Doctor Advice: धनबाद-इन दिनों लोगों में तीन बीमारियां सबसे ज्यादा देखने को मिल रही हैं गॉल ब्लैडर में स्टोन, हर्निया और अपेंडिक्स का दर्द. गॉल ब्लैडर और अपेंडिक्स में परेशानी का मुख्य कारण पानी की कमी और डिहाइड्रेशन है. वहीं हर्निया के रोगियों की संख्या बढ़ने का कारण मसल्स की कमजोरी है.यह जानकारी शुक्रवार को प्रभात खबर कार्यालय में आये जनरल सर्जन डॉ सुनील कुमार नायक ने दी. डॉ सुनील ने कहा कि ब्लैडर में स्टोन, हर्निया व अपेंडिक्स के दर्द की समस्या खासकर उन लोगों में ज्यादा देखी जा रही है जो अनियमित खानपान, कम पानी पीने और व्यायाम न करने की आदतों से ग्रसित हैं. चिंताजनक बात यह है कि इनमें से कई मामलों में सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचता है. उन्होंने बताया कि अभी के समय में कैंसर सबसे बड़ी दिक्कत बन रहा है. लोगों को अगर लगातार पेट में दर्द के साथ काले या लाल रंग का स्टूल हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर की सलाह मानें. एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि लोग अक्सर चोट लगने से घाव होने पर पानी से बचते हैं. उन्हें लगता है कि पानी नहीं लगाने पर वह तुरंत सूख जाएगा. जबकि ऐसा नहीं है, घाव होने पर उसे पानी से धोना चाहिए और उसे सुखाकर ड्रेसिंग करनी चाहिए, इससे वे इन्फेक्शन से बच सकते हैं. इस दौरान लोगों ने फोन कर डॉक्टर को अपनी समस्याएं बतायी और परामर्श लिया. पढ़ें लोगों के सवाल व डॉक्टर की सलाह.
ऑपरेशन के बाद इंफेक्शन हो गया है क्या करें?
स्टील गेट से संतोष कुमार ने पूछा : कुछ समय पहले ऑपरेशन हुआ था, वहां अब इंफेक्शन हो गया है क्या करें?
डॉक्टर की सलाह : ऑपरेशन की जगह को आप नियमित रूप से साफ नहीं कर रहे हैं. उसे नियमित रूप से पानी से साफ करें और उसे अच्छी तरह सूखाकर ड्रेसिंग करें. आप ड्रेसिंग के समय सुखाने के लिए किसी ऑइंटमेंट का इस्तेमाल भी कर सकते है. घाव को हमेशा साफ पानी से साफ करें.
हीरापुर से एसके सिंह ने पूछा : कुछ समय पहले पत्नी का कान कट गया था, अब ठीक हो गया है, वापस से उसे छेदवा सकते हैं?
डॉक्टर की सलाह : हां अगर घाव पूरी तरह से सूख गया है तो आप दोबारा से कान में छेद करा सकते हैं, मगर पहले जहां कराया था वहां नहीं दूसरी जगह.
बोकारो से अमृत कुमार ने पूछा : मुझे अपेंडिक्स से कोई दिक्कत नहीं है, मगर मैं उसे हटाना चाहता हूं, अभी हटा सकते है?
डॉक्टर की सलाह : वैसे तो अपेंडिक्स का कोई काम नहीं है, मगर वह इन्फेक्शन होने पर कीटाणुओं को फिल्टर करता है. फिर भी अगर आप अपेंडिक्स हटाना चाह रहे हैं तो कोइ दिक्कत नहीं है, आप उसे हटा सकते है. वह जगह अपने आप भर जाएगी.
पैर का घाव सूख नहीं रहा है क्या करें?
न्यू बिशुनपुर से अशोक कुमार ने पूछा : कुछ समय पहले एक्सीडेंट हुआ था, पैर का घाव सूख नहीं रहा है क्या करें?
