भागलपुर में फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले नेटवर्क का भंडाफोड़, मैट्रिक से लेकर ग्रेजुएशन तक करा देता था पास
Bihar Crime: भागलपुर साइबर थाना की टीम ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो बड़े पैमाने पर नकली शैक्षणिक सर्टिफिकेट बनाकर बेचने का काम कर रहा था. पुलिस ने इस कार्रवाई में गिरोह के सरगना सहित कुल छह लोगों को हिरासत में लिया है. सूत्रों के अनुसार, एसएसपी हृदय कांत को जानकारी मिली थी कि चंद्रलोक कॉम्प्लेक्स स्थित सोनू साइबर कैफे से फर्जी प्रमाणपत्र तैयार किए जा रहे हैं. सूचना की पुष्टि के लिए डीएसपी कनिष्क श्रीवास्तव के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई.
योजना बना कर पकड़ा गया रंगे हाथ
योजना के तहत तकनीकी टीम के एक सदस्य को छात्र बनाकर नकली सर्टिफिकेट लेने भेजा गया. कैफे में बैठे आरोपी ने मात्र 25 मिनट में प्रमाणपत्र तैयार कर दिया और इसके बदले 500 रुपये की मांग की. जैसे ही पैसे और सर्टिफिकेट का लेन-देन हुआ, पहले से मौजूद पुलिस टीम ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया. इसके साथ ही कैफे में मौजूद पांच अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. छापेमारी में पुलिस ने छह सीपीयू, तीन लैपटॉप, सात मॉनिटर और 40,700 रुपये नकद बरामद किए. इस पूरे अभियान में डीएसपी कनिष्क श्रीवास्तव के साथ दारोगा शिव कुमार सुमन, इंस्पेक्टर राकेश कुमार, प्रशांत कुमार, अमित कुमार, संतोष कुमार, ऋतु कुमारी और कई अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे
इन आरोपियों की हुई गिरफ्तारी
गिरफ्तार लोगों में हुसैनाबाद निवासी सरगना मुहम्मद शाहनवाज उर्फ सोनू, हबीबपुर के मुहम्मद अकरम, अमरपुर (बांका) के मनोहर मंडल, शाहजंगी निवासी मुहम्मद अमरुद्दीन, मोहिबअली चक के मुहम्मद अमन और इशाकचक के मुहम्मद आफरीद शामिल हैं.
इन राज्यों तक फैला था फर्जी नेटवर्क
भागलपुर में पकड़े गए फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह की पहुंच सिर्फ बिहार तक ही सीमित नहीं थी. सरगना शाहनवाज हुसैन उर्फ सोनू के तार दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और झारखंड तक जुड़े पाए गए हैं. पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह गिरोह आठवीं कक्षा से लेकर ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन तक के डिग्री सर्टिफिकेट तैयार करता था. इसके अलावा एनसीसी, संस्कृत और हिंदी साहित्य, बी-एड, नर्सिंग से लेकर मेडिकल क्षेत्र के बीएचएमएस और डीएचएमएस तक के सर्टिफिकेट भी नकली तरीके से बनाकर बेचता था.
एजेंटों की डिमांड पर होते थे सर्टिफिकेट तैयार
जांच में पता चला कि मेरठ, अलीगढ़, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, रामपुर, जमशेदपुर, धनबाद और सीमांचल के जिलों में भी इस गिरोह के एजेंट सक्रिय थे. इन्हीं एजेंटों की डिमांड पर सर्टिफिकेट तैयार किए जाते थे और छात्रों को बेचे जाते थे. इसी कड़ी को पकड़ने के लिए भागलपुर साइबर थाना की टीम ने तकनीकी स्टाफ को छात्र बनाकर भेजा और मौके पर गिरोह के सरगना समेत उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया.