Aaj ka Mausam Bihar: बिहार में मानसून का मिजाज बिगड़ चुका है. रविवार से शुरू हुई झमाझम बारिश ने पूरे प्रदेश को अपनी चपेट में ले लिया है. राजधानी पटना समेत गया, भोजपुर, मुंगेर, समस्तीपुर और किशनगंज जैसे जिलों में लगातार भारी बारिश हो रही है.
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए साफ कहा है कि अगले पांच दिनों तक स्थिति में कोई सुधार नहीं होगा. इस दौरान न केवल अति भारी बारिश बल्कि ठनका गिरने और नदियों के जलस्तर बढ़ने का खतरा भी मंडराता रहेगा. गंगा और कोसी जैसी नदियां उफान पर हैं और बाढ़ का खतरा लगातार गहराता जा रहा है.
अंधेरा और बादलों का डेरा
रविवार को पटना की सुबह सामान्य रही, लेकिन दोपहर होते-होते आसमान पर घने बादलों का कब्जा हो गया. देखते ही देखते चारों ओर अंधेरा छा गया. मानो दिन में रात उतर आई हो. इसके बाद जो बारिश शुरू हुई, वह देर रात तक जारी रही. राजधानी ही नहीं, गया, जहानाबाद और भोजपुर जैसे जिलों में भी इसी तरह का नजारा देखने को मिला.
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने साफ कर दिया है कि यह स्थिति अगले पांच दिनों तक बनी रहेगी.
बारिश का बदलता मिजाज और वैज्ञानिक वजह
पूर्वोत्तर बांग्लादेश और असम के ऊपर बने चक्रवात ने बिहार के मौसम को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है. ऊपरी हवा में बने इस सिस्टम के साथ ही बंगाल की खाड़ी में सक्रिय लो-प्रेशर एरिया ने हालात और गंभीर कर दिए हैं. समुद्र से आ रही नमी बिहार के आसमान पर भारी बारिश के रूप में बरस रही है.
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी मानसून सक्रिय है और इसका असर 20 सितंबर तक कम होने की संभावना नहीं है.
किन जिलों में है खतरे की घंटी
आईएमडी की चेतावनी के मुताबिक, बिहार के 13 जिले फिलहाल भारी से अति भारी बारिश की जद में हैं. किशनगंज, अररिया, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, वैशाली, सारण, समस्तीपुर और खगड़िया में अगले पांच दिनों तक अति भारी बारिश की संभावना है. वहीं, पटना, मुंगेर, भोजपुर, बेगूसराय और शेखपुरा जैसे जिलों में भी बारिश का दौर लगातार बना रहेगा.
बारिश के साथ-साथ ठनका गिरने की घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है. मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी दी है कि उत्तर और दक्षिण बिहार के कई इलाकों में वज्रपात की संभावना है. ग्रामीण इलाकों में खेतों और खुले स्थानों पर मौजूद लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है. पिछले वर्षों में ठनका गिरने से बिहार में बड़ी संख्या में जान-माल का नुकसान होता रहा है, इसलिए यह चेतावनी बेहद अहम मानी जा रही है.
गंगा और कोसी का बढ़ता जलस्तर
लगातार हो रही बारिश का सीधा असर बिहार की नदियों पर दिखने लगा है। गंगा, कोसी और बागमती जैसी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. कई जगहों पर कटाव शुरू हो गया है और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश का असर भी बिहार पर पड़ रहा है, क्योंकि वहां से गंगा में पानी का दबाव और बढ़ गया है.
यलो अलर्ट पर पूरा बिहार
मौसम विभाग ने पूरे बिहार में अगले पांच दिनों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है. इसका मतलब साफ है कि खतरा टला नहीं है. हर जिले में सतर्कता और तैयारी की जरूरत है. विशेषकर उत्तर बिहार में जहां नदियों का जलग्रहण क्षेत्र पहले से ही भर चुका है, वहां किसी भी वक्त बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है.
पटना का मौसम
राजधानी पटना में सोमवार सुबह से ही बादलों का डेरा रहा. तापमान में गिरावट दर्ज की गई. अधिकतम तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है. हालांकि लगातार बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है, लेकिन अब जलजमाव और यातायात की दिक्कतें नई समस्या के रूप में सामने आ रही हैं.
बारिश के साथ बढ़ता खतरा
बिहार में बारिश अब राहत से ज्यादा आफत बन चुकी है. खेतों में फसल डूब रही है, शहरों में जलजमाव आम जिंदगी को मुश्किल बना रहा है और गांवों में कटाव से घर उजड़ने लगे हैं. मौसम विभाग की मानें तो अभी हालात सुधरने वाले नहीं हैं. ऐसे में राज्य के लोगों के लिए यही संदेश है—सावधानी और सतर्कता ही सुरक्षा है.
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