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बिहार में जमीन खरीद-बिक्री के लिए ये दस्तावेज होंगे जरूरी, धोखाधड़ी से बचने के लिए अपनाएं ये सावधानियां


Bihar Land Registry: बिहार में जरूरी कागजात के बिना जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकती, इसलिए खरीदते समय सबसे पहले पहचान-पता के प्रमाण (आधार/पैन) होना जरूरी है, फिर जमीन के पुराने कागज जैसे खसरा-नंबर/खतौनी, जमीन का नक्शा और पिछले मालिकाना हक के दस्तावेज दिखाने होंगे, साथ ही खरीदार-विक्रेता के बीच का बिक्री-अनुबंध होना चाहिए. रजिस्ट्री से पहले यह भी चेक कर लें कि जमीन पर कोई बकाया कर, भू-राजस्व या अन्य देनदारी तो नहीं है, अगर है तो इसे पहले निपटाना होगा. धोखाधड़ी से बचने के लिए जमीन का फिज़िकल सर्वे करवाएं, कागजात किसी वकील से जांच कराएं और भुगतान हमेशा बैंक या डिजिटल माध्यम से ही करें.

पहचान प्रमाण होगी सबसे जरूरी

रजिस्ट्री कराने के लिए सबसे पहले आपकी पहचान पक्की होनी चाहिए. आधार कार्ड को पहचान और पते के सबूत के तौर पर जरूरी कर दिया गया है. बड़ी जमीन या प्रॉपर्टी खरीदने वालों के लिए पैन कार्ड भी अनिवार्य है, ताकि टैक्स विभाग सब पर नजर रख सके और काले धन की रोकथाम हो.

ये है मुख्य दस्तावेज  

खरीद-बिक्री के समय खसरा नंबर, खतौनी, भूमि का नक्शा और मालिकाना हक से जुड़े पुराने कागज दिखाना जरूरी होता है. साथ ही, खरीदार और विक्रेता के बीच किया गया सेल डीड (बिक्री अनुबंध) भी मुख्य दस्तावेज है.

रजिस्ट्री से पहले करनी होगी बकाया जांच

जमीन लेने से पहले यह देखना जरूरी है कि उस पर कोई कर, भू-राजस्व या अन्य सरकारी बकाया तो नहीं है. अगर कोई देनदारी निकलती है तो रजिस्ट्री से पहले उसका भुगतान करना पड़ेगा, वरना बाद में समस्या आ सकती है.

ऐसे बचें धोखाधड़ी से

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जमीन खरीदने से पहले उस जगह का सर्वे खुद करें, कागजों को किसी वकील से दिखाएं और पेमेंट हमेशा बैंकिंग माध्यम से ही करें. नकद देने से बचें, क्योंकि इसमें गड़बड़ी की संभावना रहती है.

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