Bihar News: बिहार में गंगा नदी के किनारे विकास की नई गाथा लिखी जा रही है. राज्य सरकार ने दीघा से लेकर भागलपुर तक गंगा तट के समानांतर तीन प्रमुख सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी है. कुल 17,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाली ये सड़कें न केवल यातायात को सुगम बनाएंगी, बल्कि गंगा तटवर्ती इलाकों में आर्थिक गतिविधियों और पर्यटन को भी नई उड़ान देंगी.
सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इन परियोजनाओं की औपचारिक घोषणा करते हुए बताया कि निर्माण कार्य हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल के तहत किया जाएगा, जो बिहार में इस तरह का पहला बड़ा प्रयोग होगा.
तीन अहम परियोजनाएं, एक बड़ा विजन
गंगा किनारे बनने वाली इन तीनों परियोजनाओं में दीघा-शेरपुर-बिहटा-कोईलवर, मुंगेर (सफियाबाद)-बरियारपुर-घोघाट-सुल्तानगंज और सुल्तानगंज-भागलपुर-सबौर मार्ग शामिल हैं. इनकी कुल लंबाई 119 किलोमीटर से अधिक होगी और निर्माण हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (एचएएम) के तहत किया जाएगा. दीघा-शेरपुर-बिहटा-कोईलवर सड़क की लंबाई 35.65 किमी, मुंगेर-सुल्तानगंज मार्ग की 42 किमी और सुल्तानगंज-भागलपुर-सबौर परियोजना की 41.33 किमी तय की गई है.
सरकार की योजना है कि इन परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाए, ताकि आने वाले वर्षों में गंगा तट के दोनों ओर बसा इलाका एक मजबूत सड़क नेटवर्क से जुड़ सके. इस कदम से विकास की धारा नदियों के साथ-साथ सड़कों पर भी बहती नजर आएगी.
एचएएम मॉडल पर बनेगी सड़क, निजी क्षेत्र की बड़ी भागीदारी
परियोजनाओं को हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल पर तैयार किया जाएगा. इसमें राज्य सरकार कुल लागत का 40 फीसदी वहन करेगी, जबकि शेष 60 फीसदी का निवेश निजी डेवलपर्स द्वारा किया जाएगा. निर्माण पूरा होने के बाद निर्धारित रियायती अवधि में निजी कंपनियां परियोजना का संचालन करेंगी और उन्हें सरकार की ओर से एन्यूइटी भुगतान प्राप्त होगा.
यह बिहार में एचएएम मॉडल पर दी जाने वाली पहली सड़क परियोजना है. सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि इस मॉडल से राज्य में बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण को गति मिलेगी और निजी निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा.
खर्च का पूरा ब्योरा, हर मार्ग का अपना महत्व
तीनों परियोजनाओं की लागत भी कम नहीं है. दीघा-शेरपुर-बिहटा-कोईलवर मार्ग पर 6,495.79 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. मुंगेर-सुल्तानगंज गंगा पथ पर 5,119.80 करोड़ रुपये और सुल्तानगंज-भागलपुर-सबौर मार्ग पर 4,849.83 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इन सड़कों के बनने से गंगा किनारे बसे शहरों और कस्बों को तेज, चौड़ी और आधुनिक सड़कों का फायदा मिलेगा.
भागलपुर और मुंगेर के बीच बनने वाला गंगापथ लगभग 84 किलोमीटर लंबा होगा. इसके पूरा हो जाने के बाद यह न केवल यातायात की नई धुरी बनेगा, बल्कि औद्योगिक और पर्यटन दृष्टि से भी यह इलाका अधिक आकर्षक बन जाएगा.
पर्यटन और संपर्क दोनों को मिलेगा बूस्टर
गंगा किनारे बनने वाली इन सड़कों का एक बड़ा उद्देश्य है—राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना। गंगा के तटवर्ती इलाकों में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल मौजूद हैं. बेहतर सड़क संपर्क से इन स्थलों तक पहुंचना आसान होगा, जिससे घरेलू और बाहरी पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की संभावना है.
इसके साथ ही औद्योगिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी. खासकर बिहटा, कोइलवर, मुंगेर और भागलपुर जैसे औद्योगिक केंद्रों तक माल परिवहन आसान और तेज हो जाएगा. इससे स्थानीय व्यापारियों और उद्योगों को प्रत्यक्ष लाभ होगा.
निविदा प्रक्रिया पूरी, शिलान्यास के लिए तैयार जमीन
सड़क निर्माण विभाग ने तीनों परियोजनाओं की निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली है और स्वीकृति पत्र जारी कर दिए गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 4 अक्टूबर को इनमें से एक परियोजना का शिलान्यास करेंगे. इसके साथ ही गंगा पथ के अगले चरण के निर्माण की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी.
नवीन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बिहार में उच्च गुणवत्ता वाला सड़क नेटवर्क तैयार किया जा रहा है. इन परियोजनाओं से गंगा किनारे का इलाका एक तरह से रिंग रोड के रूप में विकसित होगा, जिससे पटना और आसपास के जिलों में यातायात दबाव भी कम होगा.
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