CM Women Employment Scheme: महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना में आवेदन की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. ग्रामीण इलाकों में जहां 93 लाख से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया है.
वहीं शहरी क्षेत्रों से भी 30 लाख महिलाओं ने आवेदन कर योजना को ऐतिहासिक बना दिया है. इस बीच अनियमितता की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 55 जीविका कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है.
ग्रामीण महिलाओं की भारी भागीदारी
योजना का सबसे बड़ा असर ग्रामीण बिहार में देखा जा रहा है. गांव की महिलाएं इस योजना को नए अवसर के रूप में देख रही हैं. शुक्रवार की शाम तक 93 लाख महिलाओं का आवेदन करना यह साबित करता है कि रोजगार और स्वावलंबन की चाह उनमें कितनी गहरी है.
खेत-खलिहान और घरेलू कामकाज तक सीमित मानी जाने वाली महिलाएं अब योजनाओं के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति बदलने का सपना देख रही हैं.
शहरी महिलाओं की सक्रियता
ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी महिलाओं ने भी योजना को हाथों-हाथ लिया है. अब तक 30 लाख महिलाओं ने पोर्टल के जरिए आवेदन जमा कराए हैं. हालांकि, शहरी क्षेत्र में आवेदन की प्रक्रिया अलग रखी गई है. यहां महिलाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है. पोर्टल पर नाम, पता, आयु, पारिवारिक विवरण और अन्य आवश्यक जानकारियां अपलोड करने के बाद ही आवेदन मान्य होता है.
शहरी क्षेत्रों में इस योजना के लाभ के लिए 18 से 60 वर्ष की आयु सीमा तय की गई है. इसके अलावा, आवेदक महिला के पति सरकारी या संविदा कर्मचारी नहीं होने चाहिए. यदि पति आयकरदाता हैं, तो महिला इस योजना के लिए पात्र नहीं मानी जाएगी। इस शर्त का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लाभ केवल उन्हीं तक पहुंचे जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है.
अनियमितताओं पर सख्ती
इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आने के बीच यह भी सामने आया कि कुछ जीविका कर्मियों ने गड़बड़ी करने की कोशिश की. इन पर कार्रवाई करते हुए राज्यभर में 55 कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया. जीविका के सीईओ हिमांशु शर्मा ने साफ कहा कि योजना की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और किसी भी तरह की गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने महिलाओं और आम लोगों से भी अपील की कि अगर कहीं अनियमितता दिखे तो तुरंत शिकायत करें.
पोर्टल लॉन्च और तकनीकी सुविधा
शहरी महिलाओं के लिए आवेदन को सरल बनाने के उद्देश्य से बुधवार को आधिकारिक पोर्टल लॉन्च किया गया. जीविका की वेबसाइट पर इस योजना का लिंक उपलब्ध है. जैसे-जैसे आवेदन की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे यह पोर्टल भी महिलाओं की सुविधा का केंद्र बन गया है.
डिजिटल माध्यम के जरिए महिलाएं अब अपने घर बैठे इस योजना में भाग ले पा रही हैं, जिससे उन्हें दफ्तरों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल रही है.
महिलाओं में आत्मनिर्भरता की उम्मीद
योजना से मिलने वाला आर्थिक सहयोग न सिर्फ महिलाओं की आजीविका बढ़ाएगा, बल्कि समाज में उनकी स्थिति को भी मजबूत करेगा. गांव से लेकर शहर तक महिलाएं अब यह महसूस कर रही हैं कि उनके पास भी अपने दम पर खड़े होने का मौका है.
रोजगार के अवसर मिलने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा और परिवार की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी.
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