डॉक्टर की सलाह : पैर पर ज्यादा प्रेशर रहता है. जिस वजह से पैर के घाव सूखने में समय लेते हैं. आप लगातार उसे साफ करके सूखा कर ड्रेसिंग करते रहें. जब भी बैठे तो पैर ऊपर करके बैठे और पैर को जितना हो सके कम हिलायें.
बोकारो से मंजु ने पूछा : पेट में दर्द होता है, स्टूल में कोई दिक्कत नहीं है, क्या यह कैंसर का लक्षण है?
डॉक्टर की सलाह : पेट में अगर लगातार दर्द के साथ-साथ गांठ भी हो रहा है व इसके साथ स्टूल काला व लाल रंग का हो रहा है, तो जांच करा लें. हो सकता है आपको पेट का कैंसर है. इसके लिए जांच के बाद आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
महुदा से नीरज ने पूछा : पैंक्रियाज में सूजन हो गया है, क्या करें?
डॉक्टर की सलाह : ऐसी दिक्कत ज्यादा शराब पीने से होती है. शराब का सेवन कम करें और खास कर खाली पेट तो बिल्कुल भी नहीं पीयें. डॉक्टर की सलाह पर दवा लें. अपने आप सूजन कम हो जाएगा. सूजन कम होने के बाद अगर गॉल ब्लैडर में स्टोन है तो उसे निकलवा लें..
झिनझीनी और दर्द रहे तो क्या करें?
हीरापुर से राजू यादव ने पूछा : बाएं हाथ व पैर में झिनझीनी रहती है, इसके साथ साथ पैर में दर्द भी रहता है, क्या करें?
डॉक्टर की सलाह : इसके लिए आप सबसे पहले गर्दन की जांच कराएं. हो सकता है आपकी कोई नस दब गयी हो. इससे बचने के लिए आप रोजाना व्यायाम करना शुरू करे और किसी न्यूरोसर्जन से सलाह लें.
गिरिडीह से श्यामनारायण ने पूछा : प्रोस्टेट 19 ग्राम का हो गया है. ऑपरेशन करा सकते है या नहीं?
डॉक्टर की सलाह : दवा से अगर प्रोस्टेट कंट्रोल नहीं हो रहा और अंदर की तरफ बढ़ रहा है, तब आप ऑपरेशन करा सकते है. वहीं अगर प्राेस्टेट बाहर की तरफ बढ़ रहा है, तो जांच करा लें. हो सकता की यह कैंसर का लक्षण है.
धनबाद से रामेश्वर महतो ने पूछा : हाथ-पैर कांपते हैं. गुस्सा होने पर हाथ-पैरों का कांपना और तेज हो जाता है, क्या करें?
डॉक्टर की सलाह : यह घबराहट की वजह से होता है. इसके लिए काउंसिलिंग सबसे सही होता है. इसके साथ ही थायरॉइड की भी जांच करा लें. यह दिक्कत बीपी होने की वजह से भी हो सकता है. इसकी जांच भी करा लें और फिजिशियन से सलाह लें.
धनबाद से सत्यनारायण ने पूछा : उम्र 72 साल हो गयी है. पैर की नस किट-किट करती है, क्या करें?
डॉक्टर की सलाह : यह न्यूरोपैथी है, ऐसा लंबे समय से शुगर होने के वजह से होता है. शुगर की जांच करा लें और फिजिशियन से सलाह लें.
डॉक्टर ने बताया क्या करें?
दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
नियमित रूप से हल्का व्यायाम व योग करें
संतुलित और पौष्टिक भोजन लें
जंक फूड और अधिक तैलीय भोजन से बचें
लक्षणों को नजरअंदाज न करें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
घाव की ड्रेसिंग हमेशा उसे सुखाकर करें
क्या ना करें?
लंबे समय तक बॉडी का मूवमेंट बंद ना करें
बहुत जरूरत न होने पर लिफ्ट का इस्तेमाल ना करें
शरीर में सूजन व गांठ होने पर उसे नजरअंदाज ना करें
उपवास में पानी पीना बंद नहीं करें
घाव को बिना सुखाये उस कवर ना करें
लंबे समय तक खाली पेट न रहें
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