अनुकूल मौसम के कारण अधितम एवं न्यूनतम तापमान में 5-6 डिग्री सेल्सियस की होगी कमी गर्मी में डायरिया व डिहाइड्रेशन की बढ़ जाती है संभावना स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड पर रहते हुए आवश्यक दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश मधुबनी . सितंबर माह में जहां कई स्थानों पर बारिश से लोगों का हाल बेहाल है, वहीं जिला भीषण गर्मी की आगोश मे है. रविवार को जिला का पारा लगभग 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया. भारत मौसम विभाग एवं डॉ. राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय ग्रामीण मौसम सेवा द्वारा 1-5 अक्टूबर तक जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 2 दिनों में गर्मी से राहत मिलने की संभावना है. इस अवधि में कहीं कहीं हल्की बारिश हो सकती है. अनुकूल मौसमीय सिस्टम के प्रभाव से 3-5 अक्टूबर को अनेक स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है. कुछ स्थानों पर 100 एम एम वर्षा होने की संभावना है. बर्षा के दौरान अनेक स्थानों पर तेज हवा के साथ ही वज्रपात होने की भी संभावना है. इस अवधि में अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में गिरावट आने की संभावना है. अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में 5-6 डिग्री सेल्सियस की कमी होगी. इस अवधि में अधिकतम तापमान 29-32 एवं न्यूनतम तापमान 24-26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है. इस दौरान 10-12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पुरवा हवा चलने का अनुमान है. गर्मी एवं वर्षा से निजात के लिए विभाग अलर्ट गर्मी एवं संभावित बारिश से उत्पन्न जल जनित बिमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. गर्मी एवं संभावित बारिश की संभावना को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार नेकहा कि विभिन्न तरह की स्वास्थ संबंधी बीमारियों के चिकित्सकीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक व्यवस्था की गई है. सिविल सर्जन ने कहा कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में गर्मी बारिश से उत्पन्न जल जनित रोग से प्रभावित व्यक्तियों के अहर्निश रूप से समुचित चिकित्सीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की गई है. सरकारी अस्पतालों में एंटी डायरियल मेडिसिन, आइबी फ्लूड ओआरएस, एवीएस एवं एआरवी एवं इससे संबंधित अन्य आवश्यक औषधियों तथा मेडिकल डिवाइस एवं कंज्यूमेबल की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. लू से प्रभावित व्यक्तियों का हर्ट रेट, रिस्पायरेट्री रेट, ब्लड प्रेशर, रेक्टल टेंपरेचर एवं मेंटल स्टेट का लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया है. लू से ग्रसित गंभीर मरीजों के लिए सदर अस्पताल में 12 बेड का डेडिकेटेड वार्ड तैयार किया गया है. सीएस ने कहा कि लू से ग्रस्त मरीजों का कंपलीट ब्लड काउंट, इलेक्ट्रोलाइ, ईसीजी, अदर मेटाबॉलिक एब्नार्मेलिटीज, लिवर फंक्शन टेस्ट एवं किडनी फंक्शन टेस्ट कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. एंबुलेंस को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा गया है. सदर अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पताल सहित जिला के बाढ प्रभावित क्षेत्रों के निकटतम सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रोस्टर संधारित कर अतिरिक्त चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ की 24 घंटे तैनाती आवश्यक औषधियों एवं चिकित्सकीय उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. इसके अलाव सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष चिकित्सकों को ऑन कॉल ड्यूटी पर 24 घंटे उपलब्ध रहने का निर्देश दिया है. ताकि आकस्मिक स्थिति में सूचित किए जाने पर वे शीघ्र संबंधित अस्पताल में उपस्थित होकर मरीज की देखभाल कर सके.
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