Bihar News: बिहार सरकार ने शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है. राज्य के 25,000 मध्य विद्यालयों में दो-दो स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए जाएंगे. इस तरह कुल 50,000 क्लासरूम बच्चों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ेंगे. योजना का क्रियान्वयन बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के तहत होगा. टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद काम अक्टूबर से शुरू होकर मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
रेलटेल को मिला बड़ा ऑर्डर
स्मार्ट क्लासरूम निर्माण की जिम्मेदारी रेलटेल कॉर्पोरेशन को दी गई है. कंपनी को इसके लिए 2,621 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है. इस योजना से खासकर ग्रामीण इलाकों के छात्र लाभान्वित होंगे. कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को कंप्यूटर लैब, स्मार्ट बोर्ड और डिजिटल टीवी जैसी सुविधाएं मिलेंगी. प्रत्येक क्लासरूम में दो डिजिटल टीवी और कंप्यूटर सिस्टम लगाए जाएंगे.
वारंटी और रखरखाव की व्यवस्था
योजना के अंतर्गत एजेंसी को तीन साल की अतिरिक्त वारंटी और दो साल की स्टैंडर्ड वारंटी देने की शर्त रखी गई है. इससे उपकरणों के रखरखाव में आसानी होगी और लंबे समय तक स्कूलों को डिजिटल संसाधन मिलते रहेंगे.
जिले स्तर पर मिलेगा लाभ
प्रत्येक जिले में 200 से अधिक मध्य विद्यालय इस योजना के अंतर्गत आएंगे. हाल ही में ई-शिक्षाकोष के तहत प्रधानाध्यापकों से स्मार्ट क्लासरूम की मांग पर राय ली गई थी, जिसमें 569 स्कूलों ने इसे आवश्यक बताया. वित्त विभाग पहले ही 31,297 मिडिल स्कूलों में स्मार्ट क्लास की मंजूरी दे चुका है.
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
फिलहाल बिहार के केवल 96 मिडिल स्कूलों और 285 हाई स्कूलों में ही स्मार्ट क्लास मौजूद हैं. पूरे देश में 35% सरकारी स्कूल डिजिटल सुविधाओं से लैस हैं, जबकि बिहार 19.6% के साथ काफी पीछे है. यह योजना इस अंतर को कम करेगी. दिसंबर से बच्चों को नई सुविधाएं धीरे-धीरे उपलब्ध कराई जाएंगी.
अगले चरण में 40,566 प्राइमरी स्कूलों को स्मार्ट क्लास से जोड़ा जाएगा. लक्ष्य है कि राज्य के सभी 71,863 सरकारी स्कूल डिजिटल शिक्षा से लैस हो जाएं. इस पहल से बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी और शिक्षक भी तकनीकी साधनों से पढ़ाने में सक्षम होंगे.
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