकास
हम पार्टी के नेता सुनील यादव ने कहा कि एनडीए कि शासन में अरवल में काफी विकास हुआ है. पहले यहां बिजली नहीं थी, लोग लालटेन युग में जी रहे थे. सडकें दुरुस्त हुईं, अस्पताल की व्यवस्था सुधरी, आमूल-चूल विकास हुआ.
सरकार के कार्यों का श्रेय लेना चाह रही माले
लोजपा जिलाध्यक्ष सत्येंद्र रंजन ने कहा कि नीतीश कुमार के शासन में बिहार के साथ-साथ अरवल का विकास हुआ है. नीतीश कुमार के द्वारा किये गए विकास का श्रेय माले लेना चाह रही है, जो गलत है.
नेताओं के बीच हुई तीखी नोकझोंक
चुनावी चौपाल में जहां ज्वलंत मुद्दे छाए रहे, खास कर स्वास्थ्य, शिक्षा के मुद्दे पर जमकर तीखी नोकझोंक भी देखने को मिला. वहीं नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला. चाहे सत्ता पक्ष के नेता हों या महागठबंधन के नेता हों हर कोई एक-दूसरे को नीचा दिखाने में तथा अपने को विकास के मामले में अव्वल बताने में जुटे दिखे. चुनावी चौपाल के दौरान आम लोगों के प्रश्नों का कई नेताओं द्वारा स्पष्ट जवाब न देते हुए गोल-मटोल जवाब दिया गया. खास कर भ्रष्टाचार तथा युवाओं के बीच फैल रहे नशाखोरी के मुद्दे पर हर पार्टी के नेता एक-दूसरे को जिम्मेवार ठहराने में जुटे रहे.
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