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सोशल मीडिया पर संवेदनशील जानकारियां साझा करने से बचें


किस्को़ साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर प्रभात खबर द्वारा चलाये जा रहे साइबर जागरूकता अभियान के तहत उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेठहठ में रविवार को संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में बगड़ू थाना प्रभारी दिनेश कुमार, शिक्षक, शिक्षिकाएं, विद्यार्थी और ग्रामीण उपस्थित थे. प्रधानाध्यापक ने विद्यार्थियों और अभिभावकों को बताया कि मोबाइल का सही उपयोग ही साइबर अपराध जैसे गंभीर अपराधों से बचाव का पहला कदम है. उन्होंने कहा कि घर और परिवार में जागरूकता फैलाकर ही साइबर अपराधों के जाल से बचा जा सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि देश में साइबर अपराध बड़ी चुनौती बन चुका है. अनजान कॉल या संदेश पर ओटीपी साझा न करें : थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने कहा कि मोबाइल जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है. सूचना, कारोबार और मनोरंजन के लिए लोग मोबाइल पर निर्भर हैं, लेकिन इसका दुरुपयोग हमें खतरों के सामने ला सकता है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर संवेदनशील जानकारी साझा न करें, कभी भी अपनी जन्मतिथि, पता, फोन नंबर और बैंक खाते की जानकारी न दें. सोशल मीडिया प्रोफाइल सुरक्षित रखें और केवल करीबी मित्रों को ही जानकारी देखने दें. डिजिटल अरेस्टिंग जैसी ठगी से बचने के लिए अनजान कॉल या संदेश पर ओटीपी साझा न करें. इससे आप अपने बैंक खाते, मोबाइल और लैपटॉप को हैक होने से बचा सकेंगे और साइबर स्कैम के अन्य खतरों से भी सुरक्षित रहेंगे. बताया गया कि किसी भी संदिग्ध लेन-देन को रोकने के लिए 1930 पर कॉल करके 30 मिनट के भीतर ट्रांजेक्शन रोका जा सकता है. ट्रैक्टर व अन्य सामग्री देने के नाम पर धीरे-धीरे ठगी की जाती है, जागरूक बनें, ओटीपी शेयर न करें, मुफ्त वस्तुओं का लालच में न आयें. अनजान नंबर से आये फोन न उठायें, कोई भी समस्या हो तो समाधान के लिए बातों को जानकारों व पुलिस को शेयर करें. 112 में डायल कर तीन फायदे का लाभ उठा सकते है़ं पुआल व कहीं आग लगने पर, दुर्घटना होने पर, मारपीट व छिन्नतई होने पर 112 डायल करे़ं पुलिस के साथ-साथ संबंधित विभाग भी आपकी सेवा में उपस्थित रहेगी. टोल फ्री नंबर पर डायल कर आप एक साथ तीन फायदे ले सकते हैं. मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें : सिंकू प्रसाद केशरी साइबर अपराधों से बचने के लिए, मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें, सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी साझा करने से बचें, अज्ञात इमेल या लिंक पर क्लिक न करें और अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें. इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करते समय सावधानी बरते़ं दीपशिखा मिंज ने कहा : ऑनलाइन गतिविधियों के दौरान लोगों को सतर्क रहना चाहिए. संदिग्ध लिंक, अनजान इमेल या मैसेज पर क्लिक नहीं करना चाहिए. ऑनलाइन खरीदारी या बैंकिंग के लिए हमेशा विश्वसनीय और सुरक्षित वेबसाइट्स का ही इस्तेमाल करना चाहिए. घर-परिवार के लोगों को भी जागरूक करें : किरण मिंज मोबाइल ने हमें खतरों के समक्ष भी ला खड़ा किया है. मोबाइल का सही उपयोग कर ही साइबर क्राइम जैसे गंभीर अपराध से बचा सकता है. अपने घर-परिवार में भी इसे लेकर जागरूक करें. जागरूकता से ही साइबर अपराध जैसे जाल से हम बच सकते हैं. सख्त कानून की आवश्यकता : शबनम कुजूर साइबर अपराध, जो कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग करके किये जाते हैं. यह एक बढ़ती हुई समस्या है. इसके कारणों में तकनीकी कमियां, जागरूकता की कमी, और अपराधियों की मंशा शामिल है. रोकथाम के लिए, मजबूत सुरक्षा उपाय, जागरूकता अभियान, और सख्त कानून की आवश्यकता है. विकास कुमार दुबे ने कहा : कई लोग साइबर अपराध के खतरों और उनसे बचने के तरीकों से अनजान होते हैं. जिससे वे आसानी से शिकार बन जाते हैं. साइबर अपराध से निपटने के लिए और पर्याप्त कानून होने चाहिए. जिससे कि अपराधियों को कड़ी सजा हो सके. जागरूकता अभियान जरूरी : संजय कुमार घर के बड़े बुजुर्गों व शिक्षकों से साइबर अपराध को लेकर निरंतर जानकारी मिलती है. बताया जाता है कि इसमें लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं. चंद मिनट में यह शिकार हो सकता है. ऐसे में इसकी रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान जरूरी है. छात्र प्रिंस तिर्की ने कहा : देशभर में साइबर अपराधियों के के द्वारा ठगी के मामले समाचार पत्र के माध्यम से प्राप्त होती है. यह मामला दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है इस पर रोक लगनी चाहिए. सोनी कुमारी ने कहा : साइबर अपराध की खबरें अक्सर सुनने को मिलती हैं . इसमें लोग अपनी गाढ़ी कमाई को अनजान वर्ष गंवा देते है. साइबर अपराध कर रहे अपराधियों पर सरकार को कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. हर वर्ग के लोग चिंतित : जैसमीन तिर्की साइबर अपराध के बढ़ते ग्राफ को लेकर हर वर्ग के लोग चिंतित हैं. हर वर्ग के लोगों में साइबर अपराध की रोकथाम को लेकर नए कदम उठाए जाने की बात कही जा रही हैं. सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए. मनीषा मिंज ने कहा : साइबर अपराध की रोकथाम में जागरूकता एक सबसे अहम कदम मानी जा सकती है. लोग अनजान में साइबर अपराध के चंगुल में फंस जाते हैं. और आसानी से ठगी का शिकार हो जाते हैं.

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