Bihar News: राज्य के मत्स्य किसानों को सशक्त बनाने के लिए बिहार सरकार विशेष पहल कर रही है. इसके तहत मत्स्य किसानों को भी सामान्य किसानों की तरह सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप सेट दिए जाएंगे. इसके लिए राज्य सरकार मत्स्य तालाब के विकास के लिए जलकृषी सौरीकरण योजना के तहत बोरिंग सह सोलर सबमर्सिबल पम्पसेट स्थापित करने की योजना लाई है. इस योजना के तहत मत्स्य विभाग द्वारा जहानाबाद जिले के लिए इस वर्ष 40 लाख खर्च किया जाएगा. योजना के तहत जिले के 8 मछली पालन करने वाले किसानों को लाभ दिया जायेगा.
मिलेंगी ये सुविधाएं
मिली जानकारी के अनुसार बोरिंग सह सोलर सबमर्सिबल पंप सेट स्थापना की योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप सेट उपलब्ध कराए जाते हैं. योजना में सरकार किसानों को पंप सेट की खरीद पर सब्सिडी प्रदान करती है. यह योजना किसानों को स्थायी और किफायती सिंचाई व्यवस्था प्रदान करने में मदद करती है.
इन्हें मिलेगा योजना का लाभ
बता दें कि ऐसे किसान जिन्होंने अभी तक स्थायी विद्युत कनेक्शन नहीं लिया है या सोलर पंप लगने के बाद स्थायी विद्युत कनेक्शन कटवाने के लिए सहमति प्रदान करेंगे वह इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं. सरकार की तरफ से मत्स्य किसानों को सौर पंप सेट देने की इस योजना के लिए कुछ मापदंड तय किया है.
0.25 से एक एकड़ में होगा तालाब
कम से कम 25 डिसमिल में मछली पालन वालों को योजना का लाभ मिलेगा. वैसे किसान जिनका तालाब 0.25 से एक एकड़ में है तथा मत्स्य पालन कर रहे हैं, उन्हें हीं इस योजना का लाभ दिया जायेगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए वह ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
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80 प्रतिशत राशि अनुदान देगी सरकार
इस योजना के तहत बोरिंग एवं सोलर पंप सेट स्थापित करने के लिए 5 लाख की लागत तय की गई है. बता दें कि इसके लिए 7.5 एचपी का सबमर्सिबल पंप लगाना होगा, जो सरकार द्वारा निर्धारित एजेंसी से किसान खरीद सकते हैं. इसका 80 प्रतिशत राशि सरकार अनुदान के रूप में देगी. सौर ऊर्जा का उपयोग करने से बिजली बिलों पर होने वाले खर्च में कमी आयेगी, तथा किसानों का मुनाफा बढेगा. यह योजना पर्यावरण के अनुकूल है. इससे किसानों को मत्स्य पालन के साथ-साथ उनकी फसलों की सिंचाई के लिए एक विश्वसनीय स्रोत मिलेगा.
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