Khunti Boy Dead in Goa: झारखंड के खूंटी जिले के एक प्रवासी श्रमिक की गोवा में मौत हो गयी है. उसका शव गोवा से लाने में उसका परिवार असमर्थ है. आलोक आइंद अपनी बहन को बताये बगैर अपने दोस्तों के साथ नौकरी की तलाश में गोवा चला गया था. वहां उसकी मौत हो गयी. अब परिजनों ने प्रशासन से गुहार लगायी है कि आलोक का शव वापस लाने में उनकी मदद की जाये.
परिवार ने श्रम विभाग से मांगी है वित्तीय सहायता
परिवार ने कहा है कि धन के अभाव में वे आलोक का शव गोवा से वापस नहीं ला सकते. इसके बाद झारखंड श्रम विभाग उसकी मदद के लिए आगे आया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. खूंटी की उपायुक्त (डीसी) आर रोनिता ने बताया कि गरीब परिवार की समस्या के बारे में जानकारी मिलने पर उन्होंने श्रम विभाग से वित्तीय सहायता की व्यवस्था करने को कहा.
जरियागढ़ के सिमटीमाडा का रहने वाला था आलोक
डीसी ने कहा, ‘हमें गरीब परिवार की समस्या के बारे में पता चला, जिसके बाद गोवा से मृत प्रवासी श्रमिक के शव को वापस लाने के लिए श्रम विभाग से वित्तीय सहायता की व्यवस्था करने को कहा गया है.’ खूंटी जिले के जरियागढ़ थाना क्षेत्र के सिमटीमाडा निवासी आलोक आइंद (27) अपनी बहन को बताये बिना इस साल अगस्त में अपने दोस्तों के साथ नौकरी की तलाश में गोवा चला गया था. उसके माता-पिता का कुछ साल पहले निधन हो गया था.
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सिरदर्द और पेट दर्द की शिकायत के बाद पड़ रहे दौरे
मृतक की बहन स्वर्णलता आइंद ने कहा, ‘मेरे भाई के पास मोबाइल फोन नहीं था और नौकरी मिलने के बाद उसने मोबाइल फोन का इंतजाम किया. उसने फोन करके एक निजी निर्माण कंपनी में नौकरी लगने के बारे में जानकारी दी थी. मंगलवार शाम को ठेकेदार ने हमें बताया कि आलोक को सिरदर्द और पेट दर्द की शिकायत के बाद दौरे पड़ रहे थे. उसे पास के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां मडगांव के एक अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया.’
Khunti Boy Dead in Goa: श्रम विभाग का ठेकेदार से हो गया है संपर्क
उसने बताया कि अपने माता-पिता की मौत के बाद वह उनके खेतों में काम करती थी, जबकि उसका भाई नौकरी की तलाश कर रहा था. प्रवासी नियंत्रण प्रकोष्ठ (झारखंड श्रम विभाग के अधीन कार्यरत) की टीम लीडर शिखा लकड़ा ने बताया कि गोवा में निजी ठेकेदार से संपर्क स्थापित हो गया है.
शव को विमान से भेजा जायेगा झारखंड
लकड़ा ने कहा, ‘ठेकेदार ने शव को विमान से रांची भेजने के लिए कुछ राशि वहन करने पर सहमति जतायी है. श्रम विभाग मृतक के परिजनों तक शव पहुंचाने में हुए शेष खर्च का जल्द ही भुगतान करेगा.’ स्वर्णलता ने बताया कि उन्हें बृहस्पतिवार को सूचित किया गया कि पोस्टमार्टम हो गया है और शव को विमान से झारखंड भेजा जायेगा.
आलोक की बहन ने गोवा पुलिस को लिखी थी चिट्ठी
स्वर्णलता ने कहा, ‘हम परिवहन कंपनी को 17,000 रुपए का भुगतान करेंगे और शव के रांची पहुंचने के बाद राज्य श्रम विभाग यह राशि हमें वापस कर देगा.’ इससे पहले बुधवार को स्वर्णलता ने मडगांव पुलिस को एक पत्र लिखकर बताया था कि उनका परिवार पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. उनके माता-पिता का निधन हो चुका है. इस कारण वे शव को झारखंड लाने के लिए गोवा जाने में असमर्थ हैं.
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